आज हम आपको बताएंगे कि पापुआ न्यू गिनी के पीएम ने पीएम मोदी के पैर क्यों छुए! पापुआ न्यू गिनी के पीएम ने एयरपोर्ट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पैर छुए तो तस्वीर दुनियाभर में वायरल हुई थी। हालांकि पैर छूते समय पापुआ के पीएम के मन में क्या चल रहा था, इस बारे में आज पीएम मोदी के दिल्ली पहुंचने पर विदेश मंत्री जयशंकर ने विस्तार से बताया। दिल्ली एयरपोर्ट पर उतरने के बाद पीएम के स्वागत के लिए लोगों की भीड़ जमा थी। जयशंकर ने हिंदी में कहा, ‘मैं इस दौरे का साक्षी था और मैं आपको कुछ ऐसी चीजें बताना चाहता हूं जिससे आपको पता चलेगा कि दुनिया हमारे प्रधानमंत्री को आज कैसे देखती है। जब वह पापुआ न्यू गिनी में अपने हवाई जहाज से उतरे और जिस आदर सम्मान से पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री जेम्स मराबे ने उनका स्वागत किया। यह चित्र तो आप सबने देखा, पर मैं आपको बताना चाहता हूं कि उससे पहले पापुआ के प्रधानमंत्री हमारे राजदूत से क्या बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मैं भारत के पीएम को केवल प्रधानमंत्री नहीं मानता। मेरे लिए वह एक और अतिथि नहीं हैं। मेरे लिए वह गुरु हैं, विश्वगुरु।’ दिल्ली में आज तड़के पीएम का स्वागत करने के लिए उमड़े लोग तालियां बजाने लगे। जयशंकर ने बताया कि जो आदर सम्मान था, वह न केवल उनकी (पापुआ के पीएम) सोच थी बल्कि पूरे पैसिफिक की सोच थी। पूरी दुनिया की सोच थी। आप ही देखिए मैं यह कह सकता हूं कि पिछले 45 साल से मैं विदेश नीति से जुड़ा रहा हूं, लेकिन आज तक मैंने ऐसा दृश्य कभी नहीं देखा। जब विदेश मंत्री जयशंकर यह कह रहे थे। पीएम मोदी हाथ पर हाथ बांधे मंच पर एकटक खड़े होकर सिर झुकाए सुन रहे थे। आसपास भाजपा के नेता तालियां बजा रहे थे। विदेश मंत्री ने कहा, ‘हम वहां से ऑस्ट्रेलिया गए… वहां के प्रधानमंत्री ने मोदी जी को कहा ‘The Boss’ अब उसमें भी एक कहानी है। जी हां, क्योंकि वह उनके स्पीच में नहीं था। उन्होंने बाद में मुझे कहा कि वह मेरे अंदर की भावना थी और मुझे प्रकट करने का कहीं अंदर से दबाव था।’
विदेश मंत्री ने कहा कि जब ऑस्ट्रेलिया जैसे देश के प्रधानमंत्री कहते हैं कि आप दि बॉस हो। जब पापुआ न्यू गिनी के पीएम कहते हैं कि मैं आपको गुरुजी के स्तर पर मानता हूंविदेश मंत्री ने कहा कि जब ऑस्ट्रेलिया जैसे देश के प्रधानमंत्री कहते हैं कि आप दि बॉस हो। जब पापुआ न्यू गिनी के पीएम कहते हैं कि मैं आपको गुरुजी के स्तर पर मानता हूं तो मैं आपको बताना चाहता हूं कि अभी जिस परिप्रेक्ष्य से दुनिया भारत को देख रही है, उसकी वजह है प्रधानमंत्री मोदी जी का नेतृत्व। जो हमारी न्यू इंडिया की नई छवि बनी है,अलग-अलग मीटिंग्स में जो बात हो रही थी। वो भारत के परिवर्तन की बात हो रही थी। तो मैं आपको बताना चाहता हूं कि अभी जिस परिप्रेक्ष्य से दुनिया भारत को देख रही है, उसकी वजह है प्रधानमंत्री मोदी जी का नेतृत्व। जो हमारी न्यू इंडिया की नई छवि बनी है, अलग-अलग मीटिंग्स में जो बात हो रही थी। वो भारत के परिवर्तन की बात हो रही थी।
लोग जानना चाह रहे थे प्रधानमंत्री जी से… हमें समझाइए कि आपने कोविड का मुकाबला कैसे किया, आपने वैक्सीनेशन कैसे किया। आपके यहां डिजिटल डिलिवरी कैसे हो रहा है। आपने 80 करोड़ आबादी को कैसे खाना पहुंचाया कोविड महामारी के समय। अलग-अलग मीटिंग्स में जो बात हो रही थी। वो भारत के परिवर्तन की बात हो रही थी। तो मैं आपको बताना चाहता हूं कि अभी जिस परिप्रेक्ष्य से दुनिया भारत को देख रही है, उसकी वजह है प्रधानमंत्री मोदी जी का नेतृत्व। जो हमारी न्यू इंडिया की नई छवि बनी है, अलग-अलग मीटिंग्स में जो बात हो रही थी।अलग-अलग मीटिंग्स में जो बात हो रही थी। वो भारत के परिवर्तन की बात हो रही थी। तो मैं आपको बताना चाहता हूं कि अभी जिस परिप्रेक्ष्य से दुनिया भारत को देख रही है, उसकी वजह है प्रधानमंत्री मोदी जी का नेतृत्व। जो हमारी न्यू इंडिया की नई छवि बनी है, अलग-अलग मीटिंग्स में जो बात हो रही थी। वो भारत के परिवर्तन की बात हो रही थी। वो भारत के परिवर्तन की बात हो रही थी। इसके बाद पीएम मोदी ने भी सभा को संबोधित किया। उन्होंने अपने विदेश दौरे का जिक्र करते हुए कहा कि ये आपका ही पुरुषार्थ है, ये आप ही की परंपरा है, मैं तो दुनिया में जाकर सिर्फ आपके पराक्रमों के गीत गाता हूं। दुनिया के महापुरुषों से मिलकर हिंदुस्तान के सामर्थ्य की बात करता हूं।