आज हम आपको एक ऐसी मर्डर मिस्ट्री के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसमें टैटू से कातिल का नाम पता चला! ग्नेटर नोएडा पुलिस कंट्रोल रूम के पास एक फोन आता है। हेलो – बिसरख इलाके के तालाब में एक खूबसूरत लड़की की लाश तैर रही है। ये कॉल एक लोकल आदमी ने की थी। इस फोन के आने के बाद इलाके की पुलिस टीम मौके पर पहुंचती है। लाश तब भी पानी में तैर रही थी। लाश को बाहर निकाला जाता है। जांच शुरू होती है। सबसे बड़ा सवाल था कि आखिर ये लड़की है कौन? तब तक किसी ने भी लड़की के लापता होने की रिपोर्ट दर्ज नहीं करवाई थी। आसपास छानबीन शुरू की गई, लेकिन लड़की का कोई पता नहीं चल पाया। अब लाश को पोस्टमार्टम के लिए भेजना था। जांच के दौरान एक बात सामने आई। लड़की के हाथ में एक टैटू बना हुआ था। इस टैटू में लिखा गया था ‘साइबा’। तो क्या साइबा इस लड़की का नाम था या फिर इस लड़की ने किसी और के लिए अपने हाथ में गुदवाया था टैटू। लाश को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। तीन दिन बीत गए। पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आ चुकी थी। रिपोर्ट से ये साफ था कि लड़की का कत्ल हुआ है। तीन दिन बीत जाने के बावजूद लड़की गुमशुदगी की कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई थी।
अब पुलिस के पास एक सुराग था और वो था ये टैटू। पुलिस ने इस टैटू के साथ लड़की के मर्डर की खबर अखबार में छपवा दी। खबर अखबार में छपने के बाद एक शख्स अपने साथ एक और आदमी को लेकर आया। इसमें से एक आदमी का नाम जितेन्द्र था। दूसरे आदमी ने बताया कि उसने अखबार में ये टैटू की फोटो देखी थी जिसके बाद उसने जितेन्द्र से संपर्क किया। उसे पता था कि जितेन्द्र की पत्नी के हाथ में भी साइबा लिखा हुआ टैटू बना था। वही शख्स जितेन्द्र को जबरदस्ती पुलिस स्टेशन लाया। जितेन्द्र को लाश दिखाई गई तो पता चला कि वो लाश जितेन्द्र की पत्नी जाह्नवी की ही है।
अब पुलिस केस को सुलझाने के काफी करीब पहुंच चुकी थी। जितेन्द्र ने अपने आसपास के लोगों को बताया था कि उसकी पत्नी और उसके बीच 16 मई के दिन झगड़ा हुआ था जिसके बाद वो अपने मायके चली गई। जितेन्द्र ने यही बात पुलिस को भी बताई, लेकिन पुलिस को उसकी बातों पर यकीन नहीं हुआ। चार दिन तक उसकी पत्नी गायब थी, लेकिन फिर भी वो पुलिस के पास नहीं आया। पूछताछ हुई तो सामने आया पूरा सच।
जितेन्द्र भाटी दादरी का रहने वाला है। दिसंबर 2022 में इंस्टाग्राम के जरिए उसकी जान पहचान साइबा नाम की लड़की से हुई। दोनों के बीच दोस्ती बढ़ने लगी। उसके बाद दोनों ने भागकर शादी करने का फैसला किया।जितेन्द्र को ये मंजूर नहीं था। दरअसल साइबा जितेन्द्र से उम्र में काफी बड़ी थी। जितेन्द्र की उम्र 22 साल थी जबकि साइबा 35 साल की थी। बस इस बात को लेकर दोनों में झगड़े शुरू हो गए। जितेन्द्र ने साइबा को अपने रास्ते से हटाने का मन बना लिया। मई के महीने में इन दोनों ने गाजियाबाद से घर शिफ्ट कर नोएडा हैबतपुर में किराए में एक मकान लिया। यहां आने के कुछ दिन बाद ही 16 मई के दिन इसने अपनी पत्नी का कत्ल कर दिया और लाश को बिसरख के एक तालाब में फेंक दिया। अगर लड़की के हाथ में वो टैटू न होता तो कातिल का सुराग मिलना बेहद मुश्किल हो जाता।दोनों अपने परिवारों से अलग शादी करके गाजियाबाद की सुदामापुरी कॉलोनी में रहने लगे। कुछ महीने तो सब कुछ ठीक रहा। उसके बाद साइबा जितेन्द्र से उसके परिवार से मिलने की जिद करने लगी।
जितेन्द्र को ये मंजूर नहीं था। दरअसल साइबा जितेन्द्र से उम्र में काफी बड़ी थी। जितेन्द्र की उम्र 22 साल थी जबकि साइबा 35 साल की थी। बस इस बात को लेकर दोनों में झगड़े शुरू हो गए। जितेन्द्र ने साइबा को अपने रास्ते से हटाने का मन बना लिया। मई के महीने में इन दोनों ने गाजियाबाद से घर शिफ्ट कर नोएडा हैबतपुर में किराए में एक मकान लिया। यहां आने के कुछ दिन बाद ही 16 मई के दिन इसने अपनी पत्नी का कत्ल कर दिया और लाश को बिसरख के एक तालाब में फेंक दिया। अगर लड़की के हाथ में वो टैटू न होता तो कातिल का सुराग मिलना बेहद मुश्किल हो जाता।