क्या गुलाम नबी आजाद के पास है कांग्रेस के राज?

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गुलाम नबी आजाद के पास कांग्रेस के महत्वपूर्ण राज छुपे हुए हैं! गुलाब नबी आजाद ने कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्‍व को फिर कटघरे में खड़ा किया है। उन्‍होंने इस बात को सिरे से खारिज किया है कि कांग्रेस का जी23 गुट भारतीय जनता पार्टी का करीबी है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने इसे बचकाना करार दिया है। आजाद यह भी बोले हैं कि वह कांग्रेस को एक्‍सपोज करके पूरी तरह खत्‍म नहीं करना चाहते हैं। उन्‍होंने कहा है कि कांग्रेस की लीडरशिप के साथ उनके मतभेद हो सकते हैं। लेकिन, कांग्रेस की विचारधारा और पूर्व की पार्टी लीडरशिप के साथ उनके मन में कोई मलाल नहीं है। उन्‍होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ भी की है। पीएम को आजाद ने असली राजनेता बताया है। डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजादी पार्टी के प्रमुख गुलाम नबी आजाद ने कई मसलों पर बेबाकी से राय रखी है। उन्‍होंने कहा है कि वह कांग्रेस को बेनकाब और पूरी तरह से ध्वस्त नहीं करना चाहते। नेतृत्व के साथ उनके कुछ मतभेद हो सकते हैं। लेकिन, कांग्रेस पार्टी या कांग्रेस की विचारधारा से उनके कोई मतभेद नहीं हैं। वह बोले, ‘कांग्रेस की विचारधारा या पहले के कांग्रेस नेतृत्व से मेरे कोई मतभेद नहीं हैं। बेशक मैंने अपनी किताब में नेहरू, इंदिरा और राजीव के समय में क्या गलत हुआ, इसका ज‍िक्र किया है। लेकिन, मैंने यह भी कहा कि वे बड़े नेता थे।’

पूर्व कांग्रेसी नेता ने कहा कि पार्टी में काफी बदलाव आ चुका है। नेहरू, राजीव गांधी, इंदिरा गांधी झटकों को सहन कर सकते थे। उनमें सहनशक्ति थी। उन्हें जनता का समर्थन और सम्मान था। समय के साथ अपने काम से वे पलट सकते थे। लेकिन, वर्तमान कांग्रेस नेतृत्व का लोगों पर कोई प्रभाव नहीं है। आजाद ने इस आरोप को सिरे से खारिज किया कि जी23 गुट बीजेपी का करीबी है। उन्‍होंने कहा कि यह बेहद मूर्खतापूर्ण बात है। अगर जी23 बीजेपी का प्रवक्ता था तो उन्हें कांग्रेस ने सांसद क्यों बनाया? उन्हें सांसद, महासचिव और पदाधिकारी क्यों बनाया गया है? वह बोले, ‘मैं अकेला हूं जिसने पार्टी बनाई है। बाकी लोग अभी वहीं हैं। यह दुर्भावनापूर्ण, अपरिपक्व और बचकाना आरोप है।’

कांग्रेस का जी23 वही गुट है जिसने कुछ साल पहले तत्‍कालीन कांग्रेस अध्‍यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पार्टी में बदलाव की पैरवी की थी। उन्हें जनता का समर्थन और सम्मान था। समय के साथ अपने काम से वे पलट सकते थे। लेकिन, वर्तमान कांग्रेस नेतृत्व का लोगों पर कोई प्रभाव नहीं है। आजाद ने इस आरोप को सिरे से खारिज किया कि जी23 गुट बीजेपी का करीबी है। उन्‍होंने कहा कि यह बेहद मूर्खतापूर्ण बात है। अगर जी23 बीजेपी का प्रवक्ता था तो उन्हें कांग्रेस ने सांसद क्यों बनाया? उन्हें सांसद, महासचिव और पदाधिकारी क्यों बनाया गया है? वह बोले, ‘मैं अकेला हूं जिसने पार्टी बनाई है। बाकी लोग अभी वहीं हैं। यह दुर्भावनापूर्ण, अपरिपक्व और बचकाना आरोप है।’इस गुट में गुलाम नबी आजाद, मनीष तिवारी, पी चिदंबरम, शशि थरूर और कपिल सिब्‍बल सरीखे दिग्‍गज कांग्रेसी नेता शामिल थे। आजाद ने बाद में कांग्रेस से अपने रास्‍ते अलग कर लिए थे।

आजाद ने प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ भी की। उन्‍होंने कहा कि मोदी बहुत उदार नेता हैं।उन्हें जनता का समर्थन और सम्मान था। समय के साथ अपने काम से वे पलट सकते थे। लेकिन, वर्तमान कांग्रेस नेतृत्व का लोगों पर कोई प्रभाव नहीं है। आजाद ने इस आरोप को सिरे से खारिज किया कि जी23 गुट बीजेपी का करीबी है। उन्‍होंने कहा कि यह बेहद मूर्खतापूर्ण बात है। अगर जी23 बीजेपी का प्रवक्ता था तो उन्हें कांग्रेस ने सांसद क्यों बनाया? उन्हें सांसद, महासचिव और पदाधिकारी क्यों बनाया गया है? वह बोलेउन्हें जनता का समर्थन और सम्मान था। समय के साथ अपने काम से वे पलट सकते थे। लेकिन, वर्तमान कांग्रेस नेतृत्व का लोगों पर कोई प्रभाव नहीं है। आजाद ने इस आरोप को सिरे से खारिज किया कि जी23 गुट बीजेपी का करीबी है। उन्‍होंने कहा कि यह बेहद मूर्खतापूर्ण बात है। अगर जी23 बीजेपी का प्रवक्ता था तो उन्हें कांग्रेस ने सांसद क्यों बनाया? उन्हें सांसद, महासचिव और पदाधिकारी क्यों बनाया गया है? वह बोले, ‘मैं अकेला हूं जिसने पार्टी बनाई है। बाकी लोग अभी वहीं हैं। यह दुर्भावनापूर्ण, अपरिपक्व और बचकाना आरोप है।’ ‘मैं अकेला हूं जिसने पार्टी बनाई है। बाकी लोग अभी वहीं हैं। यह दुर्भावनापूर्ण, अपरिपक्व और बचकाना आरोप है।’ विपक्ष के नेता के रूप में उन्‍होंने पीएम को किसी भी मुद्दे पर नहीं बख्शा। चाहे वह धारा 370 हो या सीएए या हिजाब। उनके कारण कुछ बिल पूरी तरह फेल हो गए। लेकिन, पीएम को श्रेय देना चाहिए कि उन्होंने एक स्टेट्समैन की तरह व्यवहार किया। उसका बदला नहीं लिया।