शरद यादव के जीवन से जुड़े हुए कई विवाद सामने आए थे! भारतीय राजनीति में समाजवादी सियासत के सिरमौर शरद यादव नहीं रहे। उन्होंने सियासत में बड़े कद को प्राप्त किया। केंद्रीय मंत्री रहे। 13 साल तक जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे। शरद यादव अपनी बेबाक बयानबाजी के लिए जाने जाते रहे हैं। 12 मार्च 2015 को राज्यसभा की कार्यवाही चल रही थी। इसी दौरान सदन में शरद यादव ने एक ऐसी टिप्पणी कर दी। जिस पर सियासी बवाल मच गया। शरद यादव ने उस दिन राज्यसभा में दक्षिण भारतीय महिलाओं पर एक सेक्सिस्ट टिप्पणी की, जिस पर कुछ पुरुष सदस्यों ने हंस दिया। इस बयान के बाद महिला सांसद आवाक रह गईं। सदन में सरकार के बीमा विधेयक पर बहस के चल रही थी। शरद यादव ने भारतीय समाज में गोरी त्वचा को लेकर जुनून पर बोलना शुरू किया। उन्होंने दक्षिण भारतीय महिलाओं की ओर इशारा करते हुए कहा कि कि सदन में मौजूद रविशंकर प्रसाद की तरह आपके भगवान सांवले हैं। लेकिन आपलोगों के वैवाहिक विज्ञापन गोरी चमड़ी वाली दुल्हनों पर जोर देते हैं। शरद यादव यहीं नहीं रूके थे उन्होंने दक्षिण भारतीय महिलाओं के रंग पर चर्चा की और कह दिया कि दक्षिण की महिलाएं सांवली होती हैं लेकिन वे अपने शरीर की तरह सुंदर होती हैं। हम इसे यहां नहीं देखते। वे नृत्य जानती हैं। इस पर कई पुरुष सांसदों ने ठहाका लगा दिया। शरद यादव ने इस दौरान फिल्म निर्माता लेस्ली उडविन का भी उल्लेख किया, जिनकी डॉक्यूमेंट्री ‘इंडियाज डॉटर’ में 16 दिसंबर के सामूहिक बलात्कार के एक बलात्कारी का साक्षात्कार शामिल था। शरद ने कहा कि उन्हें अपनी गोरी त्वचा के कारण आसानी से अनुमति मिल गई होगी। उसके बाद शरद के बयान पर डीएमके सांसद कनिमोझी ने उनकी टिप्पणी पर आपत्ति जताई थी और उनसे चर्चा के विषय पर ध्यान केंद्रित करने को कहा था। शरद के इस बयान पर स्मृति ईरानी हत्थे से उखड़ गई थीं और शरद यादव को संभलकर बोलने की बात कही थी। ईरानी ने कहा था कि मैं शरद यादव से महिलाओं की त्वचा के रंग पर इस तरह से टिप्पणी नहीं करने की अपील करती हूं। बहुत गलत संदेश जा रहा है।
उसके बाद जनवरी 2017 में शरद यादव का एक और बयान चर्चा में आया था। जिस पर विवाद शुरू हो गया था। उन्होंने अपने संबोधन में कहा था कि बैलट पेपर कैसे काम करता है, इस बारे में लोगों को बड़े पैमाने पर शिक्षित करना बहुत महत्वपूर्ण है। वोट डालने में सक्षम होने का सम्मान आपकी बेटी के सम्मान से कहीं बड़ा सम्मान है। उस समय राज्यसभा सांसद रहे यादव ने कहा था कि अगर एक बेटी की इज्जत का हनन होता है तो उसके मोहल्ले और उसके गांव की इज्जत चली जाती है, लेकिन अगर एक वोट बिकता है तो देश की इज्जत जाती है। भविष्य के लिए हमारे सारे सपने उड़ जाते हैं। उसके अलावा शरद यादव ने राजस्थान के अलवर में चुनाव प्रचार के दौरान वसुंधरा राजे को लेकर विवादित टिप्पणी कर दी थी। उन्होंने कह दिया था कि राजे बहुत मोटी हो गई हैं और उन्हें आराम की जरूरत है। यादव ने भीड़ को कहा था कि वसुंधरा को आराम दो, बहुत थक गई हैं, बहुत मोटी हो गई हैं, पहले पतली थी। हमारे मध्य प्रदेश की बेटी हैं।
शरद यादव कई बार बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी नाराज रहे। शरद ने 2017 में जेडीयू से अपना नाता तोड़ लिया। उन्होंने अपनी एक अलग पार्टी का गठन किया और नीतीश के अलावा नरेंद्र मोदी के खिलाफ मैदान में कूद पड़े थे। उन्होंने जमकर नरेंद्र मोदी और नीतीश की आलोचना की। शरद यादव ने लालू यादव के साथ खड़े होकर नीतीश को कई बार उनके फैसलों के लिए भला-बुरा कहा और सियासी सुझाव दिया। शरद यादव ने 2019 के लोकसभा चुनाव में भाषण देते वक्त यहां तक कह दिया कि अगर मोदी जीत गये, तो उनकी हत्या भी क रवा सकते हैं। उन्होंने चुनावी सभा में कहा था कि इस चुनाव में उनकी जान को खतरा है। अगर नरेंद्र मोदी चुनाव जीत कर दोबारा सत्ता में आए तो उन्हें जेल भिजवा देंगे या गोली मरवा देंगे। इसलिए ऐसे लोगों से सावधान होने की जरूरत है। हालांकि, भारतीय सियासत में शरद यादव को सम्मान के साथ याद किया जाएगा। उन्होंने समाजवादी मूल्यों की रक्षा के लिए कड़ा संघर्ष किया।