आखिर बिहार में सड़कों पर क्यों उतर रहे हैं युवा?

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बिहार में युवा सड़कों पर उतर रहे हैं! सोशल मीडिया पर तेजी से एक पोस्ट वायरल हो रहा है। ये पोस्ट बक्सर जिले के रहने वाले उदय प्रताप ने किया है। एक दिन पहले किये गये इस पोस्ट में गुस्सा है। अपने मेंटर के प्रति अगाध स्नेह है। उदय प्रताप बक्सर जिले के युवा समाजसेवी हैं। बक्सर के दलित बस्तियों में कपड़े बांटने से लेकर, हर छोटे-बड़े सामाजिक कार्यों में बढ़-चढ़कर भाग लेते हैं। उदय प्रताप को पूरा बक्सर जानता है। उदय के पीछे युवाओं की एक टोली है। जो कई मौकों पर सामाजिक कार्य में हिस्सा लेती है। उदय ने अपने पोस्ट में लिखा है कि ‘जो खानदानी आईपीएस होते हैं. वो नहीं डरते है किसी के गाली से। तुम्हारा गाली देना बता रहा है, तुम्हारी कुर्सी नई-नई है! विकास वैभव पिछले कई सालों से बिहारी अस्मिता और बिहार की सकारात्मक ऊर्जा को सामने लाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। संभवतः देश के एकमात्र ऐसे आईपीएस अधिकारी हैं, जिनसे बिहार और देश भर के लाखों युवा दिल से जुड़े हैं। उनके ‘लेट्स इंस्पायर बिहार’ अभियान का समर्थन करते हैं। इसी बैनर तले वे मुफ्त कोचिंग और गरीब बच्चों को कंप्यूटर सिखाने का काम करते हैं। विकास वैभव के साथ हुई घटना से काफी आहत हैं। उदय प्रताप का सोशल मीडिया पोस्ट तो आपने देखा।  पत्नी और मां की गाली सुनकर एक साधारण इंसान भी अपना आपा खो सकता है। जब विकास वैभव की अंतरात्मा कराहने लगी तो उन्होंने ट्वीट किया बाद में चंद मिनटों में उसे डिलीट भी कर दिया। सोशल मीडिया पर लोग कितना विकास वैभव को चाहते हैं। चंद सेकंड में ही उसका स्क्रीनशॉट पूरे देश में फैल गया। सुबह से मीडिया में छा गया। देर शाम जिस अधिकारी पर विकास वैभव ने गंभीर आरोप लगाए हैं। उसी ने एक पत्र जारी कर विकास वैभव से 24 घंटे के अंदर जवाब मांगा। पत्र का मजमून आप पढ़ सकते हैं। इसमें साफ लिखा हुआ है कि मैडम कह रही है कि आपने मेरे द्वारा की गई अभद्रता को फोन में रिकॉर्डिंग किया है। इसका मतलब है कि आप विभाग के गुप्त बैठकों को भी रिकॉर्ड करते होंगे? यानी मैडम खुद मान रही है कि उन्होंने कुछ जरूर ऐसा आचरण कर दिया है जो रिकॉर्ड हो गया है। अनूप नारायण सिंह ने अपने पोस्ट में मुख्यमंत्री से इस मामले की जांच कराने की मांग की है। अनूप कहते हैं कि अगर इस बार विकास वैभव का हौसला टूटा तो फिर आप एक ईमानदार पुलिस अधिकारी को रुपहले पर्दे पर ही देख कर ताली ही मार सकते हैं। रियल सिंघम वास्तविकता के धरातल पर नजर नहीं आएंगे। जिनके इशारों पर लाखों बिहारी युवा एक पैर पर खड़े होने को तैयार हैं।

लाखों बिहारी युवा’ इसी बात से किसी को समस्या हो गई है। विकास वैभव पहले से टारगेट पर थे। अचानक उनके विरोधियों को मौका मिल गया है। अब उन्हें ठिकाने लगाने के सारे प्रपंच रचे जा रहे हैं। वरिष्ठ टीवी पत्रकार रहे धीरेंद्र कहते हैं कि कुल मिलाकर ये नीतीश सरकार का अवसान काल है। जिसमें चौतरफा गिरावट दर्ज हो रही है। जिस व्यक्ति ने अधिकारियों के दम पर कुशासन से सुशासन का सफर तय किया। अब सुशासन के सामने ही ईमानदारी का चीरहरण हो रहा है और धृतराष्ट्र सहने और देखने के लिए मजबूर हैं। इससे पूर्व नीतीश कुमार अपनी पूरी राजनीति बिहारी अस्मिता को जगाने के लिए करते रहे। वो कहते थे कि लालू यादव के दौर में बिहारी शब्द गाली हो गया था। धीरेंद्र कहते हैं कि नीतीश कहते थे कि उन्होंने उस गाली को सम्मान में तब्दील किया। इनके अधिकारी इस बात को ठेंगे पर रखते हैं। केके पाठक ने बिहारी को गाली दी। अब एक अधिकारी ने उस व्यक्ति को गाली दिया, जो बिहार और बिहारी को प्रेरित करने के लिए पिछले तीन साल से प्रयासरत है। अधिकारी का काम होता है जनता के बीच में जागृति पैदा करना। विकास वैभव ने यही काम किया है। उसी की सजा उन्हें दी जा रही है। सियासी गलियारों में चर्चा है कि विकास वैभव को टारगेट पर लेने के पीछे उनकी बढ़ती लोकप्रियता है। इससे बहुत से राजनेता डरे हुए हैं। उन्हीं चर्चाओं में ये चर्चा चल पड़ी की वे बेगूसराय से आगामी लोकसभा चुनाव लड़ने वाले हैं। जिसके बाद विरोधी उनको लेकर सक्रिय हो गए हैं।

