आज हम आपको चंबल की डाकू साधना पटेल की कहानी सुनाने जा रहे हैं! उसने बचपन से ही डाकुओं को बेहद करीब से देखा, उसके घर में ही चलती थी दहशत की पाठशाला। डकैतों के किस्से, कहानियां सुनकर नहीं बल्कि अपनी आखों से डकैतों को अपने घर में देखते हुए वो जवान हुई और फिर उसने भी वही राह पकड़ ली। परिवार की तमाम कोशिशों के बावजूद वो बन गई इनामी डकैत। चंबल की ऐसी कातिल हसीना जो जुर्म भी करती थी और डकैतों से मोहब्बत भी। चंबल के बीहड़ों में डाकुओं का राज रहा है। चंबल के आसपास के गांव में अक्सर इन डाकुओं की दहशत रहती थी। ये अक्सर गांव में घुस जाया करते और आतंक मचाते थे। हैरानी की बात ये थी कि चंबल में कई महिला डकैतों ने भी वैसा ही आतंक मचाया जैसा डाकुओं ने। ऐसी ही खौफ की एक कहानी है साधना पटेल की भी। साधना का जन्म चित्रकूट जिले के भड़हापुरवा गांव में में हुआ था। पिता होरीलाल पटेल डकैत तो नहीं थे, लेकिन कई डकैतों से उनकी काफी गहरी दोस्ती थी। इसके अलावा साधना पटेल की बुआ के चुन्नीलाल नाम के एक डकैत से संबंध थे। ये सब साधना बचपन से ही देखते हुए आ रही थी।
जब साधना छोटी तब से घर में अक्सर चंबल के डाकुओं का आना जाना लगा रहता था। उसने बचपन से ही घर में ऐसा माहौल देखा था जिसकी वजह से वो भी काफी सख्त स्वभाव की हो चुकी थी। अक्सर आस पड़ोस, स्कूल और गांव में उसके लड़ाई झगड़े के किस्से सामने आते थे। पिता का डकैतों के साथ उठना बैठना जरूर था, लेकिन उन्होंने अपनी बेटी को इससे दूर रखने काफी कोशिश की। अपने तीन भाई-बहनों में सबसे बड़ी साधना के अंदर शुरू से ही बागियों वाले तेवर थे। साधना तेज तर्रार तो थी ही साथ ही बेहद खूबसूरत भी थी। उसे अपनी खूबसूरती का काफी घमंड था। पिता की कुछ समय बाद मौत हो गई। मां के कहने 17 साल की उम्र में उसकी शादी करवा दी गई, लेकिन छह महीने के अंदर ही वो अपने पति से लड़-झगड़कर वापस अपने मायके लौट आई। इसी बीच साधना का अफेयर और लड़के से शुरू हुआ और फिर उसने दूसरी शादी की। साधना की ये शादी भी महज एक साल चल पाई। इस बार साधना के इरादे कुछ और थे।
जब वो अपने दूसरे पति के साथ थी उसी दौरान उसका दिल चंबल के एक डाकू नवल धोबी पर आ गया। वो शादीशुदा होने के बावजूद गांव में ही डाकू के साथ इश्क लड़ाती। दोनों के मोहब्बत के किस्से गांव में फैलने लगे। उसके बाद उसने अपने दूसरे पति को भी छोड़ दिया और फिर नवल धोबी के साथ चंबल में ही उसकी महबूबा बनकर रहने लगी। वो अपनी खूबसूरती को लेकर चंबल में काफी मशहूर थी। कहा जाता है कि उसकी सुरक्षा के लिए कई डाकू उसे घेरे रहते थे।
कुछ समय बाद एक पुलिस एनकाउंटर में डाकू नवल धोबी गिरफ्तार हो गया और उस गैंग की कमान संभाली खुद साधना पटेल ने। उसके गैंग में दीपक शिवहरे नाम का एक डाकू भी था। अबकी बार साधना पटेल ने दीपक शिवहरे के साथ अपना रिश्ता शुरू किया। चंबल के बीहड़ों में दोनों के प्यार काफी चर्चे रहे। नवल धोबी की गिरफ्तारी के बाद दीपक शिवहरे ही उसका सबसे करीबी था।दोनों के मोहब्बत के किस्से गांव में फैलने लगे। उसके बाद उसने अपने दूसरे पति को भी छोड़ दिया और फिर नवल धोबी के साथ चंबल में ही उसकी महबूबा बनकर रहने लगी। वो अपनी खूबसूरती को लेकर चंबल में काफी मशहूर थी। कहा जाता है कि उसकी सुरक्षा के लिए कई डाकू उसे घेरे रहते थे। इन दोनों ने मिलकर अपने गैंग को मजबूत किया। अब तक हथियार चलाने और बाकी सारे कामों में साधना पूरी तरह से एक्सपर्ट हो चुकी थी।
2018 के आसपास उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश बॉर्डर के आसपास के गांवों में साधना और उसके गैंग की खासी दहशत थी। उसका गैंग कई गांव में लूट-पाट मचा रहा था। साधना ने मध्यप्रदेश के एक गांव में एक किडनैपिंग को अंजाम दिया जिसके बाद पुलिस ने उसके नाम पर इनाम घोषित किया। पुलिस साधना पटेल को जल्द से जल्द गिरफ्तार करना चाहती थी। एक साल बाद यानी नवंबर 2019 में कडियन के जंगल से आखिरकार उसे गिरफ्तार कर लिया गया। उसके पास 315 बोर की रायफल और चार जिंदा कारतूस पुलिस को बरामद हुए।