जब एक शख्स ने लिया अपनी मां का बदला?

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आज हम आपको ऐसे शख्स की कहानी सुनाने जा रही है जिसने अपनी मां का बदला  कई सालों बाद किसी की हत्या करके लिया! उसने 15 साल तक अपने खून को ठंडा रखा। एक-एक पल वह प्रतिशोध की आग में सुलगता रहा। जिंदगी की तमाम रातें केवल उस एक मौके के इंतजार में गुजार दिए। लिखी गई क्राइम और गैंगवॉर जोनर की मशहूर किताब द गॉडफादर पर बाद में इसी नाम से फेमस फिल्म भी बनी। इसमें मुख्य पात्र डॉन विटो कॉर्लियॉन कहता है- बदला एक ऐसी डिश है, जो ठंडी परोसे जाने पर सबसे बेहतर स्वाद देती है। बॉलिवुड की फिल्म गैंग्स ऑफ वासेपुर में मनोज वाजपेयी का किरदार का डॉयलॉग है- हमारे जिंदगी का एक्कै मदसद है, बदला। लखनऊ के शिवा यादव उर्फ शमशेर ने इस बात को जिंदगी में असल में जिया। एक दिसंबर के दिन एक शख्स की गोली मारकर हत्या किए जाने के मामले की पड़ताल की कड़ी जहां पर खुली, उसने सबको हैरत में डाल दिया। एक दिसंबर को 51 साल के राम जीवन लोधी की हत्या कर दी गई। उसके शरीर में 3 गोलियां दागी गईं। अस्पताल ले जाते समय उसने दम तोड़ दिया। इस कांड में पुलिस के हाथ शिवा उर्फ शमशेर तक जा पहुंचे। उसने हत्या करना स्वीकार कर लिया। यहां तक तो नॉर्मल था लेकिन इसके बाद शिवा ने मर्डर की जो वजह पुलिस को बताई, वह सुनकर अधिकारी भी दंग रह गए। वजह 15 साल पीछे तक जाती है। वजह अपमान की है। वजह सड़कों पर इज्जत को तार-तार किए जाने की है। जिस राम जीवन लोधी को मारा गया, वह ब्लॉक विकास समिति का सदस्य था। वह राजधानी लखनऊ के बाहरी इलाके काकोरी के गुरदीन खेड़ा में मनरेगा का मजदूर था। वहीं मर्डर करने वाला शिवा यादव ठेकेदार था, जो कंस्ट्रक्शन कंपनियों को मजदूरों की सप्लाई करता था। दोनों आस-पड़ोस में रहते भी थे। पुलिस हत्या के पीछे आपसी विवाद को मान कर चल रही थी लेकिन वजह इतना आसान भी नहीं था। शिवा पिछले 15 साल से खुद को शांत करके बैठा था। वह एक-एक दिन गिन रहा था। और मौका मिलते ही उसने रामजीवन का काम तमाम कर दिया।

एक दिसंबर 2022 को हुई हत्या के बीज साल 2007 के समय ही पड़ चुके थे। लखनऊ वेस्ट के अडिशनल डीसीपी चिरंजीव नाथ सिन्हा ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि 2007 में जमीन को लेकर हुए एक विवाद के बाद लोधी और उसके लोगों ने शिवा के परिवार को सबके सामने बेइज्जत किया था। लोधी ने उस समय 26 साल के शिवा को आवाज उठाने की सजा देने के लिए अपमानित किया।

पुलिस के अनुसार स्थानीय लोगों ने बताया कि लोधी ने शिवा के परिवार की महिलाओं के साथ बदसलूकी की। उसकी मां और पत्नी के कपड़े उतारकर भरी भीड़ के सामने चलवाया गया। शिवा उर्फ शमशेर बेसहारा यह सबकुछ देखता रह गया। उसने अपमान का घूंट पी लिया। उसी समय शिवा ने बदला लेने का प्रण कर लिया। उसकी मां, पत्नी और परिवार के लोगों ने सबकुछ बुरे अतीत की तरह भुलाकर आगे बढ़ने का फैसला किया। लेकिन शिवा की आंखों में बदले की आग सुलगती रही। वह इंतजार कर रहा था तो केवल अपने बेटे के बड़े होने का।

शिवा यादव ने पुलिस को बताया कि वह अपने बेटे के 15 साल का होने का इंतजार कर रहा था, जिससे कि बेटा परिवार का ख्याल रखने लायक समझदार हो जाए। शिवा का बेटा पिछले महीने ही 15 साल का हो गया, जिसके बाद उसने रामजीवन को मारकर अपने अंदर जल रही अपमान की आग को ठंडा किया। उसकी प्लानिंग लंबे समय से थी। इसी साल शिवा ने नेपाल से दो देसी असलहे मंगवाए थे।

बदला लेने की तैयारी के लिए शिवा कई दिनों तक लोधी का पीछा करता रहा। उसके मूवमेंट पर नजर रखता रहा और खास मौके का इंतजार करता रहा।उसकी मां और पत्नी के कपड़े उतारकर भरी भीड़ के सामने चलवाया गया। शिवा उर्फ शमशेर बेसहारा यह सबकुछ देखता रह गया। उसने अपमान का घूंट पी लिया। उसी समय शिवा ने बदला लेने का प्रण कर लिया। उसकी मां, पत्नी और परिवार के लोगों ने सबकुछ बुरे अतीत की तरह भुलाकर आगे बढ़ने का फैसला किया। लेकिन शिवा की आंखों में बदले की आग सुलगती रही। वह इंतजार कर रहा था तो केवल अपने बेटे के बड़े होने का। एक दिसंबर के दिन आखिर वह दिन आ ही गया, जब शिवा को 15 साल पुराना हिसाब चुकाने का मौका मिला। उसने शारदा नहर के पास चौधरी मोहल्ला वार्ड में रामजीवन के सीने में गोलियां उतार दीं।