पुलवामा में आतंकियों के कायराना हमले और देश के सपूतों की शहादत की आज तीसरी बरसी है.14 फरवरी का दिन भले ही कई लोगों के लिए वेलेंटाइन डे सेलीब्रेशन का दिन हो लेकिन यह दिन इतिहास में जम्मू-कश्मीर की सबसे दुखद घटना की भी याद दिलाता है. साल 2019 में 14 फरवरी को आतंकवादियों ने इस दिन को देश के सुरक्षाकर्मियों पर कायराना हमले के लिए चुना. सुरक्षा एजेंसी से जुड़े सूत्रों ने बताया कि जम्मू में 6 फरवरी 2021 को पकड़े गए लश्कर-ए-मुस्तफा के सरगना हिदायतुल्लाह मलिक (शोपियां निवासी) ने पूछताछ में जैश के साथ कनेक्शन की बात स्वीकार की थी.उसके मोबाइल से पाकिस्तान के नंबर और व्हाट्सएप चैट का भी खुलासा हुआ था. उसने पूछताछ में कबूला था कि पाकिस्तान में बैठे मौलाना मसूद अजहर के भाई रऊफ, अबु तलहा उर्फ डाक्टर के सीधे संपर्क में था. उसके इशारे पर ही उसने दिल्ली में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के दफ्तर की रेकी की थी.
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में जैश-ए-मोहम्मद के एक आतंकवादी ने विस्फोटकों से लदे वाहन से CRPF जवानों की बस को टक्कर मार दी, जिसमें केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) 40 जवान शहीद हो गए और कई गंभीर रूप से घायल हुए थे.
पुलवामा हमले के बाद केंद्र के सख्त रवैये से आतंकियों और उनके आकाओं पर नकेल कसी जाने लगी. टेरर फंडिंग के रास्ते रोक दिए गए. हथियारों की तस्करी में भी कमी आई. इस वजह से आतंकी संगठनों के पास पैसे व हथियार की कमी होने लगी। लिहाजा हिदायतुल्लाह के नेतृत्व में शोपियां में 2020 में जम्मू-कश्मीर बैंक से 60 लाख रुपये की लूट की घटना को अंजाम दिया गया. सूत्रों ने बताया कि सख्ती की वजह से हिदायतुल्लाह को घाटी के बाहर भी नेटवर्क खड़ा करने की जिम्मेदारी दी गई .
इस कड़ी में उसने बिहार के छपरा और आसपास के इलाकों में अपना नेटवर्क बढ़ाया और हथियारों की सप्लाई मंगाई. बाद के दिनों में उसकी निशानदेही पर बिहार से भी गिरफ्तारियां हुईं. उसने पंजाब में भी संपर्क बढ़ाया था. हिदायतुल्लाह जम्मू में भी अपना नेटवर्क खड़ा कर रहा था.सूत्र बताते हैं कि घाटी में लश्कर ने टीआरएफ के नाम पर ही घटनाओं को अंजाम देना शुरू किया. सुरक्षा बलों को गच्चा देने के लिए उसने हाइब्रिड आतंकी भी तैयार किए।.घाटी में टारगेट किलिंग की घटनाओं के पीछे भी टीआरएफ के इन्हीं हाइब्रिड आतंकियों का हाथ था.
आखिरकार 14फरवरी 2019 के सुबह क्या हुआ था
पुलवामा जिले के लीथोपोरा में CRPF जवानों से भरी बस से एक विस्फोटक से भरी गाड़ी सीधी जा टकराई और एक जोरदार भीषण धमाका हुआ. आमने-सामने से टक्कर होने पर पहले तो किसी को कुछ समझ नही आया. धमाके का काला धुआं वहां आसपास इतना भर गया कि कुछ दिखाई नहीं दे रहा था। धुआं हटा तो सड़क पर हमारे देश के वीर जवानों के पार्थिव शरीर धरती पर पड़े हुए थे. धमाका इतना तेज था कि सड़क कई दूरी तक खून से सन्नी हुई थी।.जवान मोर्चा संभालते उससे पहले ही आतंकियों ने सीआरपीएफ की 78 गाड़ियों के काफिले पर ताबड़तोड़ गोलीबारी शुरू कर दी.जवानों ने इस गोलीबारी का मुंहतोड़ जवाब दिया और जवाबी कार्रवाई में आतंकी भाग खड़े हुए. मीडिया में पुलवामा की तस्वीरें जब सामने आईं तो पूरा देश दहल गया.हर किसी की जुबान पर एक ही बात थी कि इस हमले बदला लो, आतंकियों को मारो और दुुश्मनों को करारा जवाब दो माफ नहीं करेंगे|
आज इस पुलवामा आतंकी हमले को तीन साल हो चुके हैं लेकिन इसके जख्म और दर्द आज भी हरे हैं. हमारे पुराने जख्म फिर से नया हो जाते है . सोशल मीडिया पर #pulwamaattack और #pulwama ट्रेंड कर रहा है.लोग शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दे रहे हैं। यूजर्स ने लिखा कि यह वो दिन है जिसे हम कभी भूलेंगे नहीं और न ही दोषियों को माफ करेंगे. 14 फरवरी जब लोग वेलेंटाइन डे (Valentine’s Day) पर अपने दोस्तों के साथ इस दिन का जश्न मना रहे थे तभी दोपहर करीब पौने चार बजे टीवी पर पुलवामा हमले की खबर आई. पूरा देश सन्न रह गया.लोग आतंकियों की इस कायराना हरकत से हम सभी रो पड़े.
