धार्मिक स्वतंत्रता की अमेरिकी रिपोर्ट में भारत के बारे में गलत छापा गया है! अमेरिकी विदेश विभाग ने एक रिपोर्ट जारी कर भारत में अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर कुछ आरोप लगाए थे, अब इन आरोपों को भारत ने सिरे से खारिज कर दिया है और रिपोर्ट को प्रेरित और पक्षपातपूर्ण बताया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि ऐसी खबरें गलत सूचना और त्रुटिपूर्ण समझ पर आधारित होती हैं। अरिंदम बागची ने कहा कि हमें अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी विदेश विभाग की 2022 की रिपोर्ट जारी होने के बारे में जानकारी है। अफसोस की बात है कि इस तरह की रिपोर्ट्स अब भी गलत सूचना और गलत समझ पर आधारित हैं। अमेरिकी विदेश विभाग ने मीडिया के साथ रिपोर्ट को लेकर एक बातचीत में भारत को लेकर कहा है कि यहां धार्मिक अल्पसंख्यकों के साथ अत्याचार जारी है और अमेरिकी सरकार इस बारे में भारत सरकार को आगाह करना जारी रखेगी।
उन्होंने कहा कि कुछ अमेरिकी अधिकारियों द्वारा प्रेरित और पक्षपाती टिप्पणी केवल इन रिपोर्टों की विश्वसनीयता को कम करने का काम करती हैं। हम अमेरिका के साथ अपनी साझेदारी को महत्व देते हैं और हमा चिंता के मुद्दों पर खुलकर बात जारी रखेंगे। दुनिया भर के देशों में धार्मिक स्वतंत्रता की स्थिति का दस्तावेजीकरण करने वाली रिपोर्ट सोमवार को जारी की गई। भारत ऐसा देश है जो इस मुद्दे पर लगातार चिंता का कारण बना रहा है। ताजा रिपोर्ट में भारत को लेकर सूचनाएं दुखी करने वाली हैं। वहां धार्मिक समूहों, ईसाइयों, मुस्लिमों, सिखों, हिंदू दलितों और अन्य देशज समुदायों के खिलाफ लक्षित हमले हो रहे हैं।बांग्लादेश ने विदेशी राजनयिकों को दी जाने वाली अतिरिक्त सुरक्षा को खत्म कर दिया है। बांग्लादेश में 2016 मे आईएस के हमले के बाद से भारत, अमेरिका, ब्रिटेन और सऊदी अरब के राजनयिकों को अतिरिक्त सुरक्षा दी जा रही थी। बांग्लादेश के विदेश मंत्री एके अब्दुल मोमेन ने मंगलवार को कहा कि इस बारे में जानकारी दी।
रिपोर्ट में दुनियाभर के करीब 200 देशों और क्षेत्रों में धार्मिक स्वतंत्रता की स्थिति के बारे में एक तथ्य-आधारित, व्यापक दृष्टिकोण प्रदान करने का दावा किया जाता है।वहां धार्मिक समूहों, ईसाइयों, मुस्लिमों, सिखों, हिंदू दलितों और अन्य देशज समुदायों के खिलाफ लक्षित हमले हो रहे हैं।बांग्लादेश ने विदेशी राजनयिकों को दी जाने वाली अतिरिक्त सुरक्षा को खत्म कर दिया है। बांग्लादेश में 2016 मे आईएस के हमले के बाद से भारत, अमेरिका, ब्रिटेन और सऊदी अरब के राजनयिकों को अतिरिक्त सुरक्षा दी जा रही थी। बांग्लादेश के विदेश मंत्री एके अब्दुल मोमेन ने मंगलवार को कहा कि इस बारे में जानकारी दी। भारत ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत फर्नांड डी वेरेंस को लताड़ लगाई। वेरेंस ने कश्मीर में जी-20 की बैठक आयोजित करने पर यह कहते हुए आपत्ति जताई थी कि राज्य अल्पसंख्यकों के मानवाधिकार हनन से जुड़ा है। जेनेवा में भारत के स्थायी प्रतिनिधि ने वेरेंस को लताड़ लगाई कि उन्हें इस मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए।
जेनेवा में भारत के स्थायी मिशन ने ट्विटर पर यूएन के मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर तुर्क को टैग करते हुए लिखा, विशेष दूत की अनर्गल टिप्पणी को भारत दृढ़ता से खारिज करता है। इसमें निराधार और अनुचित आरोप लगाए गए हैं।वहां धार्मिक समूहों, ईसाइयों, मुस्लिमों, सिखों, हिंदू दलितों और अन्य देशज समुदायों के खिलाफ लक्षित हमले हो रहे हैं।बांग्लादेश ने विदेशी राजनयिकों को दी जाने वाली अतिरिक्त सुरक्षा को खत्म कर दिया है। बांग्लादेश में 2016 मे आईएस के हमले के बाद से भारत, अमेरिका, ब्रिटेन और सऊदी अरब के राजनयिकों को अतिरिक्त सुरक्षा दी जा रही थी। बांग्लादेश के विदेश मंत्री एके अब्दुल मोमेन ने मंगलवार को कहा कि इस बारे में जानकारी दी। जी-20 अध्यक्ष के रूप में भारत इस संगठन की बैठक देश कि किसी भी हिस्से में आयोजित करने का विशेषाधिकार रखता है।
बांग्लादेश ने विदेशी राजनयिकों को दी जाने वाली अतिरिक्त सुरक्षा को खत्म कर दिया है।वहां धार्मिक समूहों, ईसाइयों, मुस्लिमों, सिखों, हिंदू दलितों और अन्य देशज समुदायों के खिलाफ लक्षित हमले हो रहे हैं।बांग्लादेश ने विदेशी राजनयिकों को दी जाने वाली अतिरिक्त सुरक्षा को खत्म कर दिया है। बांग्लादेश में 2016 मे आईएस के हमले के बाद से भारत, अमेरिका, ब्रिटेन और सऊदी अरब के राजनयिकों को अतिरिक्त सुरक्षा दी जा रही थी। बांग्लादेश के विदेश मंत्री एके अब्दुल मोमेन ने मंगलवार को कहा कि इस बारे में जानकारी दी। बांग्लादेश में 2016 मे आईएस के हमले के बाद से भारत, अमेरिका, ब्रिटेन और सऊदी अरब के राजनयिकों को अतिरिक्त सुरक्षा दी जा रही थी। बांग्लादेश के विदेश मंत्री एके अब्दुल मोमेन ने मंगलवार को कहा कि इस बारे में जानकारी दी।