आज हम आपको अतीक अहमद की संपत्ति के बारे में बताने जा रहे हैं! अतीक अहमद की संपत्ति प्रयागराज से लेकर दिल्ली और मुंबई तक फैली हुई है। अपने रसूख से जुटाई गई 100 करोड़ से भी ज्यादा संपत्ति का वारिस अब कौन होगा, यह बड़ा सवाल है। 44 साल तक प्रयागराज में अपना आपराधिक साम्राज्य चला रहे अतीक अहमद ने कितनी अवैध और बेनामी संपत्तियां बनाई और कहां-कहां निवेश किए, यह राज अब शायद अतीक और अशरफ की मौत के बाद कब्र में ही दफन रह जाएंगे। इनकम टैक्स रिटर्न से जुड़े दस्तावेज और चुनावी हलफनामों में अपनी संपत्तियां और नकदी कुछ करोड़ दिखाने वाले अतीक की अकूत संपत्तियां और काली कमाई की असली सच्चाई और संख्या 2017 के बाद आनी शुरू हुईं। यूपी पुलिस और प्रशासन ने जब गैंगस्टर ऐक्ट के तहत अतीक की संपत्तियों और अन्य निवेश के बारे में पड़ताल शुरू की तो देखते ही देखते आंकड़ा 1,200 करोड़ तक पहुंच गया। इसके अलावा ईडी ने अतीक की आठ करोड़ की संपत्तियों को अटैच किया है।
अतीक के बेटे असद और शूटर गुलाम के मुठभेड़ में मारे जाने से एक दिन पहले ईडी ने अतीक और उसके करीबियों के 15 ठिकानों पर छापेमारी की थी। छापे में ईडी को 100 से ज्यादा अवैध और बेनामी संपत्तियों के कागजात मिले हैं। इसके अलावा लखनऊ औक प्रयागराज के पॉश इलाकों में खरीदी गई, उन संपत्तियों का भी ब्योरा मिला है। जो अतीक या उसके परिवारवालों के नाम पर हैं। ईडी के मुताबिक इन जमीनों को अतीक ने अपने और करीबियों के नाम पर सर्किल रेट से भी कम में लिखवा लिया था। फिर जो रकम कागजों में दिखाई गई थी, उसका भी भुगतान नहीं किया गया।
अतीक के साथ उमेश पाल अपहरण कांड में उम्रकैद की सजा पाए वकील सौलत हनीफ के पास बेनामी संपत्तियों से जुड़े कागजात सबसे ज्यादा मिले हैं। अतीक ने प्रयागराज के सिविल लाइन्स समेत अन्य सबसे महंगे इलाकों में बड़ी संख्या में प्रापर्टी पर जबरन कब्जे किए हैं या फिर उन्हें औने-पौने दामों में लिखवा लिया है। अतीक प्रयागराज के बड़े बिल्डर संजीव अग्रवाल और व्यवसायी दीपक भार्गव के जरिए भी करोड़ों की काली कमाई को शेल कंपनियों के जरिए सफेद करने का काम कर रहा था। इसके अलावा लखनऊ, मुंबई, दिल्ली के कई व्यवसायी और बिल्डर भी अतीक के संपर्क में थे। अतीक के करीबियों के यहां से ईडी को मिले 84.68 लाख रुपये कैश, 60 लाख रुपये की सोने की ईंटें, 2.85 करोड़ रुपये के सोने और हीरे के आभूषण, 30 मोबाइल फोन, लैपटॉप, पेन ड्राइव और कंप्यूटर समेत तमाम इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और दस्तावेज बरामद हुए हैं। इन उपकरणों की पड़ताल से कई और संपत्तियों और शेल कंपनियों की जानकारियां खंगाली जा रही हैं।
अतीक के दो बेटे उमर और अली जेल में हैं, जबकि असद पुलिस मुठभेड़ में मारा जा चुका है। पत्नी शाइस्ता 50 हजार की इनामी होने के बाद से फरार है जबकि दोनों नाबालिग बेटे बाल सुधार गृह में हैं। अतीक और अशरफ मारे जा चुके हैं और वकील सौलत हनीफ जेल में है। अतीक का बहनोई डॉ. अखलाक जेल में है जबकि बहन आयशा नूरी फरार है। इसके अलावा अतीक की तीन और बहनें शाहीन जौनपुर, परवीन प्रतापगढ़ और सीमा अलीगढ़ में रहती हैं। अतीक के बहनोई डॉ. उस्मान, इमरान हैं। तीसरे बहनोई मो. अहमद वाराणसी कमिश्नरेट के थाना सारनाथ में एसआई के पद पर तैनात हैं।
वहीं अशरफ की पत्नी खालिद अलीम है। उसके भी चार बच्चे हैं, जिनमें स्वालिया, आलिया और एक सबसे छोटी बेटी के अलावा पांच साल का एक बेटा भी है। चर्चा है कि क्या अतीक के दोनों बड़े बेटों, पत्नी शाइस्ता को उनकी बेनामी संपत्तियों और निवेश की जानकारी है या नहीं? क्योंकि अतीक और अशरफ के जाने के बाद अब परिवार का वह दबदबा नहीं रहेगा। पूरे घटनाक्रम के बाद बचा हुआ परिवार पूरी तरह से बैकफुट पर है। ऐसे में यह सवाल अहम है कि अतीक के परिवार को क्या यह संपत्ति नसीब हो पाएगी या नहीं।
अतीक के मारे जाने के बाद ईडी की जांच को भी झटका लगेगा क्योंकि ईडी ने अतीक और उसके परिवारवालों के खिलाफ दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग ऐक्ट के मुकदमे में अभी अतीक से गहन पूछताछ नहीं की थी। ईडी ने हाल ही में हुई छापेमारी के बाद अतीक को घेरने की तैयारी की थी क्योंकि ईडी की जांच में सामने आया है कि अतीक ने अपनी दहशत और बाहुबल से कई गरीब किसानों, मजबूर लोगों की संपत्तियों पर जबरन कब्जा किया है। जो जमीनें खरीदी भी हैं, उन्हें अपराध की कमाई से खरीदा है। अतीक, अशरफ और असद के जाने के बाद भी शाइस्ता, उमर, अली पर ईडी का शिकंजा बरकरार रहेगा।