आखिर देश में कहां घूम रहा है हथोड़ा किलर?

0
170

आज हम आपको देश की सबसे खूंखार किलर हथोड़ा किलर के बारे में बताने जा रहे है! आज के युवा शायद उसके खौफ से वाकिफ न हों, लेकिन पुराने लोग बताते हैं कि सत्तर के दशक में वह देश में खौफ का दूसरा नाम बन चुका था। लोगों को सड़कों पर निकलते हुए डर लगता था। उसने एक दो नहीं, 70 लोगों को अपना निशाना बनाया। सिर्फ एक साल में देश के इस खतरनाक सीरियल किलर ने 70 लोगों को तड़पा-तड़पा कर मारा। उस दौर में इस खूंखार सीरियल किलर का डर ऐसा था कि अगर कोई कंबल ओढ़े दिख जाए तो लोग अपना रास्ता बदल लेते थे। दिखने में एक सीधा-सादा भोला लड़का। उम्र महज 25 साल, लेकिन शौक ऐसे कि सुनने वालों के होश उड़ जाएं। राजस्थान का सीरियल किलर शंकरिया, जिसे शौक था कत्ल करने का। उसे मजा आता था हथौड़े से लोगों की जान लेने में। जो लोगों की तड़प में अपना आनंद ढूंढता था। शंकरिया का जन्म देश आजाद होने के महज 2 साल बाद यानी 1952 में राजस्थान के जयपुर शहर में हुआ। माता-पिता ने शंकरिया को पढ़ाई-लिखाई भी करवाई। सोचा बड़ा होकर नौकरी करेगा, लेकिन बचपन से ही वो थोड़ा अलग था।

सत्तर के दशक में राजस्थान में एक के बाद एक हत्याओं की घटनाएं सामने आने लगीं। कभी एक जिले में तो कभी दूसरे जिले में लोगों के कत्ल होने लगे। शुरू-शुरू में तो पुलिस का इस तरफ ज्यादा ध्यान नहीं गया। जब कत्ल की वारदातें बढ़ने लगी तो ये बात सामने आई कि जितने भी कत्ल हो रहे हैं वो एक ही अंदाज में हो रहे हैं। जिनकी भी हत्याएं हुईं उनके कान के नीचे यानी कनपटी में चोट के निशान थे। ऐसा लगता था कि उन्हें किसी भारी चीज कनपटी मारा गया है।

दो चार दस कई कत्ल हो चुके थे। ये बात फैलने की लगी कि शहर में सीरियल किलर घूम रहा है। इस सीरियल किलर के बारे में किसी को कुछ भी पता नहीं था, लेकिन ये साफ था कि सनकी हत्यारा कान के नीचे वार करके लोगों का कत्ल करता है और इसलिए लोगों ने इस हैवान को नाम दिया ‘कनपटीमार’। कनपटीमार का कहर पूरे राज्य में बढ़ने लगा। लोगों के बीच दहशत पैदा हो गई थी। कनपटीमार सिर्फ रात में ही कत्ल करता था। रात में बाहर घूमने वाले लोग उसके निशाने पर होते थे इसलिए कनपटीमार के डर से लोगों ने रात होते ही घर से बाहर निकलना बंद कर दिया। जैसे ही सूरज ढलता राजस्थान के लोग घरों में दुबककर बैठ जाते। कोई नहीं जानता था कि कनपटीमार का अगला निशाना कौन होगा।

कुछ लोग इस सीरियल किलर हमले से बच गए तो कनपटीमार सीरियल किलर पर कुछ खबरें सामने आई। ये सीरियल किलर रात में सड़कों में कंबल लेकर बैठ जाता था। इसके हमले से बचे लोगों ने बताया कि वो कंबल के अंदर इस तरह से छुपा होता था कि दूर से उसे कोई देख ही ना पाए। कंबल के अंदर ये एक हथौड़ा छुपाकर रखता था। जैसे ही इसके सामने से कोई गुजरता ये हथौड़े से उसके कान के नीचे वार करता। रात का अंधेरा होने की वजह से इसे कोई नहीं देख पाता। ये भारी हथौड़े से तब तक उस शख्स वार करता जब तक कि उसकी मौत न हो जाए। ये अक्सर सुनसान इलाकों में लोगों को अपना शिकार बनाता।

राजस्थान के लोगों कंबल के नाम से भी डर लगने लगा था। अगर कोई सामान्य आदमी भी कंबल ढका हुआ होता तो लोग उसे कनपटीमार सीरियल किलर समझकर उससे डरने लगते। राज्य में चंद महीनों में ही दर्जनों हत्याएं हो गई थीं। पुलिस परेशान थी, कुछ समझ नहीं आ रहा था आखिर ये सीरियल किलर है कौन। साल 1978 से लेकर 1979 के बीच 70 लोगों को इस सीरियल किलर ने मौत के घाट उतार दिया था। राज्य में मौत का ऐसा तांडव हुआ कि खबरें पूरे देश में फैलने लगी।

जो लोग इसके हमले से बचकर आए थे उनकी मदद से इस कनपटीमार सीरियल किलर स्केच तैयार किया गया। पुलिस रात-रात भर सड़कों पर घूमती, लोगों से इसके बारे जानकारियां लेती। कई महीनों तक तलाश के बाद आखिरकार जयपुर के रहने वाले शंकरिया नाम के एक शख्स को गिरफ्तार किया गया। शंकरिया एकदम यंग लड़का जिसकी उम्र उस वक्त सिर्फ 25 साल थी उसने 70 कत्ल किए थे। शंकरिया ने कबूल किया कि वो ही है सीरियल किलर कनपटीमार। वही है जो रात होते ही कंबल की आड़ में हथौड़े से लोगों की जान लेता था।

कहते हैं जब ये सनकी हत्यारा गिरफ्तार हुआ था तो इसके चेहरे पर कोई खौफ नहीं था। मासूम सा दिखने वाला 25 साल का सीरियल किलर 70 हत्याओं को को जैसे बच्चों का खेल मान रहा था। पुलिस के सामने इसने अपने सारे जुर्म बेखौफ होकर कबूल किए। कनपटीमार शंकरिया ने बताया कि उसे हथौड़े से लोगों को मारने में मजा आता था और सिर्फ अपने मजे के लिए ही ये एक के बाद एक लोगों की जान ले रहा था। रात में घूमने वाले लोगों पर इसकी नज़र होती थी और जैसे ही इसे लगता था कि आसपास कोई और नहीं है तो ये उस शख्स को अपना निशाना बना लेता था।