क्या दस्तक देने वाला है मॉनसून?

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हाल ही की एक रिपोर्ट के मुताबिक अब मॉनसून दस्तक देने वाला है! दक्षिणी पश्चिमी मॉनसून की पहेली अब इसके भारत पहुंचने पर भी उलझ गई है। भारतीय मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार मॉनसून 4 जून को केरल पहुंच सकता है, वहीं प्राइवेट मौसम एजेंसी स्काईमेट ने इसके सात जून को पहुंचने की संभावना व्यक्त की है। इससे पहले मॉनसून इस बार कैसा रहेगा, इसे लेकर भी दोनों एजेंसियों ने अलग अलग दावे किए थे। दक्षिण अंडमान सागर और निकोबार द्वीप समूह में दक्षिण पश्चिम मानसून अगले दो से तीन दिन में आ सकता है। आईएमडी के अनुसार इस साल मॉनसून सामान्य समय से तीन दिन की देरी से 4 जून को केरल पहुंचेगा। इसमें चार दिन आगे पीछे होने की संभावना बनी हुई है। मॉनसून के केरल पहुंचने का सामान्य समय एक जून है।आईएमडी के अनुसार इस साल मॉनसून सामान्य समय से तीन दिन की देरी से 4 जून को केरल पहुंचेगा। इसमें चार दिन आगे पीछे होने की संभावना बनी हुई है। मॉनसून के केरल पहुंचने का सामान्य समय एक जून है। आईएमडी के अनुसार पिछले 18 सालों में 2015 को छोड़कर मॉनसून के केरल पहुंचने का आकलन सही साबित हुआ है। आईएमडी के अनुसार पिछले 18 सालों में 2015 को छोड़कर मॉनसून के केरल पहुंचने का आकलन सही साबित हुआ है।

वहीं स्काईमेट के अनुसार मॉनसून 7 जून को केरल पहुंच सकता है। इसमें तीन दिन आगे-पीछे होने की संभावना है। जून में मध्य और उत्तरी भारत में मौसम गर्म ही बना रहेगा। इस साल मॉनसून सामान्य समय से तीन दिन की देरी से 4 जून को केरल पहुंचेगा। इसमें चार दिन आगे पीछे होने की संभावना बनी हुई है। मॉनसून के केरल पहुंचने का सामान्य समय एक जून है। आईएमडी के अनुसार पिछले 18 सालों में 2015 को छोड़कर मॉनसून के केरल पहुंचने का आकलन सही साबित हुआ है। आईएमडी के अनुसार पिछले 18 सालों में 2015 को छोड़कर मॉनसून के केरल पहुंचने का आकलन सही साबित हुआ है।स्काईमेट के अनुसार एक शक्तिशाली चक्रवात इस समय भूमध्यरेखीय अक्षांश और दक्षिणी प्रायद्वीप में दक्षिण हिंद महासागर के ऊपर बढ़ रहा है। इसे साफ होने में एक हफ्ते का समय लगेगा।

इसकी वजह से मॉनसून का बहाव रुक रहा है।वहीं स्काईमेट के अनुसार मॉनसून 7 जून को केरल पहुंच सकता है। इसमें तीन दिन आगे-पीछे होने की संभावना है।इस साल मॉनसून सामान्य समय से तीन दिन की देरी से 4 जून को केरल पहुंचेगा। इसमें चार दिन आगे पीछे होने की संभावना बनी हुई है। मॉनसून के केरल पहुंचने का सामान्य समय एक जून है। आईएमडी के अनुसार पिछले 18 सालों में 2015 को छोड़कर मॉनसून के केरल पहुंचने का आकलन सही साबित हुआ है।इस साल मॉनसून सामान्य समय से तीन दिन की देरी से 4 जून को केरल पहुंचेगा। इसमें चार दिन आगे पीछे होने की संभावना बनी हुई है। मॉनसून के केरल पहुंचने का सामान्य समय एक जून है। आईएमडी के अनुसार पिछले 18 सालों में 2015 को छोड़कर मॉनसून के केरल पहुंचने का आकलन सही साबित हुआ है। आईएमडी के अनुसार पिछले 18 सालों में 2015 को छोड़कर मॉनसून के केरल पहुंचने का आकलन सही साबित हुआ है। आईएमडी के अनुसार पिछले 18 सालों में 2015 को छोड़कर मॉनसून के केरल पहुंचने का आकलन सही साबित हुआ है। जून में मध्य और उत्तरी भारत में मौसम गर्म ही बना रहेगा। स्काईमेट के अनुसार एक शक्तिशाली चक्रवात इस समय भूमध्यरेखीय अक्षांश और दक्षिणी प्रायद्वीप में दक्षिण हिंद महासागर के ऊपर बढ़ रहा है।

इसे साफ होने में एक हफ्ते का समय लगेगा। इसकी वजह से मॉनसून का बहाव रुक रहा है। मौसमी मॉडल बता रहे हैं कि समुद्र की स्थितियां सात जून से पहले मॉनसून के अनुकूल नहीं हैं।इस साल मॉनसून सामान्य समय से तीन दिन की देरी से 4 जून को केरल पहुंचेगा। इसमें चार दिन आगे पीछे होने की संभावना बनी हुई है। मॉनसून के केरल पहुंचने का सामान्य समय एक जून है। आईएमडी के अनुसार पिछले 18 सालों में 2015 को छोड़कर मॉनसून के केरल पहुंचने का आकलन सही साबित हुआ है। आईएमडी के अनुसार पिछले 18 सालों में 2015 को छोड़कर मॉनसून के केरल पहुंचने का आकलन सही साबित हुआ है। पिछले दस सालों में मॉनसून 2018 और 2022 में अपने समय से पहले पहुंचा। वहीं 8 जून 2019 को मॉनसून सबसे देरी से पहुंचा है। मौसमी मॉडल बता रहे हैं कि समुद्र की स्थितियां सात जून से पहले मॉनसून के अनुकूल नहीं हैं। पिछले दस सालों में मॉनसून 2018 और 2022 में अपने समय से पहले पहुंचा। वहीं 8 जून 2019 को मॉनसून सबसे देरी से पहुंचा है।