एक रिपोर्ट के अनुसार फिनलैंड की जनता को सबसे ज्यादा खुश बताया गया है! फिनलैंड को हाल ही में लगातार छठे साल दुनिया का सबसे खुशहाल देश का तमगा मिला। इसने दुनियाभर के शोधकर्ताओं को चक्कर में डाल दिया है। वह थ्योरी समझने में लग गए हैं कि आखिर फिनलैंड वाले इतने खुश कैसे हैं। कैसे यह देश खुशहाली के हर पैमाने पर नंबर वन बना हुआ है। फिनलैंड के जानकार इसके पीछे एक अहम कारण बताते हैं। यह नागरिकों की एक खास तरह की सोच और संस्कृति से जुड़ा है। इसके मुताबिक, खुशहाल जिंदगी के लिए अपने सपनों को वास्तविक रखना चाहिए। एक्सपेक्टेशंस को बहुत ऊंचा रखना सही नहीं है। तो, क्या हम सभी को खुश रहने के लिए अपनी अपेक्षाओं को कम कर देना चाहिए? एक्सपर्ट इसका जवाब ‘नहीं’ में देते हैं। इसके पीछे उनके पास ठोस कारण भी हैं। एक्सपर्ट्स कहते हैं कि बड़े-बड़े सपने देखना जरूरी है। इससे हम काम करने के लिए लक्ष्य बनाते हैं। मेंटल कंट्रास्टिंग नाम की प्रक्रिया के जरिये हम भविष्य की अपनी अपेक्षाओं के बारे में फैसला लेते हैं। यह तय करते हैं कि कौन से सपने साकार करने के लिए वास्तविक हैं और कौन से सपने हमें छोड़ देने चाहिए।
मसलन, आप कल्पना कर सकते हैं कि आप अपने आसपास कई दोस्तों के साथ जिंदगी जी रहे हैं। अगर आप घर पर अकेले बैठे इस बारे में सपने देख रहे हैं और अकेले होने की वास्तविकता के बारे में उदास हैं तो मेंटल कंट्रास्टिंग आपको अपने सपने की पहचान करने में मदद करती है। यह बताएगी कि आपको असल में इसके लिए क्या योजना बनानी चाहिए। अगर आप घर पर अकेले बैठे इस बारे में सपने देख रहे हैं और अकेले होने की वास्तविकता के बारे में उदास हैं तो मेंटल कंट्रास्टिंग आपको अपने सपने की पहचान करने में मदद करती है। यह बताएगी कि आपको असल में इसके लिए क्या योजना बनानी चाहिए। कैसे आप अकेलेपन से दूर होकर दोस्तों के साथ जुड़ सकते हैं। इसके लिए क्या कदम उठा सकते हैं। ऐसे में हाई एक्सपेक्टेशंस अगर वास्तविक हैं तो वे बदलाव के लिए प्रेरक शक्ति के रूप में काम कर सकती हैं।कैसे आप अकेलेपन से दूर होकर दोस्तों के साथ जुड़ सकते हैं। इसके लिए क्या कदम उठा सकते हैं। ऐसे में हाई एक्सपेक्टेशंस अगर वास्तविक हैं तो वे बदलाव के लिए प्रेरक शक्ति के रूप में काम कर सकती हैं।
हाई एक्सपेक्टेशंस हमें आशावादी बनाए रखती हैं। इससे हम विपरीत परिस्थितियों का सामना कर पाते हैं। अगर आप घर पर अकेले बैठे इस बारे में सपने देख रहे हैं और अकेले होने की वास्तविकता के बारे में उदास हैं तो मेंटल कंट्रास्टिंग आपको अपने सपने की पहचान करने में मदद करती है। यह बताएगी कि आपको असल में इसके लिए क्या योजना बनानी चाहिए। कैसे आप अकेलेपन से दूर होकर दोस्तों के साथ जुड़ सकते हैं। इसके लिए क्या कदम उठा सकते हैं। ऐसे में हाई एक्सपेक्टेशंस अगर वास्तविक हैं तो वे बदलाव के लिए प्रेरक शक्ति के रूप में काम कर सकती हैं।कैसे आप अकेलेपन से दूर होकर दोस्तों के साथ जुड़ सकते हैं। इसके लिए क्या कदम उठा सकते हैं।जब किसी के साथ कुछ बुरा होता है तो मन हर तरफ भागता है। जब यह मन बनाया जाता है कि सबकुछ अच्छा होगा तो उससे लोगों को सही दिशा में बढ़ने का हौसला मिलता है।
दूसरी तरफ लो एक्सपेक्टेशंस ग्रोथ के साथ हमारी क्षमताओं को भी सीमित करती हैं। जो होना है होकर रहेगा या फिर जो हम चाहते हैं उसे पूरा करने के लिए प्रबल इच्छा न रखना जिंदगी जीने का सही तरीका नहीं है। इस तरह की सोच निराशा की भावनाओं को जन्म दे सकती है। जब हमें विपरीत परिस्थितियों के बाद सफलता की कम उम्मीदें होती हैं तो हमारे हार मानने की संभावना बढ़ जाती है। उदाहरण के लिए किसी ऐसे शख्स को लेते हैं जिसका ब्रेकअप हो चुका है। अगर वह बहुत निराश हो जाएगा तो कभी नहीं सोचेगा कि डेटिंग ऐप के जरिये नए जीवनसाथी को खोज सकता है। ये भी हो सकता है कि निराश होकर वह अपने लिए सभी दरवाजे बंद कर दे।
लिहाजा, इन बातों को देखते हुए कहा जा सकता है कि हाई एक्सपेक्टेशंस रखने से हमें बदलती परिस्थितियों के अनुकूल होने और चलते रहने में मदद मिल सकती है। यह लचीलेपन, अनुकूलन और अपनी खुशी के लिए जरूरी है।