भारत में मंदी के संकेत आ चुके हैं! दुनिया की कई कंपनियों में इन दिनों छंटनी की जा रही है। अभी हाल ही में ट्विटर ने छंटनी की थी। इसके बाद फेसबुक ने भी कर्मचारियों को नौकरी से निकाला है। कंपनियों में लगातार छंटनी की जा रही है। वहीं देश में कई आईटी कंपनियों ने अभी नई हायरिंग पर रोक लगा दी है। इतना ही नहीं कई कंपनियां ऐसी हैं जिन्होंने कैंपस हायरिंग करके ऑफर लेटर दे दिए थे, लेकिन अब इन छात्रों की हायरिंग भी होल्ड कर दी गई है। पिछले कई महीनों से कई ऐसे लोग हैं जो ऑफर लेटर मिलने के बाद भी अपनी ज्वाइनिंग के लिए इंतजार कर रहे हैं। क्या ये मंदी के संकेत हैं? आखिर क्यों दुनियाभर में कंपनियां इस समय कर्मचारियों को निकालने और हायरिंग रोकने पर लगी हुई हैं।
दिग्गज सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक ने बड़े पैमाने पर छंटनी की घोषणा की है। फेसबुक की मूल कंपनी मेटा ने बुधवार को इसकी घोषणा की। मेटा ने कहा कि वह 11,000 से अधिक कर्मचारियों की छंटनी करेगी। कंपनी लागत को कम करने के लिए यह छंटनी करेगी। कंपनी के अनुसार, बढ़ी हुई लागत मुनाफे को खा रही है और इससे राजस्व में गिरावट हो रही है। फेसबुक, इंस्टाग्राम और वॉट्सएप तीनों की पेरेंट कंपनी मेटा प्लेटफॉर्म्स इंक ही है। मेटा में अभी करीब 87,000 कर्मचारी काम करते हैं। कंपनी इनमें से 13 फीसदी कर्मचारियों को बाहर कर रही है।
इससे पहले ट्विटर ने पिछले हफ्ते अपने आधे कर्मचारियों को निकाल दिया था। भारत में तो कंपनी ने 90 फीसदी कर्मचारियों की छुट्टी कर दी थी। माइक्रोसॉफ्ट ने पिछले महीने 1,000 कर्मचारियों की छंटनी की थी। इसके साथ ही राइडशेयर कंपनी Lyft ने भी 13 फीसदी कर्मचारियों की निकालने की घोषणा की है। इसी तरह पेमेंट प्रोसेसिंग फर्म Stripe ने 14 फीसदी कर्मचारियों की छंटनी करने की बात कही है।
ओला कैब ने इस साल बीते महीनों में करीब 2100 लोगों को नौकरी से निकाल दिया है। ई-कॉमर्स सेक्टर की ब्लिंकिट ने 1600 कर्मचारियों का बाहर का रास्ता दिखाया है। एजुटेक इंडस्ट्री की कंपनी व्हाइटहैट जूनियर ने भी लगभग 1300 लोगों को नौकरी से निकाला है। लीडो लर्निंग ने लगभग 1200 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है। अनएकेडमी से भी लगभग 925 कर्मचारियों को निकाला गया है। वेदांतु से लगभग 624 कर्मचारियों को निकाले जाने की खबर है। कार्स24 ने भी इन 6 महीनों में लगभग 600 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला है। हेल्थकेयर सेक्टर की कंपनी एमफाइन ने भी लगभग 600 कर्मचारियों की छंटनी की है। ई-कॉमर्स सेक्टर की कंपनी ट्रेल ने करीब 400 कर्मचारियों को निकाल दिया है। एजुटेक इंडस्ट्री की कंपनी टॉपर ने भी करीब 300 लोगों को निकाल दिया है।
इन दिनों स्टार्टअप्स में भी छंटनी का दौर चल रहा है। कंपनियों का कहना है कि यह छंटनी लागत में कटौती, पुनर्गठन और वित्तीय संकट से निपटने के लिए की जा रही हैं।इनसाइडर इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक 25 स्टार्टअप ने इस साल जनवरी से लेकर अब तक करीब 11,695 लोगों को नौकरी से निकाल दिया है। कहा जा रहा है कि इस साल स्टार्टअप्स में 60 हजार लोगों को नौकरी जा सकती है। इनसाइडर इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक 25 स्टार्टअप ने इस साल जनवरी से लेकर जुलाई तक 11,695 लोगों को नौकरी से निकाल दिया है। कहा जा रहा है कि इस साल स्टार्टअप्स में 60 हजार लोगों को नौकरी जा सकती है। इनसाइडर इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक 25 स्टार्टअप ने इस साल जनवरी से लेकर अब तक करीब 11,695 लोगों को नौकरी से निकाल दिया है। कहा जा रहा है कि इस साल स्टार्टअप्स में 60 हजार लोगों को नौकरी जा सकती है। इनसाइडर इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक 25 स्टार्टअप ने इस साल जनवरी से लेकर जुलाई तक 11,695 लोगों को नौकरी से निकाल दिया है। कहा जा रहा है कि इस साल स्टार्टअप्स में 60 हजार लोगों को नौकरी जा सकती है।
दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनी ऐमजॉन ने नई भर्तियों पर रोक लगा दी है। गूगल की पेरेंट कंपनी अल्फाबेट भी नई भर्तियों पर रोक लगा चुकी है।इनसाइडर इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक 25 स्टार्टअप ने इस साल जनवरी से लेकर अब तक करीब 11,695 लोगों को नौकरी से निकाल दिया है। कहा जा रहा है कि इस साल स्टार्टअप्स में 60 हजार लोगों को नौकरी जा सकती है। इनसाइडर इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक 25 स्टार्टअप ने इस साल जनवरी से लेकर जुलाई तक 11,695 लोगों को नौकरी से निकाल दिया है। कहा जा रहा है कि इस साल स्टार्टअप्स में 60 हजार लोगों को नौकरी जा सकती है। इन कंपनियों में अभी कोई भी नई भर्ती नहीं की जा रही है।मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, कई आईटी कंपनियों ने इस समय नई हायरिंग रोक दी है। वहीं जिन लोगों को ऑफर लेटर दिए जा चुके हैं उनकी भी अभी ज्वाइनिंग नहीं कराई जा रही है।