Monday, December 23, 2024
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इंदौर में क्यों आए सिख और सिंधी समाज के लोग आमने सामने?

इंदौर में सिख और सिंधी समाज के लोग आमने-सामने हो गए हैं! मध्य प्रदेश के इंदौर में सिख और सिंधी समाज के बीच गुरु ग्रंथ साहिब को लेकर विवाद लगातार जोर पकड़ रहा है। सिंधी समाज ने अपने 90 से अधिक मंदिरों से गुरु ग्रंथ साहिब इमली साहिब गुरुद्वारे में सौंप दिए हैं। इसको लेकर सोशल मीडिया पर भी बवाल मचा हुआ है। लोग सवाल पूछ रहे हैं कि सैकड़ों वर्षों से सिंधी समाज के मंदिरों में गुरु ग्रंथ साहिब की पूजा होती आ रही है। फिर अचानक इस विवाद की वजह क्या है। विवाद की शुरुआत तब हुई जब कुछ दिन पहले अमृतसर की निहंग कमेटी का एक जत्था अन्नपूर्णा रोड स्थित सिंधी समाज के मंदिर पहुंचा था। वहां गुरु ग्रंथ साहिब की भी पूजा की जा रही थी जिसको लेकर जत्थे ने नाराजगी जताई थी। उनका कहना था कि गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी नहीं होगी। जत्थे का आरोप था कि ग्रंथ का अनादर किया जा रहा है। जत्थेदारों ने साफ कर दिया कि जहां-जहां गुरु ग्रंथ साहिब रखे हैं, उन्हें गुरुद्वारा घोषित किया जाए और मर्यादा के साथ ग्रंथ रखा जाए। वहां से सभी मूर्तियों को हटा दिया जाए। इस पर सिंधी समाज के संतों की कमेटी ने बैठक कर पांच प्रतिनिधि चुने। कमेटी ने गुरुसिंह सभा के महासचिव राजा गांधी सहित अन्य सदस्यों से बात की। इसके बाद सिंधी समाज ने अब तक 90 गुरु ग्रंथ साहिब इमली साहिब गुरुद्वारा के सेवादारों को सौंपे हैं।

सिंधी समाज के उपाध्यक्ष गोपाल कोडवानी ने नवभारत टाइम्स ऑनलाइन से बात करते हुए बताया कि हमारे पूर्वज 300 वर्षों से गुरु ग्रंथ साहिब की पूजा करते आए हैं। उन्होंने कहा की गुरु ग्रंथ साहिब जी की न सिंधी समाज ने कभी कही बेअदबी की है, न ही पूजा में कोई कमी की है। गलतियां सबसे हो जाती हैं, चाहे वो कोई भी सामाज हो या कोई भी धर्म हो। गलतियों को बेअदबी नहीं कहा जाता। हमारे मंदिरों से अगर गुरु ग्रंथ साहिब जी के स्वरूपों को पंजाब के सिख समाज के लोग (गुरु के प्यारे) ले जाना चाहते भी थे तो वे पुलिस कमिश्नर के बजाय इंदौर गुरुसिंघ सभा या इमली साहिब गुरुद्वारा कमेटी या इंदौर सिख समाज से बात कर सकते थे। हमारे ऊपर बेअदबी का झूठा आरोप लगाने और सिंधी समाज को पाखंडी कहने से हमें दुख हुआ है।

गुरु ग्रंथ साहिब को लेकर विवाद का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। ये वीडियो इंदौर के अन्नपूर्णा क्षेत्र का बताया जा रहा है। इस पर लोग तरह-तरह के कमेंट कर रहे हैं।उन्होंने कहा की गुरु ग्रंथ साहिब जी की न सिंधी समाज ने कभी कही बेअदबी की है, न ही पूजा में कोई कमी की है। गलतियां सबसे हो जाती हैं, चाहे वो कोई भी सामाज हो या कोई भी धर्म हो। गलतियों को बेअदबी नहीं कहा जाता। हमारे मंदिरों से अगर गुरु ग्रंथ साहिब जी के स्वरूपों को पंजाब के सिख समाज के लोग (गुरु के प्यारे) ले जाना चाहते भी थे तो वे पुलिस कमिश्नर के बजाय इंदौर गुरुसिंघ सभा या इमली साहिब गुरुद्वारा कमेटी या इंदौर सिख समाज से बात कर सकते थे। हमारे ऊपर बेअदबी का झूठा आरोप लगाने और सिंधी समाज को पाखंडी कहने से हमें दुख हुआ है। सिंधी समाज के लोगों का कहना है कि वे अपने घरों में भी गुरु ग्रंथ साहिब की पूजा करते हैं। उन पर इस तरह का आरोप लगाना गलत है। दूसरी ओर, सिख समाज के लोगों का कहना है कि उनके धर्म ग्रंथ की बेअदबी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

विवाद का कारण यह है कि पंजाब से सिख समाज का एक दल इंदौर आया और पुलिस कमिश्नर कार्यालय पहुंचकर एक ज्ञापन सौंपा।उन्होंने कहा की गुरु ग्रंथ साहिब जी की न सिंधी समाज ने कभी कही बेअदबी की है, न ही पूजा में कोई कमी की है। गलतियां सबसे हो जाती हैं, चाहे वो कोई भी सामाज हो या कोई भी धर्म हो। गलतियों को बेअदबी नहीं कहा जाता। हमारे मंदिरों से अगर गुरु ग्रंथ साहिब जी के स्वरूपों को पंजाब के सिख समाज के लोग (गुरु के प्यारे) ले जाना चाहते भी थे तो वे पुलिस कमिश्नर के बजाय इंदौर गुरुसिंघ सभा या इमली साहिब गुरुद्वारा कमेटी या इंदौर सिख समाज से बात कर सकते थे। हमारे ऊपर बेअदबी का झूठा आरोप लगाने और सिंधी समाज को पाखंडी कहने से हमें दुख हुआ है। ज्ञापन में सिख समुदाय के देवेंद्र सिंह खालसा ने हिंदू और सिंधी समाज पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे अपने मंदिरों में गुरु ग्रंथ साहिब प्रकाश को प्रतिमाओं के सामने रख उनका अनादर कर रहे हैं। इस से सिख समुदाय की भावनाएं आहत हो रही हैं।

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