आज हम आपको एक ऐसी हत्या के बारे में बताएंगे जिसके कातिल को आज तक पकड़ा नहीं गया! फरवरी का सुहाना मौसम, ऊपर से वैलेंटाइन डे, दिल्लीवालों के दिल में प्यार का खुमार साफ नजर आ रहा था। दिल्ली की सड़कों में लाल सुर्ख गुलाबों की महक ऐसे फैल रही थी जैसे यही गुलाबों की खेती हो रही हो। खासकर मेट्रो स्टेशन के पास तो कई बच्चे हाथों में गुलाब लेकर दौड़कर यात्रियों की तरफ आ रहे थे… ‘भइया ले लो न सिर्फ 15 रुपये का है’… ‘ले लो आपकी मैडम खुश हो जाएगी’। वैलेंटाइन डे पर गुलाब की कीमत अचानक आसमान छूने लगती है। वैसे तो उस जमाने में दिल्ली में गुलाब 5 रुपये का मिल जाता था, लेकिन उस दिन सड़कों पर फूल बेचकर ये बच्चे भी थोड़ा ज्यादा कमाने की आस में लगे हुए थे। खैर ये छोटे-छोटे बच्चे अपने काम में लगे थे और वो सॉफ्टेवयर इंजीनियर लड़की जिसकी कहानी हम आपको सुनाने जा रहे हैं तेज कदमों से करोल बाग के मेट्रों स्टेशन से बाहर निकल रही थी। बिना इन बच्चों के खूबसूरत गुलाबों की तरफ ध्यान दिए वो आगे बढ़ गई।सिमरनजीत कौर यही नाम था उस खूबसूरत लड़की का, जिसकी कहानी आज भी उलझी हुई है। कहानी उसकी जिंदगी की नहीं, बल्कि कहानी उसके कत्ल की। दिल्ली के फेमस स्कूल स्पिंगडेल से पढ़ी हुई और एक बड़ी कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर सिमरजीत कौर नोएडा में अपने ऑफिस से ये सोचकर निकली की वो अपने एक कजिन के घर जाएगी। दरअसल सिमरनजीत का कजिन कुछ दिन पहले ही पिता बना था और वो उसे सरप्राइज देना चाहती थी। अपने ऑफिस से फ्री होकर सिमनजीत ने नोएडा से मेट्रो पकड़कर करोल बाग तक आई थी।
करीब 7.35 का वक्त था, वो मेट्रो स्टेशन ने बाहर निकलकर सड़क की तरफ आगे बढ़ रही थी। अपने भाई के घर के काफी करीब तक वो आ चुकी थी। तभी किसी ने उसपर हमला किया। हमालावर के हाथ में एक मीट काटने वाला चाकू था। वो हमला करके वहां से फरार हो गया। सिमरनजीत नीच गिर गई। देखते ही देखते वहां पर भीड़ लग गई। ‘अरे तुरंत एम्बुलेंस बुलाओ’… भीड़ में से किसी ने एंबुलेंस को फोन किया तो किसी ने पुलिस को। थोड़ी देर में सिमरनजीत को अस्पताल पहुंचा दिया गया।
आई एम सॉरी शी इज ब्रॉट डेड’… बेहद प्यारी स्माइल वाली सिमरनजीत मर चुकी थी। जो थोड़ी देर पहले अपने भाई को सरप्राइज देने के लिए तेज कदमों से से बढ़ रही थी, उसकी सांसे करोल बाग के मेट्रो स्टेशन के पास ही थम चुकी थीं। सिमरनजीत कौर के परिवार के तमाम लोग अस्पताल में ही मौजूद थे, लेकिन उनकी प्यारी बेटी, प्यारी पत्नी जा चुकी थी। जी हां सिमनरजीत के पति का रो-रोकर बुरा हाल था। दो साल पहले ही सिमरनजीत की लव मैरिज हुई थी। बेहद प्यारा रिश्ता था दोनों का। दिल्ली यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करते समय ही दोनों एक दूसरे के करीब आए थे। घटना के सिर्फ एक हफ्ते पहले ही दोनों ने अपनी दूसरी मैरिज एनिवर्सरी सेलेब्रेट की थी, लेकिन अब महज 26 साल की उम्र में सिमरनजीत का मर्डर हो चुका था। आखिर कौन था जिसने इस खुशमिजाज लड़की मौत दे दी? मेट्रो स्टेशन पर ऐसा क्या हुआ था? कौन था इस सॉफ्टवेयर इंजीनियर लड़की का कातिल? ये सारे सवाल परिवार और पुलिस दोनों के सामने थे।
परिवार का मानना था कि सिमरनजीत इतनी खुशमिजाज और अच्छी थी कि उसका कोई दुश्मन हो ही नहीं सकता था तो फिर क्यों हुआ उसका कत्ल। 2014 में दिल्ली में हुए इस सनसनीखेज मर्डर केस को सुलझाने में दिल्ली पुलिस जुट गई। केस को ट्रैक करने के तरीकों पर एक लिस्ट तैयार की गई। पुलिस ने सबसे पहले वहां की सीसीटीवी फुटेज खंगाली। सिमरनजीत जैसे ही मेट्रो से निकली काले रंग की पेंट और सफेद रंग की जैकेट पहने एक शख्स उसके पीछे चलने लगा। आगे-आगे सिमरनजीत और पीछे-पीछे वो शख्स, लेकिन थोड़ी देर में वो दूसरी तरफ चला गया।
फुटेज में साफ दिख रहा ता कि सिमरनजीत अपने भाई की कॉलोनी गेट के बेहद करीब पहुंच चुकी थी। तभी सिमरन के पास से एक स्कूटर सवार शख्स गुजरा, पुलिस को लगा कि शायद यही कातिल हो, लेकिन उस शख्स ने स्कूटर से यूटर्न ले लिया। सिमरनजीत तेजी से अपने भाई की घर की तरफ बढ रही थी। कॉलोनी के पास बेहद अंधेरा था इसलिए सीसीटीवी में अब कुछ भी साफ-साफ नजर नहीं आ रहा था। हालांकि एक पतले इंसान की धुंधली सी छाया लड़की के बेहद करीब नजर आई, शायद वहीं था कातिल।
सीसीटीवी फुटेज कई लैब्स मेें भेजा गया ताकि कुछ साफ पिक्चर सामने आ सके, लेकिन वो भी नजर नहीं आया। परिवारवाले परेशान थे। करीब छह महीने पहले ही सिमरन के पिता की भी कैंसर की वजह से मौत हो गई थी और अब बेटी की मौत का दुख, परिवार के लिए सहना मुश्किल हो रहा था। सिमरन का पति भी लगातार केस को लेकर पुलिस से अपडेट ले रहा था। पर पुलिस के पास भी कोई जवाब नहीं थी। दिन, महीने साल बीतते गए और केस पुराना होता चला गया। सिमरन का कत्ल हुआ, लेकिन 10 साल बाद भी कातिल का कोई पता नहीं चल पाया। राजधानी दिल्ली के बीचों-बीच हुआ मर्डर मिस्ट्री बनकर रह गया।