लॉरेंस बिश्नोई के गुंडों ने जेल में कैसे किए हथियारों के इंतजाम?

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सवाल उठना लाजमी है कि लॉरेंस बिश्नोई के गुंडों ने जेल में हथियारों के इंतजाम कैसे किए! पंजाब के तरनतारन की गोइंदवाल जेल से दिल दहला देने वाला वीडियो सामने आया तो पूरे देश में सनसनी मच गई। जेल के अंदर सरेआम सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड के दो आरोपियों की हत्या कर दी गई और हत्यारे बिना किसी खौफ के वीडियो बनाते रहे। अगर आप इस वीडियो को देखे तो पाएंगे कि हत्यारों की ठीक पीछे एक पुलिसवाला भी मौजूद है, यानी पुलिसवाले की आंखों के ठीक सामने लॉरेंस बिश्नोई गैंग के ये शूटर कत्ल के बाद वीडियो बना रहे हैं। जेल मतलब ऐसी जगह जहां बड़े-बड़े अपराधियों को पूरी सुरक्षा के बीच रखा जाता है। जहां भारी संख्या में पुलिस बल तैनात होता है। जहां अपराधी सलाखों के भीतर होता है, जहां बिना परमिशन के जेल की काल कोठरी बाहर निकलना नामुमकिन होता है, लेकिन अगर आप तरनतारन जेल के इस वीडियो को देखेंगे तो आपके होश उड़ जाएंगे। जेल के अंदर अफरा तफरी मची है। आरोपी खुलेआम मोबाइल का इस्तेमाल कर रहे हैं। न कोई सलाखें हैं, न कोई निगरानी। हां पीछे खड़े होकर एक जेलकर्मी पूरी गैंगवार का दर्शक जरूर बना हुआ है।

इस वीडियो को देखने के बाद कई सवाल खड़े होते हैं। आखिर जेल के अंदर कैसे हुआ ये सब? क्या जेल प्रशासन सो रहा था या फिर अपराधियों को बढ़ावा देने का काम जेल में ही चल रहा था? सबसे बड़ा सवाल लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ गैंग के इन दो शूटर भिवानी और कुलदीप के पास वीडियो बनाने के लिए मोबाइल कहां से आया? जिस अंदाज में ये सरेआम ये जेल के अंदर से धमकी दे रहे हैं तो क्या जेल इनके लिए महज एक दिखावा थी और जेलकर्मी भी इनके इस काम में इनका साथ दे रहे थे?

ये बात है 26 फरवरी की। रविवार का दिन था। गोइंदवाल जेल की बैरक नंबर 1 में थे लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ गैंग के शार्प शूटर जबकि बैरक नंबर 2 में जग्गू भगवानपुरिया का पूरा गैंग। 26 फरवरी की शाम को दोनों बैरक के आरोपी एक दूसरे से भिड़ने लगे। कहा जा रहा है कि पहले जग्गू भगवानपुरिया के गैंग के लोगों ने लॉरेंस बिश्नोई गैंग पर रॉड से हमला किया। इसके बाद लॉरेंस बिश्नोई गैंग के शूटर भिवानी और कुलदीप ने उनसे हथियार छीन लिए और उन्हें उन्हीं हथियारों से मनमोहन मोहना और मंदीप तूफान को मौत के घाट उतार दिया। जग्गू गैंग के दो और शूटर अर्शद खान और केशव कुमार इस गैंगवार में जख्मी हो गए।

घंटों तक ये गैंगवार चलती रही, लेकिन पुलिस ने इन्हें रोकना जरूरी नहीं समझा। हत्या हो गई और इसके बाद वहीं उसी जगह से वीडियो बनाते रहे। कहा जा रहा है कि पहले जग्गू भगवानपुरिया के गैंग के लोगों ने लॉरेंस बिश्नोई गैंग पर रॉड से हमला किया। इसके बाद लॉरेंस बिश्नोई गैंग के शूटर भिवानी और कुलदीप ने उनसे हथियार छीन लिए और उन्हें उन्हीं हथियारों से मनमोहन मोहना और मंदीप तूफान को मौत के घाट उतार दिया। जग्गू गैंग के दो और शूटर अर्शद खान और केशव कुमार इस गैंगवार में जख्मी हो गए।मतलब लॉरेंस बिश्नोई गैंग के पास पहले से ही मोबाइल मौजूद था, तो क्या पुलिस को इस मोबाइल की जानकारी नहीं थी? इन गैंगस्टर्स के पास मोबाइल किसने भिजवाया?

जब तक ये वीडियो सामने नहीं आया उस दिन की जेल की हकीकत किसी के सामने नहीं थी। पुलिस ने बड़ी ही आसानी से जेल की बैरक नंबर 1 से लेकर 7 तक के कैदियों के खिलाफ मामले दर्ज कर लिए थे, लेकिन जैसे ही हत्या के वाद का वीडियो सामने आया हर किसी के होश उड़ गए।कहा जा रहा है कि पहले जग्गू भगवानपुरिया के गैंग के लोगों ने लॉरेंस बिश्नोई गैंग पर रॉड से हमला किया। इसके बाद लॉरेंस बिश्नोई गैंग के शूटर भिवानी और कुलदीप ने उनसे हथियार छीन लिए और उन्हें उन्हीं हथियारों से मनमोहन मोहना और मंदीप तूफान को मौत के घाट उतार दिया। जग्गू गैंग के दो और शूटर अर्शद खान और केशव कुमार इस गैंगवार में जख्मी हो गए। पंजाब सरकार ने 5 जेलकर्मियों को गिरफ्तार कर लिया है जबकि सात लोगों को सस्पेंड किया गया है। इन पर अपराधियों के साथ मिलिभगत और जेल में लापरवाही के आरोप लगे हैं, लेकिन इन गिरफ्तारी से प्रशासन पर उठे सवाल खत्म नहीं होते।

इस जेल के बैरक नंबर 2 में एक महीने पहले भी टच स्क्रीन मोबाइल और सिमकार्ड मिलने की खबरे सामने आईं थीं।इसके साथ ही यहां जेल के अंदर अफीम भी बरामद हुई थी। इसके बावजूद भी प्रशासन को कोई फर्क नहीं पड़ा।