आखिर मरीजों के लिए कैसे काम करता है ईसंजीवनी ऐप?

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आज हम आपको बताएंगे कि ईसंजीवनी ऐप मरीजों के लिए कैसे काम करता है! प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फरवरी के अंतिम रविवार को मन की बात के जरिए एक बार फिर देशवासियों से रूबरू हुए। लोगों से बातचीत के दौरान पीएम मोदी ने एक ऐप का जिक्र किया था। नाम था ई-संजीवनी। ई-संजीवनी ऐप एक फ्री टेलि मेडिसिन सेवा है। इसे खासतौर पर आम आदमी के लिए कोरोना काल के दौरान डिजाइन किया गया था। मन की बात कार्यक्रम में पीएम मोदी ने इस ऐप का जिक्र करते हुए बताया कि अबतक 10 करोड़ लोग इस ऐप का लाभ उठा चुके हैं वहीं यह ऐप मिडिल क्लास या आम आदमी के लिए जिंदगी बचाने वाला ऐप साबित हुआ है। पीएम मोदी ने जिस ऐप का जिक्र अपने मन की बात कार्यक्रम में किया वह आखिर क्या है? कब शुरू हुआ और इसके क्या फायदे हैं। आज हम आपको इन्हीं सब सवालों का जवाब देने वाले हैं। पीएम मोदी ने रविवार को अपने मन की बात कार्यक्रम में ई-संजीवनी ऐप की खूब तारीफ की थी। पीएम ने कहा कि इस ऐप के माध्यम से टेली कंसल्टेंट्स की संख्या 10 करोड़ को पार कर चुकी है। असल में ई-संजीवनी ऐप एक मेडिकल ऐप है। इस ऐप की मदद से यूजर डॉक्टर तक आसानी से पहुंच सकता है। e-Sanjeevani ऐप में टेली-कंसल्टेशन की भी सुविधा है। इसका मतलब एक यूजर दूर बैठकर भी डॉक्टरों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिग की मदद से जुड़ सकता है। यह ऐप ब्राउजर आधारित है जिसमें डॉक्टर से डॉक्टर और मरीज से डॉक्टर टेली परामर्श की सुविधा मिलती है। इस ऐप की मदद से धन की भी बचत हो सकती है। वहीं दूरदाज तक स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच आसान है।

आपके मन में अब यह सवाल होगा कि आखिर यह ऐप कैसे काम करता है। इसे डाउनलोड कैसे करना है। केंद्र सरकार का यह ऐप मरीज और डॉक्टर के बीच एक वर्चुअल लिंक की तरह काम करता है। ई-संजीवनी ऐप को आप अपने प्ले स्टोर या ऐप स्टोर से डाउनलोड कर सकते हैं। इसके बाद ऐप को ओपन करना होगा। ऐप खोलने के बाद खुद को रजिस्टर करें। जानकारी और मोबाइल नंबर दर्ज करने के बाद आपके पास वैरिफिकेशन के लिए एक ओटीपी आएगा। इसे भरने के बाद आपका रजिस्ट्रेशन पूरा हो जाएगा। रजिस्ट्रेशन के बाद मरीज के सामने विकल्प दिखेंगे। इसमें फिजीशियन, ऑर्थोपेडिक, स्किन, डेंट, गायनी और न्यूरो में से किस डॉक्टर से सलाह लेना चाहते हैं। अपने मर्ज के अनुसार आप संबंधित डॉक्टर को चुन लीजिए। इसके बाद ऐप के जरिए वीडियो कॉल किया जाएगा।

यह वीडियो कॉल मरीज और डॉक्टर के बीच होगी। मरीज की बात उसी डॉक्टर से होगी जिसे उसने अपने मर्ज के अनुसार चुना है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से डॉक्टर मरीज से बातचीत कर दवा का प्रिस्क्रिप्शन देगा। इसके बाद ऐप को ओपन करना होगा। ऐप खोलने के बाद खुद को रजिस्टर करें। जानकारी और मोबाइल नंबर दर्ज करने के बाद आपके पास वैरिफिकेशन के लिए एक ओटीपी आएगा। इसे भरने के बाद आपका रजिस्ट्रेशन पूरा हो जाएगा। रजिस्ट्रेशन के बाद मरीज के सामने विकल्प दिखेंगे। इसमें फिजीशियन, ऑर्थोपेडिक, स्किन, डेंट, गायनी और न्यूरो में से किस डॉक्टर से सलाह लेना चाहते हैं। अपने मर्ज के अनुसार आप संबंधित डॉक्टर को चुन लीजिए। इसके बाद ऐप के जरिए वीडियो कॉल किया जाएगा।यह परामर्श डिजिटल साइन के साथ मरीज के पास पहुंच जाएगा। ई-संजीवनी ऐप पर सुबह 9 बजे से दोपहर 2 बजे तक परामर्श लिया जा सकता है।

गूगल प्ले स्टोर या ऐप स्टोर से पहले ई-संजीवनी ऐप को डाउनलोड करें, ऐप ओपन करने के बाद उसमें अपना रजिस्ट्रेशन करें।इसके बाद ऐप को ओपन करना होगा। ऐप खोलने के बाद खुद को रजिस्टर करें। जानकारी और मोबाइल नंबर दर्ज करने के बाद आपके पास वैरिफिकेशन के लिए एक ओटीपी आएगा। इसे भरने के बाद आपका रजिस्ट्रेशन पूरा हो जाएगा। रजिस्ट्रेशन के बाद मरीज के सामने विकल्प दिखेंगे। इसमें फिजीशियन, ऑर्थोपेडिक, स्किन, डेंट, गायनी और न्यूरो में से किस डॉक्टर से सलाह लेना चाहते हैं। अपने मर्ज के अनुसार आप संबंधित डॉक्टर को चुन लीजिए। इसके बाद ऐप के जरिए वीडियो कॉल किया जाएगा। रजिस्ट्रेशन के लिए दिए गए मोबाइल नंबर पर ओटीपी आएगा। उसे दर्ज करें, रजिस्ट्रेशन के बाद मरीज के सामने विकल्प दिखेंगे। अपने मर्ज के अनुसार दिए गए विकल्प को चुनें। विकल्प के तौर पर फिजीशियन, ऑर्थोपेडिक, स्किन, डेंट, गायनी और न्यूरो वाले विकल्प दिखाई देंगे। चुने गए विकल्प के बाद डॉक्टर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ई-परामर्श लें।