आखिर मेसी की टीम ने कैसे जीता फीफा वर्ल्ड कप?

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(FILES) In this file photo taken on February 24, 2021 Barcelona's Argentinian forward Lionel Messi kicks the ball during the Spanish league football match between FC Barcelona and Elche CF at the Camp Nou stadium in Barcelona. - Lionel Messi will end his 20-year career with Barcelona after the Argentine superstar failed to reach agreement on a new deal with the club, the Spanish giants announced on August 5, 2021. (Photo by LLUIS GENE / AFP)

मेसी की टीम फीफा वर्ल्ड कप जीत चुकी है! फीफा वर्ल्ड कप 2022 में न तो भारत खेल रहा था और न ही उसका इस टूर्नामेंट से दूर-दूर तक कोई नाता रहा। टूर्नामेंट का जब आगाज हुआ तभी से न जाने क्यों भारतीय फैंस इस इस बात पर जोर दे रहे थे कि यह वर्ल्ड कप तो मेसी ही जीतेंगे। क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर का नाम भी इस चर्चा में आ जा रहा था, जिन्होंने 2011 में भारत को विश्व विजेता बनाने के बाद ही क्रिकेट किट को खूंटी पर टांगी। लेकिन जब सऊदी अरब से पहले ही मैच में हार मिली तो मेसी के चाहने वालों के होश उड़ गए। किसी को विश्वास नहीं हो रहा था कि विश्व की तीसरे नंबर की टीम, जिसमें मेसी हों, वह इस तरह से हथियार डाल देगी, लेकिन यह हार चेतावनी थी। 36 मैच लगातार जीतने के बाद मिली हार ने अलार्म का काम किया। टीम ने उस हार के बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा और जब फ्रांस को पेनल्टी शूटआउट 4-2 से हराया तो यह जीत न केवल मेसी की है, बल्कि उन करोड़ों-अरबों फैंस की भी है, जो सोशल मीडिया पर अपने हीरो के लिए रोनाल्डो चाहने वालों से जंग लड़ रहे थे।

2014 में फाइनल में जर्मनी ने अर्जेंटीना को हराया तो मेसी के फैंस निराश थे। 2018 में जब राउंड ऑफ 16 में फ्रांस ने हराया तो लगा मेसी की महानता कोपा अमेरिका तक ही सिमट कर रह जाएगी। दूसरी ओर, मेसी भी ठान चुके थे। उनके अंदर भी जिद थी। जब तक जीतेगा नहीं तब तक छोड़ेगा नहीं वाली…। यह कहानी फिल्मी ही तो है। कोपा अमेरिका में पेनल्टी चूकने के बाद संन्यास का ऐलान करने वाले मेसी आज विश्व विजेता बन चुके हैं। उनके नाम 7 वैलेन डीऑर हैं तो ओलिंपिक गोल्ड मेडल भी उनके गले की शोभा बढ़ रहा है। मेसी की महानता की परिभाषा गढ़ने के लिए हर वो ट्रॉफी कैबिनेट में मौजूद है, जिसकी उनके आलोचक शिकायत किया करते थे।

1986 में अर्जेंटीना और महानतम डिएगो मारडोना के विश्व विजेता बनने के बाद जन्म लेने वाले छोटे कद के मेसी ने फ्रांस के खिलाफ टीम के लिए पहला गोल दागा। यह तो बस शुरुआत थी। इसके बाद मैच मिनट दर मिनट पलटते रहा। मेसी और ट्रॉफी के बीच में अगर कोई खड़ा था तो वह थे उनके पेरिस सेंट जर्मेन (PSG) के साथी खिलाड़ी किलियन एम्बाप्पे। मेसी ने दो गोल दागे तो युवा तूफान एम्बाप्पे ने हैट्रिक जड़ी। मुकाबला पेनल्टी शूटआउट तक पहुंचा।

पेनल्टी शूटआउट के रोमांच से पहले हुए खेल के बारे में चर्चा नहीं करना नाइंसाफी होगी। मैदान पर भारी तादाद में जमा दर्शकों और दुनिया भर में टीवी के सामने नजरें गड़ाए बैठे फुटबॉल प्रेमियों की सांसें रोक देने वाले रोमांचक मैच में पासा पल पल पलटता रहा। अर्जेंटीना ने 80वें मिनट तक मेसी (23वां मिनट) और एंजेल डि मारियो (36वां मिनट) के गोलों के दम पर 2-0 की बढ़त बना ली थी, लेकिन एम्बाप्पे ने 80वें और 81वें मिनट में दो गोल करके 97 सेकंड में ही मैच का रुख पलट दिया। अब जो अर्जेंटीना आक्रामक हुए जा रहा था वह डिफेंसिव हो गया।

अतिरिक्त समय में मेसी ने 108वें मिनट में गोल दागा तो एम्बाप्पे ने 10 मिनट बाद फिर बराबरी करके मैच को पेनल्टी शूटआउट में खींच दिया। शूटआउट में सब्स्टीट्यूट गोंजालो मोंटियेल ने निर्णायक पेनल्टी पर गोल दागा जबकि फ्रांस के किंग्स्ले कोमैन और ओरेलियेन चोउआमेनी गोल करने से चूक गए। अर्जेंटीना की इस जीत के साथ पिछले चार विश्व कप से यूरोपीय बादशाहत का सिलसिला भी थम गया। आखिरी बार 2002 में ब्राजील ने जापान और दक्षिण कोरिया में विश्व कप जीता था। अर्जेंटीना ने इससे पहले 1978 और 1986 में खिताब जीता था। पिछले साल कोपा अमेरिका जीतने वाली अर्जेंटीना ने लगातार दूसरा बड़ा खिताब जीता है।

डिएगो माराडोना (1986) के बाद उन्होंने अपनी टीम को विश्व कप दिलाकर पेले और माराडोना जैसे महानतम खिलाड़ियों की सूची में अपना नाम दर्ज करा लिया।आखिरी बार 2002 में ब्राजील ने जापान और दक्षिण कोरिया में विश्व कप जीता था। अर्जेंटीना ने इससे पहले 1978 और 1986 में खिताब जीता था। पिछले साल कोपा अमेरिका जीतने वाली अर्जेंटीना ने लगातार दूसरा बड़ा खिताब जीता है। तारीफ एम्बाप्पे की भी करनी होगी जो भविष्य में अपने नाम कई उपलब्धियां जरूर दर्ज करेंगे। उनके तीन गोल ने एकतरफा दिख रहे इस फाइनल को जीवंत कर दिया। वह 1966 के बाद फाइनल में हैट्रिक लगाने वाले पहले खिलाड़ी बने लेकिन आज का दिन मेसी और उनके चाहने वालों के नाम था।