जानिए दिल्ली मर्डर के महत्वपूर्ण राज!

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आज हम आपको दिल्ली मर्डर के महत्वपूर्ण राज बताने जा रहे हैं! सोचिए जब एक मरा हुआ इंसान अपनी जगह बदल ले, सोचिए जब लाश ही अपनी हत्या के राजफाश कर दे। दिल्ली की क्राइम ब्रांच के सामने एक ऐसा ही केस आया जहां लाश ने ही दिए अपने मर्डर के सारे सुराग। जहां एक बार मरने के बाद फिर से जिंदा नजर आया इंसान। लाश ने बताया क्यों उसे मारा गया और कौन हैं उसके कातिल। 4 फरवरी को दिल्ली के मित्राऊ इलाके में एक लाश मिलती है। लाश का चेहरा पुरी तरह से बिगड़ा हुआ होता है। कोई ये पहचान ही नहीं सकता कि कत्ल हुआ किसका है। न कोई मर्डर वेपन मिलता है और न ही कोई लाश का कनेक्शन। राजधानी दिल्ली में हुया ये केस दिल्ली क्राइम ब्रांच अपने हाथ में लेती है। सबसे पहले इलाके की सीसीटीवी फुटेज निकाली जाती है। फुटेज को देखकर क्राइम ब्रांच की टीम भी हैरान रह जाती है।

जो लाश पुलिस के सामने होती है उसका चेहरा पूरी तरह से खराब होता है, जबकि वही लाश सीसीटीवी में एकदम साफ चेहरे के साथ नजर आती है। न चेहरे को निशान, न कोई घाव। फिर ऐसा क्या हुआ कि लाश का चेहरा अचानक इतनी बुरी तरह से बिगड़ गया जिसे पहचानना भी नामुमकिन है। खैर इसके बाद आसपास के कुछ और सीसीटीवी कैमरे खंगाले जाते हैं। अब एक सीसीटीवी में यही इंसान जिंदा नजर आता है। पुलिस के लिए अब पहचान करना आसान हो गया था।

जांच होती है तो पता चलता है कि लाश बंटी नाम के एक शख्स की है जिसपर पहले भी कई अपराध दर्ज हैं। बंटी की लाश कुछ सुराग तो दे चुकी थी, बाकी के सुराग क्राइम ब्रांच को जुटाने थे। सीसीटीवी में बंटी के आसापास कुछ संदिग्ध नजर आते हैं। बंटी के फोन से जांच की जाती है। पुलिस बंटी के घर तक पहुंचती है। बेटे की लाश देखकर परिवार वाले रोने लगते हैं, लेकिन पुलिस को एक बेहद अहम सुराग उसके परिवार से मिलता है। परिवारवाले बताते हैं कि बंटी अपने दोस्तों के साथ शराब पीने गया था।

बंटी के दोस्तों का फोन सर्विलांस में लगाया जाता है। ज्यादार दोस्तों के फोन नहीं मिलते। दरअसल दो आरोपियों ने चालाकी दिखाते हुए पहले ही अपने सिम कार्ड नष्ट कर दिए थे। खैर एक फोन की सर्विलांस से नंबर हरिद्वार की लोकेशन बताता है, लेकिन जब तक पुलिस वहां पहुंचती है आरोपी वहां से फरार हो चुके होते हैं। ऐसे ही तीन दिन बीत जाते हैं। बंटी को पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी आ जाती है। रिपोर्ट में शराब पीने की बात सही पाई जाती है। इसी बीच आरोपियों की लोकेशन हापुड़ दिखती है। अब पुलिस हापुड़ में अपराधियों को पकड़ने के लिए जाल बिछाती है और वो फंस जाते हैं।

बंटी का कत्ल उसके तीन दोस्तों हिमांशु डागर, धीरज तूर, अंशुल अंतिल और साहिल ने मिलकर किया था। लाश का पता चल चुका था, कातिल भी पुलिस के हत्थे चढ़ चुके थे, लेकिन अभी भी मर्डर का मोटिव साफ नहीं था। क्या पैसों को लेकर ये हत्या हुई थी, लेकिन ऐसा नहीं हो सकता था क्योंकि पैसों के लेने-देन या लूट का कोई मामला नजर नहीं आ रहा था। फिर क्यों दोस्तों ने ही अपने दोस्त की जान ले ली? इस पूरे केस का मास्टर माइंड था हिमांशु। हिमांशु के कहने पर ही उसके बाकी दोस्तों ने बंटी को मौत दी थी। हिमांशु से जब सच पूछा गया तो उसने चौंकाने वाले खुलासे किए। हिमांशु ने बताय कि बंटी का उसकी बहन के साथ अफेयर चल रहा था। ये बात कुछ दिन पहले ही हिमांशु को पता चली थी। हिमांशु को बंटी उसकी बहन का रिश्त पसंद नहीं था, बस इसलिए उसने बंटी को रास्ते से हटाने की तरकीब निकाली। उसने अपने दूसरे दोस्तों से बात की और फिर इस मर्डर को अंजाम दिया। आरोपियों ने शराब की बोतल और डंडे लाठियों से ही बंटी को मौत दी थी। कत्ल करने के बाद जानबूझक उसके चेहरे पर पत्थर मारकर उसकी पहचान मिटाने की कोशिश की गई।

मर्डर करने के बाद सारे आरोपी सबसे पहले हरिद्वार गए और वहां जाकर गंगा में डुबकी लगाई। उसके बाद ये चारों हरिद्वार से मुर्थल गए और वहां जाकर पंरांठे खाए। ये लोग लगातार अपनी लोकशन बदल रहे थे ताकि पुलिस इनको न पकड़ पाए।