यूपी निकाय चुनाव में ओवैसी चमत्कार दिखा पाएंगे या नहीं यह सवाल जरूर उठता है! उत्तर प्रदेश मेंनिकाय चुनाव को लेकर सभी पार्टिंया तैयारियों में जुटी हुई हैं। बीजेपी के सामने इस बार 2017 की शानदार जीत कायम रखने की चुनौती है, वहीं बसपा भी निकाय चुनाव में पूरी ताकत झोंक रही है। अखिलेश यादव की अगुवाई में समाजवादी पार्टी 2017 में बुरी तरह हार गई थी लेकिन इस बार सपा रालोद गठबंधन के साथ मैदान में है और बीजेपी को घेरने की पूरी कोशिश कर रही है। लेकिन एक पार्टी है, जिसके प्रदर्शन पर इस बार सबकी नजर रहेगी। ये पार्टी असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम। दरअसल एआईएमआईएम ने 2017 के यूपी निकाय चुनाव में तमाम राजनीतिक विश्लेषकों को चौंकाने वाला प्रदर्शन किया था। ओवैसी की पार्टी ने पहली बार उत्तर प्रदेश में किस्मत आजमाई और नगर निकाय चुनाव में 11 जिलों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। लेकिन उसके बाद हुए किसी भी चुनाव में एआईएमआईएम कुछ खास नहीं कर सकी।
2017 में यूपी विधानसभा चुनाव में जबरदस्त प्रदर्शन के बाद सूबे में भारतीय जनता पार्टी ने उसी साल नगर निकाय चुनाव में भी अपनी धाक जमा ली थी। 16 नगर निगमों में से 14 में भाजपा के मेयर बने। पहली बार सिंबल के साथ निकाय चुनाव में उतरने वाली बसपा ने बाकी की दो मेयर सीटों पर कब्जा जमा लिया। अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी का इस चुनाव में बुरा प्रदर्शन ही रहा। इस चुनाव में पहली बार एआईएमआईएम ने उत्तर प्रदेश की सियासत में अपना नाम दर्ज करा लिया।
गाजियाबाद जिले में एआईएमआईएम प्रत्याशी ने डासना नगर पंचायत अध्यक्ष का चुनाव जीता। सबसे ज्यादा चर्चा फिरोजाबाद नगर निगम के मेयर चुनाव की रही। फिरोजाबाद में एआईएमआईएम ने सपा और बसपा को चौंका ही दिया। यहां एआईएमआईएम प्रत्याशी मशरूर फातिमा दूसरे नंबर पर रहीं। सीट बीजेपी की नूतन राठौड़ ने जीती थी। लेकिन फातिमा ने 56,536 वोट हासिल कर सपा और बसपा को चौंका दिया। समाजवादी पार्टी इस चुनाव में तीसरे नंबर पर रही, उनकी प्रत्याशी सावित्री गुप्ता 45,925 वोट हासिल कर सकीं, वहीं बसपा की पायल राठौड़ भी 41,528 वोट ला पाईं।
ओवैसी ने यूपी नगर निकाय चुनाव के लिए कुल 78 उम्मीदवार उतारे थे, उनमें से 29 सीटें जीतना बड़ी बात मानी गई। एआईएमआईएम ने फिरोजाबाद में 11 सीटें जीतीं, वहीं महुल, आजमगढ़ में तीन सीटें हासिल कर लीं।सबसे ज्यादा चर्चा फिरोजाबाद नगर निगम के मेयर चुनाव की रही। फिरोजाबाद में एआईएमआईएम ने सपा और बसपा को चौंका ही दिया। यहां एआईएमआईएम प्रत्याशी मशरूर फातिमा दूसरे नंबर पर रहीं। सीट बीजेपी की नूतन राठौड़ ने जीती थी। लेकिन फातिमा ने 56,536 वोट हासिल कर सपा और बसपा को चौंका दिया। समाजवादी पार्टी इस चुनाव में तीसरे नंबर पर रही, उनकी प्रत्याशी सावित्री गुप्ता 45,925 वोट हासिल कर सकीं, वहीं बसपा की पायल राठौड़ भी 41,528 वोट ला पाईं। गाजियाबाद जिले में एआईएमआईएम प्रत्याशी ने डासना नगर पंचायत अध्यक्ष का चुनाव जीता। सबसे ज्यादा चर्चा फिरोजाबाद नगर निगम के मेयर चुनाव की रही। फिरोजाबाद में एआईएमआईएम ने सपा और बसपा को चौंका ही दिया। यहां एआईएमआईएम प्रत्याशी मशरूर फातिमा दूसरे नंबर पर रहीं।
सीट बीजेपी की नूतन राठौड़ ने जीती थी। लेकिन फातिमा ने 56,536 वोट हासिल कर सपा और बसपा को चौंका दिया।सबसे ज्यादा चर्चा फिरोजाबाद नगर निगम के मेयर चुनाव की रही। फिरोजाबाद में एआईएमआईएम ने सपा और बसपा को चौंका ही दिया। यहां एआईएमआईएम प्रत्याशी मशरूर फातिमा दूसरे नंबर पर रहीं। सीट बीजेपी की नूतन राठौड़ ने जीती थी। लेकिन फातिमा ने 56,536 वोट हासिल कर सपा और बसपा को चौंका दिया। समाजवादी पार्टी इस चुनाव में तीसरे नंबर पर रही, उनकी प्रत्याशी सावित्री गुप्ता 45,925 वोट हासिल कर सकीं, वहीं बसपा की पायल राठौड़ भी 41,528 वोट ला पाईं।
समाजवादी पार्टी इस चुनाव में तीसरे नंबर पर रही, उनकी प्रत्याशी सावित्री गुप्ता 45,925 वोट हासिल कर सकीं, वहीं बसपा की पायल राठौड़ भी 41,528 वोट ला पाईं।सबसे ज्यादा चर्चा फिरोजाबाद नगर निगम के मेयर चुनाव की रही। फिरोजाबाद में एआईएमआईएम ने सपा और बसपा को चौंका ही दिया। यहां एआईएमआईएम प्रत्याशी मशरूर फातिमा दूसरे नंबर पर रहीं। सीट बीजेपी की नूतन राठौड़ ने जीती थी। लेकिन फातिमा ने 56,536 वोट हासिल कर सपा और बसपा को चौंका दिया। समाजवादी पार्टी इस चुनाव में तीसरे नंबर पर रही, उनकी प्रत्याशी सावित्री गुप्ता 45,925 वोट हासिल कर सकीं, वहीं बसपा की पायल राठौड़ भी 41,528 वोट ला पाईं। इसके अलावा संभल, अमरोहा, मेरठ और बागपत में दो-दो सीटें अपनी नाम की, जबकि डासना, कानपुर, बिजनौर, इलाहाबाद और सीतापुर में एक-एक सीट अपने नाम की। पांच साल बाद एक बार फिर प्रदेश में नगर निकाय चुनाव की आहट है। अब देखना होगा कि एआईएमआईएम कैसा प्रदर्शन करती है।