देश की सुरक्षा को लेकर क्या बोले अमित शाह?

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गृह मंत्री अमित शाह ने देश की सुरक्षा को लेकर एक बड़ा बयान दिया है! केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) देश में समान नागरिक संहिता (UCC) लागू करने को प्रतिबद्ध है। हालांकि, इस पर सभी लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं का पालन और चर्चाओं के बाद ही कदम उठाया जाएगा। व्यक्तिगत कोई उपलब्धि नहीं होती है। मैं मोदीजी की कैबिनेट का एक सदस्य हूं। पूरी कैबिनेट की उपलब्धि होती है, पूरी सरकार की उपलब्धि होती है। मगर हां, जम्मू-कश्मीर में मोदी सरकार ने बहुत बड़ा परिवर्तन किया है। वर्षों से ये प्रचारित किया जाता था कि धारा 370 के कारण ही जम्मू-कश्मीर भारत के साथ जुड़ा है। अब धारा 370 नहीं है, 35ए नहीं है। जम्मू कश्मीर भारत के साथ जुड़ा है। और लगभग 30 हजार पंच-सरपंच लोकतंत्र को जम्मू-कश्मीर में प्रोपोगेट करके एक नई लोकतांत्रिक पीढ़ी वहां खड़ी हो रही है। 56 हजार करोड़ का इन्वेस्टमेंट आया है। 80 लाख टूरिस्ट जो आजादी के बाद सबसे ज्यादा हैं, वो अबतक चले गए हैं जम्मू-कश्मीर के अंदर। और इसके साथ-साथ जम्मू कश्मीर की अपनी भाषाओं को पहली बार हमने राज्य की भाषाओं का स्थान दिया है।

वहां जो पिछड़े हैं, दलित हैं, आदिवासी हैं, उन्हें आरक्षण का फायदा मिला है। महिलाओं को अपना अधिकार मिला है। जम्मू-कश्मीर में हर घर में बिजली पहुंचाने का काम समाप्त हो चुका है। हर घर में नल से जल पहुंचाने का काम समाप्त हो चुका है। जम्मू-कश्मीर में हर व्यक्ति को 5 लाख तक का इलाज आज मुफ्त में दिया जा रहा है। और इन्वेस्टमेंट की नई ऊंचाइयां जम्मू-कश्मीर हासिल कर रहा है। और जहां तक आतंकवाद का सवाल है, मैं इतना निश्चित रूप से कह सकता हूं कि 90 के दशक से जब से आतंकवाद शुरू हुआ, तब से लेकर आज तक आतंकवाद की सबसे कम घटनाएं और पथराव शून्य हो गए हैं। ये बहुत बड़ी उपलब्धि है मोदी सरकार की, इसमें कोई दो राय नहीं है। और बड़े-बड़े सुरक्षा के पंडित कहते थे कि धारा 370 को छूना मत, हाथ जल जाएंगे। धारा 370 आज चली गई, जम्मू-कश्मीर खुशहाल है। देश के अंदर भी आतंवाद में कमी लाने में इसमें बहुत बड़ी मदद मिली है।

जम्मू-कश्मीर में हिंसा पहले मानो 400 नागरिक माने जाते थे। लक्ष्य तो कोई ना मारा जाए ऐसा होना चाहिए, है भी। परंतु आज 12 मर रहे हैं। 400 से 12 तक हम पहुंच गए हैं, तो 12 से शून्य भी हम कर देंगे। और जिस दिन ये होगा, सबके लिए अच्छा माहौल होगा। और जो इन्वेस्टमेंट वहां जा रहा है। बाहर से ढेर सारे लोग वहां जा रहे हैं। मगर स्वाभाविक रूप से आतंकवाद की और आतंकवाद के पनाहगारों की जड़ें इतनी नीचे तक गई हैं कि उसे जड़ से उखाड़ने में समय लगेगा। हम इस समय प्रोसेस में हैं। मैं विश्वास दिलाता हूं कि जम्मू-कश्मीर में अब आतंक की जड़ों को हम फैलने नहीं देंगे। हम संपूर्ण जम्मू-कश्मीर को आतंकवाद मुक्त कराने के लिए कटिबद्ध हैं।

गृह मंत्री ने कहा कि सीमा विवाद का मसला आज का नहीं बल्कि जवाहरलाल नेहरू के समय से चला आ रहा है। कांग्रेस को घेरते हुए अमित शाह ने कहा कि यह सवाल वे लोग उठा रहे हैं जिनके समय में देश की एक लाख एकड़ से ज्यादा जमीन चली गई। इन लोगों को इतिहास पढ़ना चाहिए। हम देश की जनता से वादा करते हैं कि यह नरेंद्र मोदी की सरकार है, हमारी एक इंच जमीन भी किसी के कब्जे में नहीं जा सकती। शाह का कहना था कि पीएम मोदी साफ कर चुके हैं कि भारत की सीमा और सेना से कोई छेड़छाड़ ना करे, वरना नतीजे भुगतने होंगे। दुनियाभर को यह संदेश जा चुका है।

गृह मंत्री ने कहा कि जहां-जहां बीजेपी की सरकार है, हमने धर्मांतरण कानून बनाए हैं। राज्य इस पर विचार करें। जहां तक राष्ट्रीय कानून की बात है तो यह ग्रे एरिया है। इसकी व्याख्या करना होगी कि राष्ट्रीय स्तर पर कानून बनाया जा सकता है या नहीं। श्रद्धा मर्डर मामले में देश की जनता को यह भरोसा दिलाता हूं कि जो भी व्यक्ति इसके लिए दोषी है, उसे अदालत से कम से कम समय में कड़ी से कड़ी सजा मिलेगी।

आप सरकार में मंत्री सत्येंद्र जैन के जेल जाने के बावजूद पद पर टिके रहने पर गृह मंत्री ने निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जेल जाने के बाद भी मंत्री का इस्तीफा न होना हैरान करता है। उन्होंने माना कि इसे लेकर अपने संविधान में बच निकलने के रास्ते हैं। उन्होंने तंज करते हुए कहा कि इस मामले में हमारा संविधान इसलिए मौन है, क्योंकि संविधान निर्माताओं ने कभी इसकी कल्पना नहीं की थी कि जेल जाने के बाद भी मंत्री पद पर बने रहेंगे। उन्होंने माना कि इस मुद्दे पर व्यापक चर्चा कर संविधान में संशोधन होना चाहिए।

हम लोकतंत्र के अंदर हैं। लोकतंत्र में स्ववस्थ बहस जरूरी है। जब इतने सारे राजनीतिक दल का एक अभिप्राय हो और दूसरे राजनीतिक दलों का कुछ और अभिप्राय हो, मंशा चाहे जो हो, वोट प्राप्त करने की हो या जो हो, पर अगर उनका अभिप्राय ये है कि यूनिफॉर्म सिविल कोड अभी नहीं लाना चाहिए तो स्वस्थ और खुली बहस की जरूरत है। तो जहां-जहां बीजेपी का शासन है, वहां तीन राज्यों में अबतक हिमाचल उत्तराखंड और गुजरात में हमने एक पैनल बनाया है। और पैनल सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज और हाईकोर्ट के रिटायर्ड चीफ जस्टिस की अध्यक्षता में बने हैं। सारे दल, समाज जीवन के सारे लोग, सभी धर्म संप्रदाय के सारे लोग, उनके समाने अपना-अपना पक्ष रख रहे हैं। उस पर जो एडवाइजरी दी जाएगी, उसके आधार पर हम काम करेंगे। स्वाभाविक रूप से इस प्रकार के शिखर सम्मेलन में भी इस पर एक स्वस्थ बहस छिड़ी हुई है। तो देश की जनता को मन बनाने में इससे बहुत बड़ी मदद मिलती है। मैं अभी भी कहना चाहता हूं देश की जनता को कि भारतीय जनता पार्टी यूनिफॉर्म सिविल कोड लाने के लिए अडिग है और हम लाकर रहेंगे पर सारी लोकतांत्रिक चर्चाओं की समाप्ति के बाद।