Friday, October 18, 2024
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आखिर क्या है गाडियों का BH सीरीज का नंबर?

गाडियों में आजकल BH सीरीज का नंबर आने लगा है! सरकार ने मोटर व्हीकल के रजिस्ट्रेशन के लिए भारत सीरीज का नंबर शुरू किया है। यह उनके लिए अच्छा है जो ट्रांसफरेबल जॉब करते हैं। अब इसमें कुछ और सुधार किए गए हैं। इसका उद्देश्य इस नंबर सिस्टम की सुरक्षा मजबूत करना है। साथ ही इसका आधार भी व्यापक हो सकेगा। इस नंबर को प्राइवेट जॉब करने वाले भी ले सकते हैं। यही नहीं, ट्रांसफरेबल जॉब करने वाले अपने पुराने व्हीकल के लिए भी बीएच सीरिज का नंबर ले सकेंगे। बस, उन्हें दफ्तर से एक फार्म भरवा कर देना होगा। भारत सीरिज का नंबर लेने के बाद नौकरी के सिलसिले में उन्हें किसी अन्य राज्य में जाना पड़ता है तो उन्हें फिर से रजिस्ट्रेशन कराने के झंझट से मुक्ति मिल जाएगी। केंद्र सरकार के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने भारत (BH) सीरीज रजिस्ट्रेशन मार्क को नियंत्रित करने वाले नियमों में संशोधन को नोटिफाई कर दिया है। कुछ महीने पहले इसका ड्राफ्ट नोटिफिकेशन जारी किया गया था। इस पर स्टेकहोल्डर्स से प्रतिक्रिया मांगी गई थी। इनमें से जरूरी सुधार को शामिल करने बाद सरकार ने गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। उल्लेखनीय है कि BH series registration mark को General Statutory Rule GSR 594(E) के तहत 26 अगस्त, 2021 को पेश किया गया था।

अभी तक सिर्फ नए मोटर वाहन खरीदने पर ही बीएच सीरीज मार्क का विकल्प मिलता था। अभी जो नोटिफिकेशन आया है, उसके बाद पुराने व्हीकल्स के लिए लिए भी बीएच सीरीज का नंबर मिल सकेगा। बस उन्हें निर्धारित प्रक्रिया पूरी करनी होगी। आरटीओ देखेंगे कि पुराने नंबर को बीएच सीरीज में बदलवाने वाला व्यक्ति पात्र है या नहीं। इसके बाद निर्धारित शुल्क और टैक्स जमा करके पुराने व्हीकल के लिए नया नंबर मिल जाएगा।अभी तक सिर्फ नए मोटर वाहन खरीदने पर ही बीएच सीरीज मार्क का विकल्प मिलता था। अभी जो नोटिफिकेशन आया है, उसके बाद पुराने व्हीकल्स के लिए लिए भी बीएच सीरीज का नंबर मिल सकेगा। बस उन्हें निर्धारित प्रक्रिया पूरी करनी होगी। आरटीओ देखेंगे कि पुराने नंबर को बीएच सीरीज में बदलवाने वाला व्यक्ति पात्र है या नहीं।

इसके बाद निर्धारित शुल्क और टैक्स जमा करके पुराने व्हीकल के लिए नया नंबर मिल जाएगा। नोटिफिकेशन में कहा गया है “वर्तमान में नियमित पंजीकरण चिह्न वाले वाहनों को भी आवश्यक टैक्स के भुगतान के अधीन बीएच श्रृंखला पंजीकरण चिह्न में परिवर्तित किया जा सकता है।बस उन्हें निर्धारित प्रक्रिया पूरी करनी होगी। आरटीओ देखेंगे कि पुराने नंबर को बीएच सीरीज में बदलवाने वाला व्यक्ति पात्र है या नहीं। इसके बाद निर्धारित शुल्क और टैक्स जमा करके पुराने व्हीकल के लिए नया नंबर मिल जाएगा। नोटिफिकेशन में कहा गया है “वर्तमान में नियमित पंजीकरण चिह्न वाले वाहनों को भी आवश्यक टैक्स के भुगतान के अधीन बीएच श्रृंखला पंजीकरण चिह्न में परिवर्तित किया जा सकता है।”नोटिफिकेशन में कहा गया है “वर्तमान में नियमित पंजीकरण चिह्न वाले वाहनों को भी आवश्यक टैक्स के भुगतान के अधीन बीएच श्रृंखला पंजीकरण चिह्न में परिवर्तित किया जा सकता है।”नोटिफिकेशन में कहा गया है “वर्तमान में नियमित पंजीकरण चिह्न वाले वाहनों को भी आवश्यक टैक्स के भुगतान के अधीन बीएच श्रृंखला पंजीकरण चिह्न में परिवर्तित किया जा सकता है।”

सरकारी नोटिफिकेशन कहता है कि बीएच सीरीज वाले नंबर की गाड़ी बिक भी सकेगी। लेकिन, देखा जाएगा कि खरीदार इसकी पात्रता पूरी करता है या नहीं। यदि खरीदने वाला इस नंबर की पात्रता पूरी करता है पुरानी गाड़ी उनके नाम ट्रांसफर हो जाएगी। अभी तक इसकी अनुमति नहीं थी। इसलिए लोग बीएच सीरीज का नंबर लेने से कतराते थे। प्राइवेट जॉब करने वाले यदि बीएच सीरीज का नंबर चाहते हैं तो उनको अपने दफ्तर से एक वर्किंग सर्टिफिकेट देना होगा। इसमें लिखा होगा कि वह व्यक्ति इस दफ्तर में काम करता है।बस उन्हें निर्धारित प्रक्रिया पूरी करनी होगी। आरटीओ देखेंगे कि पुराने नंबर को बीएच सीरीज में बदलवाने वाला व्यक्ति पात्र है या नहीं। इसके बाद निर्धारित शुल्क और टैक्स जमा करके पुराने व्हीकल के लिए नया नंबर मिल जाएगा। नोटिफिकेशन में कहा गया है “वर्तमान में नियमित पंजीकरण चिह्न वाले वाहनों को भी आवश्यक टैक्स के भुगतान के अधीन बीएच श्रृंखला पंजीकरण चिह्न में परिवर्तित किया जा सकता है।”नोटिफिकेशन में कहा गया है “वर्तमान में नियमित पंजीकरण चिह्न वाले वाहनों को भी आवश्यक टैक्स के भुगतान के अधीन बीएच श्रृंखला पंजीकरण चिह्न में परिवर्तित किया जा सकता है।” साथ ही बताना होगा कि इस कंपनी के देश भर में कम से कम चार राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों में दफ्तर है। यह नंबर स्वैच्छिक आधार पर रक्षा कर्मियों, केंद्र सरकार/राज्य सरकार/केंद्र/राज्य सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों आदि के कर्मचारियों के लिए पहले से ही उपलब्ध है। इसका रजिस्ट्रेशन देश के 24 राज्यों में शुरू हो गया है। इसके तहत अभी तक 20,000 से अधिक मोटर व्हीकल पंजीकृत किए जा चुके हैं।

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