हाल ही में देवबंद में जमीयत की बैठक में एक बड़ा निर्णय लिया गया है! मंदिर-मस्जिद विवाद के बीच शनिवार को देवबंद में जमीयत उलेमा ए हिंद की बैठक हुई। इसमें जमीयत के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी देश में चल रहे विवाद पर भावुक हो गए। उन्होंने इसे देश के लोगों को बांटने वाला करार दिया। मदनी ने भावुक स्वर में कहा कि हमें अपने ही देश में अजनबी बना दिया गया है। हम हर जुल्म सह लेंगे लेकिन वतन पर आंच नहीं आने देंगे। देवबंद में देश में चल रहे विवादों, खासकर ज्ञानवापी मस्जिद विवाद और मथुरा के शाही ईदगाह मस्जिद विवाद को लेकर बैठक में कई अहम बातें कही गई। विश्व प्रसिद्ध इस्लामिक शिक्षण संस्थान दारुल उलूम के कारण पूरी दुनिया में मशहूर देवबंद के ईदगाह मैदान में बनाए गए विशाल पंडाल में शनिवार की सुबह जमीयत उलेमा हिंद अधिवेशन का पहला चरण हुआ। कार्यक्रम का आगाज जमीयत उलेमा ए हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी और दारुल उलूम देवबंद के मोहतमिम मुफ्ती अबुल कासिम नौमानी ने जमीयत का झंडा फहराकर किया। इसके बाद तिलावत ए कुरआन दारुल उलूम देवबंद के उस्ताद कारी अब्दुल रऊफ और नात ए पाक मशहूर शायर कारी अहसान मोहसिन ने पेश की।
जमीयत उलमा ए हिंद के प्रमुख एवं पूर्व एमपी मौलाना महमूद मदनी ने बिना नाम लिए आरएसएस और भाजपा सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि देश में नफरत का कारोबार करने वालों की दुकानें ज्यादा दिन चलने वाली नहीं है, सरकारें आने-जाने वाली चीज है। देश को जोड़ने और मजबूत करने वाले ही इस देश की असल ताकत है। मौलाना महमूद मदनी ने कहा हम इस देश को आबाद करने वाले हैं, जमीअत उलमा हिंद देश को आबाद करने वाला देश का सबसे पुराना संगठन है। हमें सबसे ज्यादा प्यार इस देश की शांति से है, यही वजह है कि हम सबकुछ सुनकर और सहकर भी खामोश हैं।
इस्लामी तालीम के प्रमुख केंद्र दारुल उलूम देवबंद के मोहतमिम मुफ्ती अबुल कासिम नौमानी ने जमीयत उलेमा ए हिंद के अधिवेशन को सम्बोधित करते हुए कहा कि हिंदुस्तान एक ऐसा चमन है, जिसमें हर धर्म, नजरिया व संस्कृति के लोग एक साथ प्यार मोहब्बत से रहते रहे हैं। देश को जोड़ने और मजबूत करने वाले ही इस देश की असल ताकत है। मौलाना महमूद मदनी ने कहा हम इस देश को आबाद करने वाले हैं, जमीअत उलमा हिंद देश को आबाद करने वाला देश का सबसे पुराना संगठन है। हमें सबसे ज्यादा प्यार इस देश की शांति से है, यही वजह है कि हम सबकुछ सुनकर और सहकर भी खामोश हैं।आज एक अजीब सा माहौल बनाकर देशवासियों को बांटने का षड्यंत्र रचा जा रहा है, जो कि देश की तरक्की के लिए नुकसानदायक है।
अधिवेशन के प्रथम चरण में दारुल उलूम के वरिष्ठ उस्ताद मौलाना सलमान बिजनौरी ने देश में नफरत के बढ़ते दुष्प्रचार को रोकने के लिए कार्य करने का प्रस्ताव रखा। इसके बाद जमीयत के पूर्व अध्यक्ष दिवंगत मौलाना कारी उस्मान मंसूरपुरी के पुत्र एवं दारुल उलूम के उस्ताद मुफ्ती सलमान मंसूरपुरी, मुफ्ती हबीबुर्रहमान इलाहाबादी और मौलाना शमसुद्दीन ने इस्लामोफोबिया की रोक थाम के लिए कोशिश करने का प्रस्ताव रखा। पश्चिम बंगाल की ममता सरकार मंत्री एवं जमीयत पश्चिम बंगाल के अध्यक्ष मौलाना सिद्दीकुल्लाह चौधरी ने सदभावना मंच को मजबूत बनाने का प्रस्ताव रखा। वक्ताओं ने देश में बढ़ रहे नफरतों के माहौल पर चिंता जताते हुए मोहब्बत और साम्प्रदायिक सौहार्द को बढ़ावा देने का आह्वान किया। कार्यक्रम का संचालन जमीयत के महासचिव मौलाना हकीमुद्दीन कासमी ने किया।
देश में मुसलमानों के सबसे बड़े संगठन जमीयत उलेमा ए हिन्द की राष्ट्रीय प्रबंध कमेटी के दो दिवसीय अधिवेशन के प्रथम चरण में उलेमा ने देश के वर्तमान हालात और मुसलमानों से जुड़े विभिन्न ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा करते हुए प्रस्ताव रखे।देश को जोड़ने और मजबूत करने वाले ही इस देश की असल ताकत है। मौलाना महमूद मदनी ने कहा हम इस देश को आबाद करने वाले हैं, जमीअत उलमा हिंद देश को आबाद करने वाला देश का सबसे पुराना संगठन है। हमें सबसे ज्यादा प्यार इस देश की शांति से है, यही वजह है कि हम सबकुछ सुनकर और सहकर भी खामोश हैं। वक्ताओं ने कहा कि देश में नफरत का माहौल बनाया जा रहा है, जिसे प्यार में बदलने की जरूरत है। नहीं तो यह हमारा प्यारा चमन बर्बाद हो जाएगा।जमीयत के अधिवेशन को लेकर पुलिस प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद रहा। अभिसूचना इकाई के अधिकारी हर हलचल पर नजर बनाए रहे और बड़ी संख्या में सुरक्षा बल तैनात रहे।