हाल ही में बृजभूषण शरण सिंह के लिए साक्षी मलिक ने अपना बयान दिया है! दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे पहलवान और भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह आमने-सामने हैं। जनवरी के बाद अप्रैल में फिर धरने पर बैठे खिलाड़ी बृजभूषण के खिलाफ प्रतिदिन कुछ न कुछ नए खुलासे कर रहे हैं। वहीं, भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष भी पीछे नहीं हैं। वह प्रदर्शनकारी पहलवानों के खिलाफ लगातार बयान दे रहे हैं। इसी बीच, स्टार खिलाड़ी साक्षी मलिक ने सोशल मीडिया पर वायरल हो रही एक तस्वीर को लेकर अपनी चुप्पी तोड़ी है। दरअसल, सोशल मीडिया पर साक्षी मलिक की शादी की तस्वीर वायरल हो रही है। इसमें साक्षी और बृजभूषण एक साथ हंसते हुए दिखाई दे रहे हैं। सोशल मीडिया पर कई यूजर ने यह सवाल उठाया कि बृजभूषण से इतनी समस्या थी तो 2017 में साक्षी ने उन्हें अपनी शादी में क्यों बुलाया था? अब साक्षी ने इस पर जवाब देते हुए कहा कि हमारे पास सत्ता में लोगों को आमंत्रित करने के अलावा कोई विकल्प नहीं था।
साक्षी ने एक इंटरव्यू में कहा, ”बृजभूषण शरण सिंह कुश्ती के अध्यक्ष हैं। हम सिर्फ खेलते हैं। छह-सात महीने हमारे कैंप में गुजरते हैं। तीन-चार महीने ही हम घर पर रहते हैं। उस समय कुश्ती का सीजन नहीं होता है।छह-सात महीने हमारे कैंप में गुजरते हैं। तीन-चार महीने ही हम घर पर रहते हैं। उस समय कुश्ती का सीजन नहीं होता है। ऐसे में हमारा उनसे लगातार मिलना होता है। वह कभी ट्रायल में आ जाते हैं तो कभी नेशनल प्रतियोगिता में तो कभी कैंप में। अगर हम उन्हें आमंत्रित नहीं करेंगे तो उनकी तरफ से कुछ नकारात्मक चीजें हो सकती हैं। यह उनकी शक्ति मान लो कि उन्हें तो आमंत्रित करना ही होगा, नहीं तो कुछ उल्टा हो सकता है।” ऐसे में हमारा उनसे लगातार मिलना होता है। वह कभी ट्रायल में आ जाते हैं तो कभी नेशनल प्रतियोगिता में तो कभी कैंप में। अगर हम उन्हें आमंत्रित नहीं करेंगे तो उनकी तरफ से कुछ नकारात्मक चीजें हो सकती हैं। यह उनकी शक्ति मान लो कि उन्हें तो आमंत्रित करना ही होगा, नहीं तो कुछ उल्टा हो सकता है।”
इसी बीच, पहलवानों के धरने के 11वें दिन बुधवार तीन मई को भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी उषा दिल्ली के जंतर-मंतर पहुंचीं। उन्होंने धरना दे रहे पहलवानों से मुलाकात की।छह-सात महीने हमारे कैंप में गुजरते हैं। तीन-चार महीने ही हम घर पर रहते हैं। उस समय कुश्ती का सीजन नहीं होता है। ऐसे में हमारा उनसे लगातार मिलना होता है। वह कभी ट्रायल में आ जाते हैं तो कभी नेशनल प्रतियोगिता में तो कभी कैंप में।छह-सात महीने हमारे कैंप में गुजरते हैं। तीन-चार महीने ही हम घर पर रहते हैं। उस समय कुश्ती का सीजन नहीं होता है। ऐसे में हमारा उनसे लगातार मिलना होता है। वह कभी ट्रायल में आ जाते हैं तो कभी नेशनल प्रतियोगिता में तो कभी कैंप में। अगर हम उन्हें आमंत्रित नहीं करेंगे तो उनकी तरफ से कुछ नकारात्मक चीजें हो सकती हैं। यह उनकी शक्ति मान लो कि उन्हें तो आमंत्रित करना ही होगा, नहीं तो कुछ उल्टा हो सकता है।” अगर हम उन्हें आमंत्रित नहीं करेंगे तो उनकी तरफ से कुछ नकारात्मक चीजें हो सकती हैं। यह उनकी शक्ति मान लो कि उन्हें तो आमंत्रित करना ही होगा, नहीं तो कुछ उल्टा हो सकता है।” इस दौरान उन्होंने विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और संगीता फोगाट से बात भी की। इसका वीडियो भी सामने आया। बजरंग पूनिया और सत्यव्रत कादियान भी वहां बैठे दिखे। पीटी उषा ने पहलवानों से धरना खत्म करने की अपील की। उन्होंने करीब एक घंटे तक पहलवानों से मुलाकात की। पीटी उषा ने मामले में हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया।
भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी उषा ने आईओए की कार्यकारी समिति की बैठक के बाद कहा था- पहलवानों का सड़क पर प्रदर्शन करना अनुशासनहीनता है। इससे भारत की छवि खराब हो रही है।छह-सात महीने हमारे कैंप में गुजरते हैं। तीन-चार महीने ही हम घर पर रहते हैं। उस समय कुश्ती का सीजन नहीं होता है। ऐसे में हमारा उनसे लगातार मिलना होता है। वह कभी ट्रायल में आ जाते हैं तो कभी नेशनल प्रतियोगिता में तो कभी कैंप में। अगर हम उन्हें आमंत्रित नहीं करेंगे तो उनकी तरफ से कुछ नकारात्मक चीजें हो सकती हैं। यह उनकी शक्ति मान लो कि उन्हें तो आमंत्रित करना ही होगा, नहीं तो कुछ उल्टा हो सकता है।” भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी उषा ने आईओए की कार्यकारी समिति की बैठक के बाद कहा था- पहलवानों का सड़क पर प्रदर्शन करना अनुशासनहीनता है। इससे भारत की छवि खराब हो रही है। इस बयान का साक्षी मलिक और विनेश फोगाट ने विरोध भी किया था।इस बयान का साक्षी मलिक और विनेश फोगाट ने विरोध भी किया था।