आज हम आपको बताएंगे कि किन-किन फिल्मी स्टारों ने डिप्रेशन का दर्द झेला है! बॉलीवुड हो या हॉलीवुड दोनों ही एंटरटेनमेंट जगत के सितारे अपने करियर और जीवन में डिप्रेशन का शिकार रहे हैं। इनमें से कई सितारे ऐसे हैं, जिन्होंने अवसाद से लड़कर जीत हासिल की और अपनी जिंदगी और करियर को प्रभावित नहीं होने दिया। मगर कई ऐसे भी थे, जिन्होंने इसके आगे हार मान कर अपना सबकुछ तबाह कर दिया। माना जाता है कि जब किसी एक्टर का फिल्मी या ग्लैमर वर्ल्ड का करियर नहीं चलता या निजी जिंदगी में कुछ परेशानियां आ जाती हैं, तो वह खुद को डिप्रेशन में डुबा लेता है। हालांकि ऐसा जानबूझकर नहीं होता। बहुत बार तो खुद को ही नहीं पता चलता कि आदमी डिप्रेशन में है। ड्वेन जॉनसन से लेकर दीपिका पादुकोण, अनुष्का शर्मा और शाहरुख खान समेत तमाम ऐसे कई हॉलीवुड और बॉलीवुड सेलेब्स हैं, जिन्होंने डिप्रेशन की मार झेली है। मैं नहीं जानता था कि मेंटल हेल्थ क्या है, मुझे नहीं पता था कि डिप्रेशन क्या है। मुझे बस ये पता था कि मैं वहां नहीं रहना चाहता।’ ये शब्द हैं ‘ब्लैक एडम’ फेम हॉलीवुड स्टार ड्वेन जॉनसन के। हाल ही में ‘ब्लैक एडम’ ड्वेन जॉनसन ने अपनी मेंटल हेल्थ पर खुल कर बात की। बता दें कि ड्वेन जॉनसन कई बार डिप्रेशन का शिकार रह चुके हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर भी अपने डिप्रेशन से जुड़ी पोस्ट साझा की और अपने दिल की बात रखी।
उनके इस पोस्ट को बॉलीवुड की जानी-मानी एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण ने रीशेयर कर लिखा, ‘मेंटल हेल्थ मायने रखती है।’ दीपिका पादुकोण ने इस पोस्ट के साथ अपनी मेंटल हेल्थ फाउंडेशन ‘द लिव लव लाफ फाउंडेशन’ को भी टैग किया था। दीपिका पादुकोण ने आज से आठ साल पहले खुलासा किया था कि वे भी डिप्रेशन और मेंटल इलनेस से गुजरी हैं।
दीपिका पादुकोण ने अगर हॉलीवुड स्टार ड्वेन जॉनसन के डिप्रेशन पर अपना कंसर्न जाहिर किया, तो वो इसलिए कि वो उनकी उदासी और अवसाद को समझ सकती हैं। वह, क्योंकि वे भी इससे गुजर चुकी हैं। जब भी मेंटल इलनेस की बात आती है, दीपिका उस पर अपने विचार जरूर रखती हैं। उन्होंने एक गेम शो में सार्वजनिक रूप से इस बात का खुलासा किया था, ‘मुझे ऐसा लगता था कि मुझे काम पर नहीं जाना है, मैं किसी को मिलना नहीं चाहती थी, मैं बाहर नहीं जाना चाहती थी मैं कुछ नहीं करना चाहती थी।’
उसके बाद वह एक इवेंट पर भी बोलीं थीं, ‘मेरी मां ने सबसे पहले पहचाना था कि मैं डिप्रेशन से जूझ रही हूं। एक्ट्रेस ने कहा, उस दौरान मैं बिना बात के रोने लगती थीं। उन्होंने बताया कि मुझे कई बार सुसाइड करने का मन करता था। इतना ही नहीं मैं घंटों सोती थी ताकि अपने परेशानियों से भाग सकूं।’ मगर फिर दीपिका ने न केवल अपनी मानसिक बीमारी पर विजय पाई बल्कि मेंटल हेल्थ फाउंडेशन ‘द लिव लव लाफ फाउंडेशन’ की स्थापना की। अपने करियर को संवारा और ‘पीकू’, ‘बाजीराव मस्तानी’, ‘पद्मावत’, ‘गहराइयां’ और ‘पठान’ जैसी सुपरहिट फिल्में दीं और आज वह इंडस्ट्री के सुपर स्टार रणवीर सिंह के साथ खुशहाल शादीशुदा जिंदगी बिता रही हैं। दीपिका ही क्यों अनुष्का शर्मा ने तो इस मुद्दे पर बेबाकी से कहा भी है कि जब आपके पेट में दर्द होता है तो क्या आप डॉक्टर के पास नहीं जाते, तो फिर मेंटल हेल्थ से जुड़े मुद्दों पर खुलकर बात करने में शर्म कैसी? आज अनुष्का एक कामयाब एक्ट्रेस, अच्छी पत्नी और काबिल मां हैं। दीपिका और अनुष्का के अलावा मनीषा कोइराला, इलियाना डिक्रूज, शमा सिकंदर जैसी अभिनेत्रियां भी अवसाद से लड़ कर आगे बढ़ चुकी हैं।
