आखिर दिल्ली एयरपोर्ट से लोग वापस क्यों लौटे घर?

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हाल ही में दिल्ली एयरपोर्ट से लोग घर वापस लौट आए हैं! विदेश जाने के लिए हर रोज सैकड़ों लोग एयरपोर्ट पहुंचते हैं। अलग-अलग देशों में रोज सैकड़ों लोग दिल्ली से उड़ान भरते हैं, लेकिन सोचिए कैसा लगा होगा उन लोगों को जिन्हें एयरपोर्ट जाने के बाद वापस लौटा दिया गया हो। जो पूरी तैयारी के साथ फ्लाइट पकड़ने एयरपोर्ट गए, हजारों रुपये की विदेश जाने की टिकट्स खरीदीं और फिर उन्हें ये कहकर लौटा गिया गया कि आपका वीजा नकली है। एक, दो नहीं 300 लोगों के साथ ऐसा हुआ। जी हां ये चौंकाने वाली खबर दिल्ली से है जहां 300 लोग एक बड़े फर्जीवाड़े का शिकार हुए हैं। दिल्ली खुलेआम बेहद शातिर तरीके से विदेश जाने वाले लोगों को मुर्ख बनाया जा रहा था। सोशल साइट्स के जरिए लोगों को वीजा के लिए बुलाया जा रहा था। दरअसल जो लोग विदेशों में नौकरी करने जाते हैं उन्हें वीजा लेने के लिए हमेशा काफी कोशिश करनी पड़ती है। जॉब वीजा आसानी से नहीं मिलता और इसका फायदा उठा रहा था दिल्ली का एक गैंग।

मिडल ईस्ट में नौकरी का वीजा दिलावाने के नाम पर ये गैंग सोशल साइट्स पर विज्ञापन डालता था। विज्ञापन को देखकर कई लोग इनके झांसे में आने लगे। दिल्ली के सुभाष नगर इलाके में इस गैंग ने अपना ऑफिस खोला हुआ था। जहां बेहद सिस्टमेटिक तरीके से ये लोग नकली वीजा बनाने का काम करते थे। विज्ञापन में एक फोन नंबर दिया हुआ होता था। लोग जब फोन उठाते तो इनके कॉल सेंटर पर कॉल जाती। उसके बाद ये उस शख्स को अपने ऑफिस बुलाते।

ऑफिस में वीजा के लिए अप्लाई करने वाले शख्स से उसका पासपोर्ट और दूसरे दस्तावेज मांगे जाते। साथ ही वीजा के नाम पर कुछ पैसा भी लिया जाता। विज्ञापन को देखकर कई लोग इनके झांसे में आने लगे। दिल्ली के सुभाष नगर इलाके में इस गैंग ने अपना ऑफिस खोला हुआ था। जहां बेहद सिस्टमेटिक तरीके से ये लोग नकली वीजा बनाने का काम करते थे। विज्ञापन में एक फोन नंबर दिया हुआ होता था। लोग जब फोन उठाते तो इनके कॉल सेंटर पर कॉल जाती। उसके बाद ये उस शख्स को अपने ऑफिस बुलाते।उसके बाद ये उस शख्स को मेडिकल चेपकअप के लिए एक अगली डेट देते। दिल्ली के एक अस्पताल में कैंडिडेट का मेडिकल चेकअप भी होता। इसके बाद उस शख्स के पासपोर्ट को ये लोग नेपाल भेज देते। जहां इनके गैंग के दूसरे लोग काम कर रहे थे। वहां पासपोर्ट पर वीजा की स्टांप लगाई जाती। कुछ दिनों बाद पासपोर्ट पर वीजा लगकर आ जाता तो उस शख्स को फिर ऑफिस में बुलाया जाता। उससे बाकी बची हुई वीजा की फीस ली जाती और उसका पासपोर्ट वापस दे दिया जाता।उसे पता भी नहीं चलता कि उसके साथ धोखाधड़ी हुई है। ये बात तब सामने आती जब वो यात्रा वाले दिन एयरपोर्ट पहुंचता। इमिग्रेशन डिपार्टमेंट में लाइन में लगने के बाद जब नंबर आता तो पता चलता कि जो वीजा पासपोर्ट में लगा है वो नकली है। पिछले 4 महीनों में ऐसे ही 300 से ज्यादा लोगों को ये इसी तरह धोखधड़ी का शिकार बना चुके हैं।

दिल्ली पुलिस की टीम को लगातार इनके खिलाफ शिकायत मिल रही थी। पुलिस की एक टीम इस काम में लगी हुई थी और आखिरकार 2 लोगों को इस मामले में गिरफ्तार कर लिया गया है।विज्ञापन को देखकर कई लोग इनके झांसे में आने लगे। दिल्ली के सुभाष नगर इलाके में इस गैंग ने अपना ऑफिस खोला हुआ था। जहां बेहद सिस्टमेटिक तरीके से ये लोग नकली वीजा बनाने का काम करते थे। विज्ञापन में एक फोन नंबर दिया हुआ होता था। लोग जब फोन उठाते तो इनके कॉल सेंटर पर कॉल जाती। उसके बाद ये उस शख्स को अपने ऑफिस बुलाते। राजस्थान के रहने वाले रिजवान और बाहदुरगढ़ के सुशील को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।विज्ञापन को देखकर कई लोग इनके झांसे में आने लगे। दिल्ली के सुभाष नगर इलाके में इस गैंग ने अपना ऑफिस खोला हुआ था। जहां बेहद सिस्टमेटिक तरीके से ये लोग नकली वीजा बनाने का काम करते थे। विज्ञापन में एक फोन नंबर दिया हुआ होता था। लोग जब फोन उठाते तो इनके कॉल सेंटर पर कॉल जाती। उसके बाद ये उस शख्स को अपने ऑफिस बुलाते। ये लोग मीट वीजा के नाम से सुभाष नगर में अपनी फर्जी कंपनी चला रहे थे। इनके पास से 6 मोबाइल और 8 सिमकार्ड और 70 हजार रुपये पुलिस ने बरामद किए हैं। पुलिस जांच में जुटी है कि इन लोगों के साथ और कितने लोग जुड़े हुए हैं और कितने लोगों को ये नकली वीजा जारी कर चुके हैं।