विकास वैभव की लोकप्रियता से वही लोग डर रहे हैं, जो जनता को ठग रहे हैं। आप एक ऐसे व्यक्ति से डर गये जो चुनाव लड़ेगा या नहीं लड़ेगा ये स्पष्ट नहीं है। जो व्यक्ति अपने कर्तव्य का पालन करते हुए खाली समय में बिहार को जागरूक करने का काम कर रहा है। उसे आप नीचा दिखाने पर तुले हुए हैं। कुछ वरिष्ठ पत्रकारों ने बातचीत में अंदर की खबर देते हुए बताया कि विकास वैभव की सोशल मीडिया पर सक्रियता। धर्म को लेकर की जा रही उनकी बेबाक और सच्ची टिप्पणी नेताओं को चुभ रही थी। विकास वैभव लगातार सनातन संस्कृति की बात कर रहे थे। वो कुछ लोगों को पसंद नहीं था। कई पत्रकारों ने बताया कि उन्होंने विकास वैभव को आगाह किया था कि आपको टारगेट पर लिया जा रहा है। पत्रकारों ने कहा कि विकास वैभव इतने विनम्र और संत स्वभाव के व्यक्ति हैं कि वे कुछ भी नकारात्मक सोचते ही नहीं हैं। पूरे बिहार के युवाओं को एक सूत्र में जोड़कर उन्होंने नई क्रांति का आगाज कर दिया। जिसमें बिहार, बिहारीपन, समावेशी विकास और बिहारी अस्मिता की बात है। विकास वैभव ने बिहार के युवाओं को पूर्वजों के प्रति जागरूक किया। बिहार के गौरवशाली इतिहास को जन-जन तक पहुंचाने का काम किया। ये बात बिहार में नेताओं को पिछले एक साल से चुभ रही थी। वहीं जानकार मानते हैं कि महागठबंधन में अब ईमानदार अधिकारियों की सुनवाई नहीं है। ऐसे अधिकारियों को धीरे-धीरे साइडलाइन किया जाएगा जो तेज तर्रार और ईमानदार हैं।

विकास वैभव प्रकरण पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रतिक्रिया भी आ गई है। इतना ही नहीं अब इस विवाद पर सियासत भी तेज हो गई है। अपनी समाधान यात्रा में पूर्णिया जिला पंहुचे मुख्यमंत्री अग्निशमन विभाग के वर्तमान महानिरीक्षक (आईजी) विकास वैभव और अग्निशमन सेवा एवं होमगार्ड की महानिदेशक शोभा अहोतकर के बीच विवाद के बारे में पत्रकारों के सवालों का जवाब दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने संबंधित अधिकारियों से मामले की पड़ताल करने और अपने निष्कर्षों से मुझे अवगत कराने को कहा है। लेकिन यह बेहद अनुचित है कि कोई अधिकारी अपने वरिष्ठों के समक्ष विवाद को रखने के बजाय ट्वीट करना पसंद करता है। यह सेवा नियमों के खिलाफ है। हालांकि, राज्य में विपक्षी बीजेपी वैभव के पीछे खड़ी दिख रही है और उसने इसे बिहार के गौरव का अपमान से जोड़ा है। अहोतकर महाराष्ट्र की निवासी हैं। प्रदेश भाजपा प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा कि आईएएस केके पाठक ने मानसिक तनाव और हताशा में होने के सबूत दिये थे और अब आईपीएस शोभा अहोतकर भी अत्यधिक मानसिक तनाव और हताशा में हैं। अतिरिक्त मुख्य सचिव स्तर के आईएएस अधिकारी पाठक हाल ही में एक बैठक में अपनी टिप्पणी को लेकर खबरों में थे। उत्तर प्रदेश में जन्मे पाठक का एक कथित वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किया गया था जिसमें वह बिहार और यहां के वासियों को लेकर टिप्पणी करते दिखे थे।