बादशाह खान हों या लेजेंड एक्टर संजय दत्त या वरुण धवन या फिर टाइगर श्रॉफ। और तो और महानायक भी इसकी चपेट में आ चुके हैं। एसआरके 2010 में अपनी शोल्डर इंजरी के बाद डिप्रेशन में चले गए थे, तो बाबा तो कई बार इस दर्द से गुजरे, उनकी मां नरगिस दत्त और पत्नी रिचा शर्मा के कैंसर से मृत्यु के बाद बाबा अवसादग्रस्त हो गए थे। उसके बाद कथित रूप से उनका नाम 93 के बम ब्लास्ट में आया, तब भी वह गहरे डिप्रेशन में थे। ‘फ्लाइंग जट’ की नाकामी के बाद टाइगर श्रॉफ ने इस मानसिक विकार को भुगता। फिल्म की नाकामी उनके दिल पर लग गई यही, तो वहीं वरुण धवन भी ‘बदलापुर’ करने के बाद गहरे डिप्रेशन में चले गए थे। ठीक इसी तरह से रणदीप हुड्डा भी ‘हाईवे’ और ‘सरबजीत ‘जैसे किरदारों के बाद उनमें इतना गुम हो गए कि उन्हें अवसाद ने घेर लिया था।
डिप्रेशन की जद में आए ये तमाम सितारे आज अपने करियर और जीवन में आगे बढ़ चुके हैं और सफलता की सीढ़ियां चढ़ रहे हैं। रणदीप ने मेंटल हेल्थ पर टिप्स देते हुए कहा है, ‘अगर आपके शरीर में केमिकल इम्बैलेंस होता है, तो आपको डॉक्टर से मिलना चाहिए, मगर क्या आप इसे पहले वो सारे काम कर चुके हैं, जिससे आप अकेला महसूस न करें? इन सबको करने के बाद ही आप समझ सकते हैं कि आप सच में दिमागी रूप से परेशान हैं। लेकिन अगर आप इन सबके बावजूद परेशान हैं, तो प्लीज डॉक्टर से मिलें, ये कोई टैबू नहीं है।’
उस वक्त इंडस्ट्री में हंगामा मच गया था, जब अपने जमाने की ग्लैमरस एक्ट्रेस परवीन बाबी अपने घर में मृत अवस्था में पाई गई थीं। परवीन के बारे में कहा जाता है कि वे सिजोफ्रेनिया और एक्यूट डिप्रेशन जैसी बीमारियों से गुजर रही थीं और उसका सामना न कर सकीं। उनका अंत काफी दुखद रहा। उन्हीं की तरह लेजेंड एक्टर और डायरेक्टर गुरुदत्त ने भी लंबे समय तक डिप्रेशन का सामना किया, मगर अंत में हथियार डाल दिए और नींद की गोलियां लेकर इस दुनिया को अलविदा कह दिया। कर्ज के अपने रोल के लिए मशहूर हुए एक्टर राज किरण की करियर की नाकामी उन पर इतनी भारी पड़ी कि वे डिप्रेशन की गर्त में चले गए। उन्हें एक लंबे समय तक मासिक रोगी के रूप में अस्पताल में भर्ती रहना पड़ा था। आगे चलकर तो ये अभिनेता गायब ही हो गया।
ग्वेनेथ पाल्ट्रो हों या क्रिस्टन बेल, इन दोनों ने ही डिप्रेशन को डील किया है। मिसिंग और सिस्टर जैसे सुपर हिट अमेरिकी शोज की एक्ट्रेस एश्ले जुड अपने प्रताड़ित बचपन की वजह से एक लंबे समय तक मेंटल इलनेस से पीड़ित रहीं और आखिरकार उन्होंने मदद की गुहार लगाई। जिम केरी और जॉनी डेप जैसे जाने -माने हॉलिवुड स्टार्स ने अवसाद को बहुत करीब से देखा है। डिप्रेशन से दो-दो हाथ करने वालों की फेहरिस्त काफी लंबी है, जिसमें रॉबिन विलियम्स, शेरिल क्रो, जे के रावलिंग, रयान फिलिप जैसे कई सितारे हैं, जिन्होंने इसके आगे हार नहीं मानी।