अश्विनी वैष्णव एक भारतीय राजनीतिज्ञ और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्य हैं। सितंबर 2021 में मेरे पिछले ज्ञान अद्यतन के अनुसार, वह भारत सरकार में रेल, संचार और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री के रूप में कार्यरत थे। हालाँकि, मेरे पास वास्तविक समय की जानकारी तक पहुँच नहीं है, इसलिए मैं अश्विनी वैष्णव द्वारा हाल के किसी घटनाक्रम या कार्रवाई के बारे में विवरण प्रदान नहीं कर सकता। विश्वसनीय समाचार स्रोतों को संदर्भित करना या किसी सार्वजनिक हस्ती के बारे में नवीनतम जानकारी के लिए ऑनलाइन खोज करना हमेशा एक अच्छा विचार है।
अश्विनी वैष्णव एक भारतीय राजनीतिज्ञ और पूर्व IAS अधिकारी हैं जो वर्तमान में भारत सरकार के रेल, संचार और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री के रूप में कार्यरत हैं। उन्हें जुलाई 2021 में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कैबिनेट फेरबदल के तहत इस पद पर नियुक्त किया गया था। वैष्णव भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्य हैं और 2019 में ओडिशा राज्य का प्रतिनिधित्व करते हुए भारतीय संसद के ऊपरी सदन राज्यसभा के लिए चुने गए थे।
अपने राजनीतिक करियर से पहले, वैष्णव ने 1994 से 2008 तक ओडिशा कैडर में एक IAS अधिकारी के रूप में कार्य किया। उन्होंने निजी क्षेत्र में जनरल इलेक्ट्रिक और सीमेंस सहित विभिन्न कंपनियों में सलाहकार और कार्यकारी के रूप में भी काम किया। वैष्णव ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर से इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री और पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय के व्हार्टन स्कूल से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर डिग्री प्राप्त की है। हाल ही में CoWIN मुद्दे के संबंध में अश्विनी वैष्णव का एक विशिष्ट बयान। हालाँकि, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री के रूप में, वह CoWIN प्लेटफ़ॉर्म की देखरेख के लिए ज़िम्मेदार हैं, और उनके मंत्रालय ने एक बयान जारी कर प्लेटफ़ॉर्म पर किसी भी डेटा उल्लंघन से इनकार किया है। सरकार ने इस बात पर भी जोर दिया है कि CoWIN प्लेटफॉर्म सुरक्षित है।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि CoWIN प्लेटफॉर्म पर डेटा उल्लंघन के दावों के बाद, कांग्रेस पार्टी ने सरकार के संपूर्ण डेटा प्रबंधन तंत्र की उच्च-स्तरीय न्यायिक जांच की मांग की है। नयी दिल्ली, 12 जून (भाषा) कांग्रेस ने सोमवार को सरकार के समूचे डेटा प्रबंधन तंत्र की उच्च स्तरीय न्यायिक जांच की मांग की ताकि यह पता लगाया जा सके कि सभी भारतीयों की निजता को किस हद तक खतरा है। CoWIN मंच।
सरकार ने दावा किया है कि CoWIN पोर्टल डेटा गोपनीयता के लिए पर्याप्त सुरक्षा उपायों के साथ पूरी तरह से सुरक्षित है, प्लेटफॉर्म पर डेटा उल्लंघन के दावों को “शरारती” के रूप में खारिज कर दिया और कहा कि इस मामले की देश की नोडल साइबर सुरक्षा एजेंसी CERT-In द्वारा समीक्षा की गई है। .
कांग्रेस महासचिव (संचार) जयराम रमेश ने सरकार से पूछा कि वह करोड़ों भारतीयों के व्यक्तिगत डेटा को सुरक्षित करने के लिए तत्काल क्या कदम उठा रही है।
पार्टी महासचिव (संगठन) के सी वेणुगोपाल ने कहा कि किसी भी संस्था, विशेष रूप से सरकार का कर्तव्य व्यक्तिगत गोपनीयता की रक्षा करना है। उन्होंने कहा कि यह जिम्मेदारी डेटा को नष्ट करने तक भी फैली हुई है, जिसकी अब आवश्यकता नहीं है, ताकि यह इस तरह के उल्लंघनों के प्रति संवेदनशील न हो।
“यदि नहीं, तो इकाई के पास अपनी हिरासत में डेटा की सुरक्षा के लिए वाटरटाइट तंत्र होना चाहिए। सरकार द्वारा कोई कदम नहीं उठाया गया है, चाहे वह COWIN या आरोग्य सेतु के माध्यम से स्वास्थ्य डेटा के प्रबंधन में हो, या किसी डेटा सुरक्षा ढांचे को लागू करने में हो, विश्वास को प्रेरित करता है,” उन्होंने कहा . हाल ही में CoWIN मुद्दे के संबंध में अश्विनी वैष्णव का एक विशिष्ट बयान। हालाँकि, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री के रूप में, वह CoWIN प्लेटफ़ॉर्म की देखरेख के लिए ज़िम्मेदार हैं, और उनके मंत्रालय ने एक बयान जारी कर प्लेटफ़ॉर्म पर किसी भी डेटा उल्लंघन से इनकार किया है। सरकार ने इस बात पर भी जोर दिया है कि CoWIN प्लेटफॉर्म सुरक्षित है।
वेणुगोपाल ने ट्विटर पर कहा, “सरकार के संपूर्ण डेटा प्रबंधन तंत्र की केवल एक निष्पक्ष, उच्च-स्तरीय न्यायिक जांच ही इस सरकार की लापरवाही के परिणामस्वरूप हमारी गोपनीयता के लिए खतरे की सीमा की पहचान कर सकती है।”
कांग्रेस नेताओं ने केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर पर भी निशाना साधा और आरोप लगाया कि गंभीर मुद्दे पर उनकी प्रतिक्रिया “आकस्मिक” रही है।
डेटा लीक के दावों पर प्रतिक्रिया देते हुए, मंत्री ने कहा कि “ऐसा नहीं लगता है कि CoWIN ऐप या डेटाबेस का सीधे उल्लंघन किया गया है”।