द केरल स्टोरी पर क्या बोले शशि थरूर?

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शशि थरूर ने द केरल स्टोरी पर अपना बयान दे दिया है! द केरल स्टोरी’ फिल्म को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। कांग्रेस ने इस फिल्म के प्रदर्शन की अनुमति नहीं देने का आग्रह किया कि इसका उद्देश्य झूठे दावों के माध्यम से समाज में सांप्रदायिक विभाजन पैदा करना है। इस बीच कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने ट्वीट करके फिल्म का विरोध किया है। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि ये आपके केरल की कहानी हो सकती है हमारे नहीं। थरूर के अलावा केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने भी फिल्म का विरोध करते हुए इसे आरएसएस का एजेंडा बताया है।

केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने ‘द केरल स्टोरी’ फिल्म के निर्माताओं पर निशाना साधते हुए रविवार को कहा कि वे फिल्म के जरिए ‘लव जिहाद’ का मुद्दा उठाकर राज्य को धार्मिक अतिवाद के केंद्र के रूप में पेश करने संबंधी संघ परिवार के एजेंडे का प्रचार कर रहे हैं। विजयन ने कहा कि ‘लव जिहाद’ जैसे विषय को अदालतें, जांच एजेंसियां और यहां तक कि केंद्रीय गृह मंत्रालय भी खारिज कर चुका है। उन्होंने कहा कि हिंदी फिल्म का ट्रेलर पहली नजर में ऐसा प्रतीत होता है कि मानो इसे सांप्रदायिक ध्रुवीकरण पैदा करने और राज्य के खिलाफ नफरत फैलाने के कथित उद्देश्य से ‘जानबूझकर निर्मित’ किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जांच एजेंसियों, अदालतों और केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से ‘लव जिहाद’ के मुद्दे को खारिज किए जाने के बावजूद दुनिया के सामने केरल को अपमानित करने के लिए फिल्म के जरिए प्रमुख रूप से इस मुद्दे को उठाया जा रहा है।विजयन ने कहा कि ‘लव जिहाद’ जैसे विषय को अदालतें, जांच एजेंसियां और यहां तक कि केंद्रीय गृह मंत्रालय भी खारिज कर चुका है। उन्होंने कहा कि हिंदी फिल्म का ट्रेलर पहली नजर में ऐसा प्रतीत होता है कि मानो इसे सांप्रदायिक ध्रुवीकरण पैदा करने और राज्य के खिलाफ नफरत फैलाने के कथित उद्देश्य से ‘जानबूझकर निर्मित’ किया गया है।

विजयन ने एक बयान में कहा कि इस तरह की प्रचार फिल्मों और उनमें दिखाए गए मुसलमानों के अलगाव को केरल में राजनीतिक लाभ हासिल करने के संघ परिवार के प्रयासों के संदर्भ में देखा जाना चाहिए। लव जिहाद’ का मुद्दा उठाकर राज्य को धार्मिक अतिवाद के केंद्र के रूप में पेश करने संबंधी संघ परिवार के एजेंडे का प्रचार कर रहे हैं। विजयन ने कहा कि ‘लव जिहाद’ जैसे विषय को अदालतें, जांच एजेंसियां और यहां तक कि केंद्रीय गृह मंत्रालय भी खारिज कर चुका है। उन्होंने कहा कि हिंदी फिल्म का ट्रेलर पहली नजर में ऐसा प्रतीत होता है कि मानो इसे सांप्रदायिक ध्रुवीकरण पैदा करने और राज्य के खिलाफ नफरत फैलाने के कथित उद्देश्य से ‘जानबूझकर निर्मित’ किया गया है। यह विजयन ने कहा कि ‘लव जिहाद’ जैसे विषय को अदालतें, जांच एजेंसियां और यहां तक कि केंद्रीय गृह मंत्रालय भी खारिज कर चुका है। उन्होंने कहा कि हिंदी फिल्म का ट्रेलर पहली नजर में ऐसा प्रतीत होता है कि मानो इसे सांप्रदायिक ध्रुवीकरण पैदा करने और राज्य के खिलाफ नफरत फैलाने के कथित उद्देश्य से ‘जानबूझकर निर्मित’ किया गया है। उन्होंने संघ परिवार पर ‘सांप्रदायिकता का जहरीला बीज बो कर’ राज्य में धार्मिक सद्भाव को नष्ट करने की कोशिश करने का भी आरोप लगाया।

कुछ दिन पहले, राज्य में सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी माकपा और विपक्षी दल कांग्रेस ने विवादास्पद फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ पर निशाना साधते हुए कहा था कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार समाज में जहर उगलने का लाइसेंस नहीं है और यह फिल्म राज्य के सांप्रदायिक सद्भाव को नष्ट करने का एक प्रयास है।लव जिहाद’ का मुद्दा उठाकर राज्य को धार्मिक अतिवाद के केंद्र के रूप में पेश करने संबंधी संघ परिवार के एजेंडे का प्रचार कर रहे हैं। विजयन ने कहा कि ‘लव जिहाद’ जैसे विषय को अदालतें, जांच एजेंसियां और यहां तक कि केंद्रीय गृह मंत्रालय भी खारिज कर चुका है। उन्होंने कहा कि हिंदी फिल्म का ट्रेलर पहली नजर में ऐसा प्रतीत होता है कि मानो इसे सांप्रदायिक ध्रुवीकरण पैदा करने और राज्य के खिलाफ नफरत फैलाने के कथित उद्देश्य से ‘जानबूझकर निर्मित’ किया गया है। विजयन ने कहा कि ‘लव जिहाद’ जैसे विषय को अदालतें, जांच एजेंसियां और यहां तक कि केंद्रीय गृह मंत्रालय भी खारिज कर चुका है।

उन्होंने कहा कि हिंदी फिल्म का ट्रेलर पहली नजर में ऐसा प्रतीत होता है कि मानो इसे सांप्रदायिक ध्रुवीकरण पैदा करने और राज्य के खिलाफ नफरत फैलाने के कथित उद्देश्य से ‘जानबूझकर निर्मित’ किया गया है। कांग्रेस ने सरकार से विवादास्पद फिल्म के प्रदर्शन की अनुमति नहीं देने का आग्रह किया क्योंकि इसका उद्देश्य ‘झूठे दावों के माध्यम से समाज में सांप्रदायिक विभाजन’ पैदा करना है।