एक बयान के अनुसार भारत सरकार ने ट्विटर पर दबाव डाला था ये हम नहीं बल्कि ट्विटर के पूर्व सीईओ जैक डॉर्सी कह रहे थे! भारत सरकार ने ट्विटर के पूर्व सीईओ जैक डॉर्सी के दावों को सिरे से खारिज किया है। केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि डॉर्सी सरासर झूठ बोल रहे हैं। डॉर्सी ने एक इंटरव्यू में दावा किया था कि किसान आंदोलन के दौरान भारत सरकार ने कंपनी पर कुछ अकाउंट्स को ब्लॉक करने का दबाव डाला था। इन अकाउंट्स से सरकार की आलोचना हो रही थी। डॉर्सी का दावा है कि सरकार ने ट्विटर इंडिया के दफ्तर पर छापेमारी और उसके कर्मचारियों को गिरफ्तार करने की धमकी भी दी थी। इन दावों पर केंद्रीय मंत्री ने एक ट्वीट में कहा कि डॉर्सी के मातहत Twitter और उनकी टीम लगातार भारतीय कानूनों का उल्लंघन कर रही थी। चंद्रशेखर के मुताबिक, 2020 से लेकर 2022 तक कई बार नियम तोड़े गए। मंत्री के अनुसार, ‘डॉर्सी के ट्विटर को भारतीय कानून की संप्रभुता स्वीकारने में दिक्कत हो रही थी।’ डॉर्सी ने 2021 में Twitter CEO के पद से इस्तीफा दिया था। बाद में Twitter को एलन मस्क ने खरीद लिया। यूट्यूब शो ‘Breaking Points with Krystal and Saagar’ में डॉर्सी ने कहा, ‘किसान आंदोलन के आसपास भारत से कई रिक्वेस्ट आईं, खासतौर से उन पत्रकारों को लेकर जो सरकार को लेकर आलोचनात्मक थे और ऐसा कहा गया कि ‘हम भारत में ट्विटर को बंद कर देंगे’, ‘हम आपके कर्मचारियों के घर पर रेड करेंगे’, ‘बात नहीं मानी तो आपके ऑफिसेज बंद करवा देंगे’ और यह भारत की बात है, एक लोकतांत्रिक देश की।’
केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने ट्वीट किया, ‘यह शायद ट्विटर के इतिहास के उस बहुत ही संदिग्ध दौर को मिटाने का प्रयास है। डॉर्सी और उनकी टीम के तहत ट्विटर भारतीय कानून का बार-बार और लगातार उल्लंघन कर रहा था।’ केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने ANI से बातचीत में कहा, ‘ट्विटर एक ऐसी कंपनी है जिसका मानना है कि भारतीय कानून का पालन करना उनके लिए आवश्यक नहीं है।केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने ANI से बातचीत में कहा, ‘ट्विटर एक ऐसी कंपनी है जिसका मानना है कि भारतीय कानून का पालन करना उनके लिए आवश्यक नहीं है। चंद्रशेखर के मुताबिक, 2020 से लेकर 2022 तक कई बार नियम तोड़े गए। मंत्री के अनुसार, ‘डॉर्सी के ट्विटर को भारतीय कानून की संप्रभुता स्वीकारने में दिक्कत हो रही थी।’ डॉर्सी ने 2021 में Twitter CEO के पद से इस्तीफा दिया था। बाद में Twitter को एलन मस्क ने खरीद लिया। यूट्यूब शो ‘Breaking Points with Krystal and Saagar’ में डॉर्सी ने कहा, ‘किसान आंदोलन के आसपास भारत से कई रिक्वेस्ट आईं, खासतौर से उन पत्रकारों को लेकर जो सरकार को लेकर आलोचनात्मक थे और ऐसा कहा गया कि ‘हम भारत में ट्विटर को बंद कर देंगे’, ‘हम आपके कर्मचारियों के घर पर रेड करेंगे’, ‘बात नहीं मानी तो आपके ऑफिसेज बंद करवा देंगे’ और यह भारत की बात है, एक लोकतांत्रिक देश की।’
उनका मानना था कि उन्हें भारतीय कानून का पालन नहीं करना है और जैसे-जैसे वह आगे बढ़ती गई उन्होंने अपने नियम बनाए। भारत सरकार शुरू से ही भारत में काम करने वाली सभी कंपनियों के लिए बहुत स्पष्ट रही है कि उन्हें हमेशा भारतीय कानून का पालन करना होगा।’उनका मानना था कि उन्हें भारतीय कानून का पालन नहीं करना है और जैसे-जैसे वह आगे बढ़ती गई उन्होंने अपने नियम बनाए।चंद्रशेखर के मुताबिक, 2020 से लेकर 2022 तक कई बार नियम तोड़े गए। मंत्री के अनुसार, ‘डॉर्सी के ट्विटर को भारतीय कानून की संप्रभुता स्वीकारने में दिक्कत हो रही थी।’ डॉर्सी ने 2021 में Twitter CEO के पद से इस्तीफा दिया था। बाद में Twitter को एलन मस्क ने खरीद लिया। यूट्यूब शो ‘Breaking Points with Krystal and Saagar’ में डॉर्सी ने कहा, ‘किसान आंदोलन के आसपास भारत से कई रिक्वेस्ट आईं, खासतौर से उन पत्रकारों को लेकर जो सरकार को लेकर आलोचनात्मक थे और ऐसा कहा गया कि ‘हम भारत में ट्विटर को बंद कर देंगे’, ‘हम आपके कर्मचारियों के घर पर रेड करेंगे’, ‘बात नहीं मानी तो आपके ऑफिसेज बंद करवा देंगे’ और यह भारत की बात है, एक लोकतांत्रिक देश की।’ भारत सरकार शुरू से ही भारत में काम करने वाली सभी कंपनियों के लिए बहुत स्पष्ट रही है कि उन्हें हमेशा भारतीय कानून का पालन करना होगा।’
2020-21 में दिल्ली के भीतर किसानों ने बड़े पैमाने पर आंदोलन किया था। वे तीन कृषि कानूनों को वापस लिए जानेचंद्रशेखर के मुताबिक, 2020 से लेकर 2022 तक कई बार नियम तोड़े गए। मंत्री के अनुसार, ‘डॉर्सी के ट्विटर को भारतीय कानून की संप्रभुता स्वीकारने में दिक्कत हो रही थी।’ डॉर्सी ने 2021 में Twitter CEO के पद से इस्तीफा दिया था। बाद में Twitter को एलन मस्क ने खरीद लिया। यूट्यूब शो ‘Breaking Points with Krystal and Saagar’ में डॉर्सी ने कहा, ‘किसान आंदोलन के आसपास भारत से कई रिक्वेस्ट आईं, खासतौर से उन पत्रकारों को लेकर जो सरकार को लेकर आलोचनात्मक थे और ऐसा कहा गया कि ‘हम भारत में ट्विटर को बंद कर देंगे’, ‘हम आपके कर्मचारियों के घर पर रेड करेंगे’, ‘बात नहीं मानी तो आपके ऑफिसेज बंद करवा देंगे’ और यह भारत की बात है, एक लोकतांत्रिक देश की।’ की मांग कर रहे थे जो बाद में मान ली गई।