आज हम आपको राहुल गांधी की असली मुसीबत के बारे में बताने जा रहे हैं! केरल की वायनाड लोकसभा सीट से सदस्य रहे कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सदस्यता जाने के बाद अब बड़ा सवाल यह है कि क्या चुनाव आयोग इस सीट पर जल्द ही उपचुनाव करवा सकता है? जानकारों का कहना है कि उपचुनाव की घोषणा से पहले चुनाव आयोग हर कानूनी पहलू को देखेगा और राहुल गांधी के अगले कदम पर भी आयोग की नजर रहेगी। राहुल गांधी की ओर से जल्द ही ऊपरी अदालत में अपील की जा सकती है। वहीं, चुनाव आयोग के सूत्रों के अनुसार राहुल के अयोग्य घोषित होने के बाद वायनाड सीट पर उपचुनाव कराने से पहले तमाम पहलुओं की समीक्षा की जाएगी। आयोग के सूत्रों के अनुसार पहले से तय गाइडलाइंस के अनुरूप जो नियम हैं, उनके तहत आयोग कार्रवाई करेगा। नियम के अनुसार, खाली सीट को 6 महीने के अंदर भरना होता है। सूत्रों के अनुसार, इस बार आयोग कोई फैसला लेने से पहले तमाम कानूनी पहलुओं और घटनाक्रमों की समीक्षा करेगा। दरअसल, इसी साल आयोग अपने ही कुछ फैसलों से कानूनी अड़चनों में फंसा रहा। इसी साल जनवरी में लक्षद्वीप के पूर्व सांसद फैजल को हत्या के प्रयास के मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद आयोग ने तुरंत उपचुनाव की घोषणा की। हालांकि केरल हाई कोर्ट ने लक्षद्वीप के पूर्व सांसद मोहम्मद फैजल की सजा को निलंबित कर दिया था। इसके बाद आयोग को अपनी अधिसूचना वापस लेनी पड़ी। ऐसे ही एक अन्य मामले में आयोग को सुप्रीम कोर्ट से कड़ी टिप्पणी का सामना करना पड़ा था। ऐसे में इस बार आयोग चुनाव उपचुनाव की घोषणा करने से पहले इन पहुलओं को ध्यान में रखेगा। आयोग नहीं चाहेगा कि एक बार उपचुनाव की घोषणा के बाद नोटिफिकेशन वापस लेना पड़े। आयोग के सूत्रों के अनुसार अगले कुछ दिनों में इस केस में और स्पष्टता आ जाएगी जिसके बाद कुछ फैसला लिया जा सकता है।
पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी कहते हैं कि तकनीकी तौर पर तो चुनाव आयोग उपचुनाव की घोषणा कर सकता है, लेकिन अभी आयोग को जल्दबाजी में कोई भी फैसला नहीं करना चाहिए। उनका कहना है कि अगर आयोग उपचुनाव की घोषणा कर देता है और राहुल गांधी को भी ऊपरी अदालत से दोषसिद्धि पर स्टे के रूप में राहत मिल जाती है तो फिर उपचुनाव पर भी स्टे हो जाएगा। अगर अदालत से सिर्फ सजा (2 साल) पर रोक या स्टे लगाया जाता है तो यह काफी नहीं है।इसी साल जनवरी में लक्षद्वीप के पूर्व सांसद फैजल को हत्या के प्रयास के मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद आयोग ने तुरंत उपचुनाव की घोषणा की। हालांकि केरल हाई कोर्ट ने लक्षद्वीप के पूर्व सांसद मोहम्मद फैजल की सजा को निलंबित कर दिया था। इसके बाद आयोग को अपनी अधिसूचना वापस लेनी पड़ी। ऐसे ही एक अन्य मामले में आयोग को सुप्रीम कोर्ट से कड़ी टिप्पणी का सामना करना पड़ा था। ऐसे में इस बार आयोग चुनाव उपचुनाव की घोषणा करने से पहले इन पहुलओं को ध्यान में रखेगा। आयोग नहीं चाहेगा कि एक बार उपचुनाव की घोषणा के बाद नोटिफिकेशन वापस लेना पड़े। वहीं अगर दोषसिद्धि पर रोक लगाई जाती है तो फिर उपचुनाव नहीं हो सकेगा।
पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त कहते हैं कि उपचुनाव करवाने के लिए आयोग के पास छह महीने का समय होता है और ऐसा जरूरी नहीं है कि किसी सदस्य की सदस्यता जाने के कुछ दिनों के बाद ही उपचुनाव की घोषणा कर दी जाए।इसी साल जनवरी में लक्षद्वीप के पूर्व सांसद फैजल को हत्या के प्रयास के मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद आयोग ने तुरंत उपचुनाव की घोषणा की। हालांकि केरल हाई कोर्ट ने लक्षद्वीप के पूर्व सांसद मोहम्मद फैजल की सजा को निलंबित कर दिया था। इसके बाद आयोग को अपनी अधिसूचना वापस लेनी पड़ी। ऐसे ही एक अन्य मामले में आयोग को सुप्रीम कोर्ट से कड़ी टिप्पणी का सामना करना पड़ा था। ऐसे में इस बार आयोग चुनाव उपचुनाव की घोषणा करने से पहले इन पहुलओं को ध्यान में रखेगा। आयोग नहीं चाहेगा कि एक बार उपचुनाव की घोषणा के बाद नोटिफिकेशन वापस लेना पड़े। लक्षद्वीप के एक सांसद के मामले में केरल हाई कोर्ट का फैसला आयोग को ध्यान में होगा और अभी आयोग को हर पहलू पर ध्यान देने के बाद ही कोई फैसला लेना चाहिए। ऐसे में चुनाव आयोग को तमाम पक्षों पर विचार करने के बाद ही उपचुनाव को लेकर फैसला लेना चाहिए।