20 साल के लड़के ने किया हमला
पुलवामा हमले को अंजाम देने वाला उसी इलाके का महज 20 साल का एक लड़का था जिसका नाम आदिल अहमद डार था. आदिल पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूह जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा हुआ था. हमले से पहले उसने वीडियो भी बनाया था जिसमें उसने कहा था कि वो इसके बाद जन्नत को जाएगा. सोशल मीडिया पर उसका वीडियो काफी वायरल हुआ था.
भारत ने एयर स्ट्राइक कर लिया बदला
पुलवामा आतंकी हमले के बाद पूरे देश में गुस्सा और रोष था. पूरा देश एक सुर में कह रहा था कि आतंकियों से बदला लिया जाए. भारतीय सेना ने देशवासियों को भरोसा दिलाया कि वे जब तक वीर जवानों की शहादत का बदला नहीं लेंगे शांत नहीं बैठेंगे लेकिन तारीख और वक्त वे खुद तय करेंगे. हुआ भी ऐसा ही, 26 फरवरी को तड़के भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के बालाकोट में स्थित आतंकियों के ठिकानों पर एयर स्ट्राइक कर दी. पुलवामा हमले के 12 दिन के अंदर ही वायु सेना ने आतंकियों के ठिकाने ध्वस्त कर दिए. एयर स्ट्राइक में काफी आतंकी मारे गए थे. वायुसेना के एयरस्ट्राइक की किसी को कानों-कान भनक भी नहीं लगी.
भारतीय वायुसेना के 12 मिराज 2000 जेट्स ने ऐसी तबाही मचाई की दुश्मन कांप उठे और उनको भागने के लिए भी जगह नहीं मिली. पूरे देश में माहौल ही बदल गया। हर किसी की जुबान पर एयर स्ट्राइक का जिक्र और वायु सेना की बहादुरी की चर्चा थी। सेना ने इस एयरस्ट्राइक को पुलवामा हमले में शहीद हुए जवानों को दी श्रद्धांजलि बताया. पाकिस्तान ने इस हमले में ज्यादा नुकसान से इनकार किया था लेकिन पूरी दुनिया जानती है कि उसे कितनी क्षति पहुंची थी. दुनिया भर की मीडिया में भारत द्वारा की गई एयर स्ट्राइक की चर्चा कई दिनों तक होती रही. साथ ही मौजूदा मोदी सरकार ने दुश्मन को करारा जवाब देते हुए संदेश दिया कि भारत अब और सहेगा नहीं.
तब भी अपनी नापाक इरादों से बाज नहीं आ पाए आतंकवादी
पुलवामा हमले के बाद केंद्र के सख्त रवैये से आतंकियों और उनके आकाओं पर नकेल कसी जाने लगी. टेरर फंडिंग के रास्ते रोक दिए गए। हथियारों की तस्करी में भी कमी आई. इस वजह से आतंकी संगठनों के पास पैसे व हथियार की कमी होने लगी. लिहाजा हिदायतुल्लाह के नेतृत्व में शोपियां में 2020 में जम्मू-कश्मीर बैंक से 60 लाख रुपये की लूट की घटना को अंजाम दिया गया. सूत्रों ने बताया कि सख्ती की वजह से हिदायतुल्लाह को घाटी के बाहर भी नेटवर्क खड़ा करने की जिम्मेदारी दी गई.
इस कड़ी में उसने बिहार के छपरा और आसपास के इलाकों में अपना नेटवर्क बढ़ाया और हथियारों की सप्लाई मंगाई. बाद के दिनों में उसकी निशानदेही पर बिहार से भी गिरफ्तारियां हुईं. उसने पंजाब में भी संपर्क बढ़ाया था. हिदायतुल्लाह जम्मू में भी अपना नेटवर्क खड़ा कर रहा था.सूत्र बताते हैं कि घाटी में लश्कर ने टीआरएफ के नाम पर ही घटनाओं को अंजाम देना शुरू किया. सुरक्षा बलों को गच्चा देने के लिए उसने हाइब्रिड आतंकी भी तैयार किए.घाटी में टारगेट किलिंग की घटनाओं के पीछे भी टीआरएफ के इन्हीं हाइब्रिड आतंकियों का हाथ था
पुलवामा के बाद 500 से अधिक आतंकियों का सफाया
पुलवामा हमले के बाद घाटी में तीन साल में 500 से अधिक आतंकियों का सफाया किया. इनमें जैश, लश्कर, अंसार गजवातुल हिंद और हिजबुल के टॉप कमांडर भी शामिल हैं. अनुच्छेद 370 हटने के बाद पांच अगस्त 2019 से अब तक 541 मुठभेड़ में 446 आतंकी मारे जा चुके हैं. पांच अगस्त के बाद आईपीएस विजय कुमार को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से बुलाकर दिसंबर 2019 में कश्मीर पुलिस महानिरीक्षक की कमान सौंपी गई. तब से 400 दहशतगर्दों का काम तमाम हो चुका है.
यह घटना पूरे भारत के लिए एक सदमा से भरा है . हर भारतीय के लिए आज का दिन काफी दुख से भरा हुआ है . इसलिये हर भारतीय आज के दिन को ब्लैक डे के रूप मे मानते है |