Monday, December 23, 2024
HomeIndian Newsक्या नृत्य सिर्फ हिंदू धर्म का ही प्रतीक है?

क्या नृत्य सिर्फ हिंदू धर्म का ही प्रतीक है?

नृत्य को सामान्यत हिंदू धर्म का ही प्रतीक माना जाता है! हिंदू धर्म में नृत्य का खासा महत्व है। नृत्य त्योहारों का न केवल एक अभिन्न हिस्सा माना गया है बल्कि इसे परमात्मा से जुड़ने के एक तरीके के रूप में भी देखा जाता है। हालांकि दूसरे धर्मों में ऐसा नहीं है। हिंदू धर्म में जिन चीजों को मानते हैं उनमें से एक नृत्य भी है। हिंदू देवता नृत्य करते हैं। नटराज भगवान शिव के ही रूप हैं जब शिव तांडव करते हैं तो उनका यह रूप नटराज कहलाता है। वहीं शेषनाग के फन पर या गोपियों संग नृत्य करते भगवान कृष्ण। गणेश नृत्य करते हैं और देवी काली नृत्य में शिव के साथ प्रतिस्पर्धा करती हैं। न केवल देवता नृत्य करते हैं बल्कि हम अक्सर अप्सराओं के बीच नृत्य प्रतियोगिताओं के बारे में भी सुनते आए हैं। भारत ही नहीं दूसरे देशों में भारतीय परंपराओं को दिखाया जाता है। बैंकॉक में आज भी 1,000 साल पहले के भारतीय परंपराओं को दिखाया जाता है जिसमें नृत्य का जिक्र है। हमें आज भी ऐसे मंदिर मिलते हैं जहां देवताओं के सामने नृत्य किया जाता है। दुनिया भर में खासकर आदिवासी समुदाय के बीच सामाजिक और धार्मिक कार्यक्रमों नृत्य के जरिए जश्न मनाया जाता है।

लोगों के बीच अच्छी बांडिंग के लिए नृत्य का खासा महत्व है। नृत्य त्योहारों को मनाने और हिंदू धर्म में संस्कारों का एक अभिन्न अंग है। लोग शादियों के दौरान डांस करते हैं। लोग देवताओं की झांकी निकालते वक्त नृत्य करते हैं। नृत्य को कई बार दिव्यता के साथ रहस्यमय संस्कार के रूप में भी देखा जाता है। नृत्य हिंदू मंदिरों का एक अभिन्न अंग रहा है। वेदों में देवताओं के नृत्य करने का उल्लेख है। हालांकि पूजा के केंद्र के रूप में नृत्य बाद में सामने आया। कई बार नृत्य को एक ऐसे माध्यम के रूप में भी देखा गया जिसके जरिए कठिन से कठिन विचारों का संचार किया जा सकता है। अपनी बात को समझाने का एक यह बेहतर तरीका भी है। नृत्य और भी दिव्य माध्यम तब बनता है जब जिसके जरिए विचारों का संचार किया जाता है। यह सिर्फ मनोरंजन नहीं है, बल्कि एक तरह की भाषा है।

दूसरे धर्म में नृत्य प्रथाओं को लेकर अलग-अलग मत है। इसका विरोध करने वाले धर्म को मौन और पवित्रता से जुड़ी एक गंभीर इकाई के रूप में देखते हैं। ईसाई परंपराओं में नृत्य मूर्तिपूजा से जुड़ा था। पुराने नियम में, राजा डेविड को वाचा के सन्दूक के सामने नृत्य करने के लिए फटकार लगाई गई। कई जगहों पर नृत्य को दासों और बर्बर लोगों की गतिविधि के रूप में देखा गया है। इस्लाम में नृत्य हराम है। अरब आदिवासी समुदायों में नृत्य की कुछ प्रथाएं मिलती हैं, लेकिन केवल पुरुष-पुरुष और और महिला-महिला के बीच ही। मनोरंजन करने के लिए नृत्य करने के विचार को कामुक, पापी और राजाओं के हरम से जुड़ा हुआ माना जाता है। मठवासी परंपराओं में, नृत्य को एक अत्यंत कामुक गतिविधि के रूप में देखा जाता है। बौद्ध धर्म और जैन धर्म में ऐसे ही देखा गया है। यहां शरीर को प्रलोभन के रूप में देखा गया है और वे नृत्य से परहेज करते हैं।

भाषा के रूप में नृत्य है इसलिए नृत्य हिंदू धर्म में परंपराओं का हिस्सा है। लेकिन नृत्य की सराहना वैश्विक संस्कृति में गायब है। आज भी गणेश उत्सव और नवरात्रि के दौरान नाच-गाना पश्चिमी पर्यटकों को अजीब लगता है। मस्जिद या चर्च में ऐसा कुछ भी नहीं देखने को मिलता है।अरब आदिवासी समुदायों में नृत्य की कुछ प्रथाएं मिलती हैं, लेकिन केवल पुरुष-पुरुष और और महिला-महिला के बीच ही। मनोरंजन करने के लिए नृत्य करने के विचार को कामुक, पापी और राजाओं के हरम से जुड़ा हुआ माना जाता है। मठवासी परंपराओं में, नृत्य को एक अत्यंत कामुक गतिविधि के रूप में देखा जाता है। बौद्ध धर्म और जैन धर्म में ऐसे ही देखा गया है। यहां शरीर को प्रलोभन के रूप में देखा गया है और वे नृत्य से परहेज करते हैं। हज या वेटिकन सिटी में नृत्य नहीं है। यहां तक कि सिख धर्म में कुछ ही आयोजनों तक ही सीमित है और धार्मिक समारोह का हिस्सा नहीं है। वहीं पुरी की रथ यात्रा के दौरान नृत्य उसका का एक हिस्सा है, जहां लोग नृत्य करते हुए रथयात्रा में आगे बढ़ते हैं। महाराष्ट्र में श्रद्धालु हर साल पंढरपुर के विट्ठल मंदिर नृत्य करते जाते हैं। दूसरे धर्मों में भले ही ऐसा न हो लेकिन हिंदू धर्म में त्योहार के वक्त या खुशी के वक्त नृत्य एक अहम हिस्सा है।

Disclaimer:

Mojo Patrakar may publish content sourced from external third-party providers. While we make every reasonable effort to verify the accuracy, reliability, and completeness of this information, Mojo Patrakar does not guarantee or endorse the views, opinions, conclusions, or authenticity of content provided by these third-party entities. Such content is presented solely for informational purposes, and it is not intended to substitute professional advice or to serve as a comprehensive basis for decision-making.

Mojo Patrakar expressly disclaims any liability for errors, omissions, or inaccuracies that may arise from third-party content, as well as any reliance readers may place upon it. Users are strongly encouraged to conduct independent verification and consult with qualified professionals as necessary before making any decisions based on information obtained through Mojo Patrakar.

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments