आखिर कॉलेज के लड़के लड़कियों को क्यों लगाई जा रही है नशे की लत?

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वर्तमान  में कॉलेज के लड़के लड़कियों को नशे की लत लगाई जा रही है! सुमित पंजाब यूनिवर्सिटी में सेकेंड ईयर का स्टूडेंट है। उसे और उसके पूरे ग्रुप को ड्रग्स का ऐसा चस्का चढ़ा है कि वो कॉलेज पढ़ाई करने कम ड्रग्स लेने ज्यादा आते हैं। संजोली दिल्ली के एक मैनेजमेंट कॉलेज में पढ़ती है और वहीं हॉस्टल में रहती है। संजोली और उसकी सहेलियां भी अपने ही कॉलेज के एक ड्राप ऑउट के जरिए ड्रग्स का इंतजाम करती हैं। गाजियाबाद के एक इंजीनियरिंग कॉलेज का भी कुछ ऐसा ही हाल है। यहां पढ़ने वाले निशांत को भी अब ड्रग्स के बिना ज़िंदगी अधुरी लगती है। अगर आपके बच्चे कॉलेज में पढ़ रहे हैं तो ये खबर आपको परेशान कर सकती है, लेकिन ये एक कड़वी सच्चाई है कि देश की कई यूनिवर्सिटीज़, कई कॉलेजों में छात्र ड्रग्स का इस्तेमाल धड़ल्ले से हो रहा है। पहले शौक-शौक में वो दोस्तों के साथ ड्रग लेना शुरू करते और फिर धीरे-धीरे उन्हें उसकी आदत लगने लगती है। एक दूसरे को देखकर स्टेट्स सिंबल के रूप में भी ड्रग्स लड़के-लड़कियों को काफी लुभाता और वो उसे अपनी हैबिट में शामिल कर लेते हैं। वो ड्रग्स लेने के लिए पैसों का इंतजाम करते हैं। कभी पेरेंट्स से किताबों के नाम पर पैसा लेकर, कभी दोस्तों से उधार तो कभी चुरा कर।

कॉलेज में बच्चों को ड्रग्स की लत आखिर पड़ क्यों रही है? क्यों बच्चे-पढ़ने लिखने की उम्र में हेरोइन,अफीम, चरस जैसे नशे का इस्तेमाल कर रहे हैं। क्यों कॉलेज स्टूडेंट्स की पार्टीज़ में ड्रग्स का नशा किया जाता है? आप सुनकर हैरान हो जाएंगे जब आपको पता चलेगा कि सोची समझी साजिश के तहत लड़के-लड़कियों को ड्रग्स का एडिक्ट बनाया जा रहा है। इंजीनियरिंग कॉलेज, मैनेजमेंट कॉलेज, लॉ कॉलेज, देश की बड़ी यूनिवर्सिटीज़ हर जगह पर बच्चे नशे के एडिक्ट हो रहे हैं। पैसे के लालच में बच्चों को नशीला जहर बेचा जा रहा है, जो उनके दिलो-दिमाग में इस कदर हावी हो जाता है कि वो गलत काम करने से भी नहीं चूकते।

देशभर में ड्रग्स की तस्करी का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है और इनका सबसे बड़ा बाज़ार होता है कॉलेज, यूनिवर्सिटी के छात्र-छात्राएं। चंडीगढ़ पुलिस की क्राइम ब्रांच की एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स ने ड्रग के एक बड़े सप्लायर खड़ग बहादुर को गिरफ्तार किया है। ये ड्रग सप्लायर नेपाल का रहने वाला है, लेकिन लंबे समय से हिमाचल के कुल्लू में रहा रहा था। ये कुल्लू के जंगली इलाकों में चरस की खेती कर रहा था। इतना ही नहीं इस खेती को करने के लिए ये नेपाल से ही लेबर मंगवाता था। इसके साथ पंजाब के कई छोटे सप्लायर जुड़े हुए थे जो इससे ड्रग्स लेकर स्कूल कॉलेज के बच्चों को बेचते थे।

पंजाब पुलिस ने ही एक अन्य शख्स को दो दिन पहले गिरफ्तार किया जिसका नाम तनुज है। तनूज पंजाब यूनिवर्सिटी और यहां के दूसरे कॉलेजों में ड्रग्स सप्लाई का काम करता था। तनुज ने पूछताछ में खड़ग बहादूर का नाम लिया। तनुज ने बताया कि वो कॉलेज में ड्रग्स सप्लाई करने के लिए खड़ग सिंह से ही ड्रग्स खरीदता और फिर छात्रों को बेचता था। तनुज के खड़ग बहादूर का नाम लेने के बाद ही क्राइम ब्रांच ने उसे गिरफ्तार किया। खड़ग बहादुर के पास से पांच किलो चरस बरामद हुई है जबकि तनुज के पास से 110 ग्राम चरस मिली थी।

अक्टूबर के महीने में दिल्ली में नार्कोटिक्स विभाग ने स्कूल कॉलेज में ड्रग सप्लाई करने वाले 9 लड़के लड़कियों को गिरफ्तार किया। ये सारे दिल्ली के मैनेजमेंट, फैशन डिजायनिंग, लॉ, बीटेक, आईआईएम के ड्रापआउट स्टूडेंट्स थे। इनका काम कॉलेज में पढ़ रहे बच्चों तक ड्रग्स को बेचना था। खुद बड़े कॉलेजों में पढ़े हुए होने की वजह से इनका स्टूडेंट्स से डायरेक्ट लिंक था और इसलिए ये आसानी से कॉलेज स्टूडेंट्स तक ड्रग्स पहुंचा रहे थे। पुलिस ने इनके पास से एलएसडी के 28 ब्लॉट पेपर 12.6 ग्राम एमडीएमए(MDMA), 84 ग्राम क्यूरेटेड मारिजुआना और 220 हशीश बरामद किए थे।

सितंबर में गाजियाबाद में भी स्कूल कॉलेज के बच्चों तक ड्रग सप्लाई करने वाले एक गिरोह का भांडाफोड़ कर दो लोगों को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तार सलमान और शकील बेग ने बताया कि उनके गैंग में कुछ और लोग शामिल हैं। ये लोग बड़े सप्लायर्स से ड्रग्स खरीदकर कॉलेज के बच्चों के बेचते थे। गाजियाबाद के इंजीनियरिंग कॉलेज और मेडिकल कॉलेज के छात्रों को स्मैक देकर ये पैसे कमाते थे। सलमान देहारादून का रहने वाला है, जबकि शकील बेग बरेली का। इनके पास 210 ग्राम स्मैक यानी हेरोइन बरामद की गई है जिसकी कीमत 31 लाख रुपये है।