आज हम आपको 41 करोड़ रुपये के इनामी साजिद मीर के बारे में बताने वाले हैं! 26 नवंबर 2008 को मुंबई के चाबड़ हाउस में घुसे आतंकियों को फोन पर यह निर्देश दे रहा था लश्कर-ए-तैयबा का आतंकवाद साजिद मीर। भारत ने पिछले साल यूएन में यह ऑडियो टेप सुनाया था। साजिद मीर ने 26/11 के मुंबई आतंकवादी हमलों में अहम भूमिका निभाई थी। लश्कर-ए-तैयबा का बड़ा आतंकवादी है। भारत और अमेरिका सालों से उसके पीछे पड़े हैं। संयुक्त राष्ट्र में उसे ग्लोबल टेररिस्ट घोषित करने का प्रस्ताव आता है, चीन अड़ंगा लगा देता है। मंगलवार को भी चीन ने ही किया। पाकिस्तान में मौजूद साजिद मीर पर अमेरिका के फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन ने 5 मिलियन डॉलर का इनाम घोषित कर रखा है। मंगलवार को जब भारत और अमेरिका ने वैश्विक आतंकवादी के रूप में मीर को काली सूची में डालने, उसकी संपत्ति जब्त करने, यात्रा प्रतिबंध और हथियार प्रतिबंध लगाने के लिए प्रस्ताव पेश किया तो चीन ने वीटो कर दिया। पिछले साल सितंबर में भी चीन ने मीर को आतंकवादी घोषित करने के प्रस्ताव पर अड़ंगा लगाया था। आइए जानते हैं कि साजिद मीर कौन है और चीन क्यों उसे बचाने पर तुला है। साजिद मीर की गिनती भारत के मोस्ट वॉन्टेड आतंकियों में होती है। अमेरिका ने 26/11 आतंकी हमलों के लिए उसपर 5 मिलियन डॉलर यानी लगभग 41 करोड़ रुपये का इनाम रखा है। जून में पाकिस्तान की एक एंटी-टेररिज्म कोर्ट ने उसे टेरर-फाइनेंसिंग केस में 15 साल से ज्यादा जेल की सजा सुनाई थी।
पाकिस्तान में। पाकिस्तान ने पहले दावा किया था कि मीर की मौत हो चुकी है। हालांकि, उसकी बात पर न तो भारत को यकीन हुआ, न पश्चिमी देशों को।पाकिस्तान में। पाकिस्तान ने पहले दावा किया था कि मीर की मौत हो चुकी है। हालांकि, उसकी बात पर न तो भारत को यकीन हुआ, न पश्चिमी देशों को। साजिद मीर की मौत के सबूत मांगे गए तो पाक आनाकानी करने लगा। पिछले साल FATF में साजिद मीर को लेकर पाकिस्तान बुरी तरह घिरा था जिसके बाद सच सामने आया।साजिद मीर की मौत के सबूत मांगे गए तो पाक आनाकानी करने लगा। पिछले साल FATF में साजिद मीर को लेकर पाकिस्तान बुरी तरह घिरा था जिसके बाद सच सामने आया।
साजिद मीर ही नहीं, चीन पिछले कुछ सालों में कई पाकिस्तानी आतंकवादियों की ढाल बना है। पाकिस्तान ने पहले दावा किया था कि मीर की मौत हो चुकी है। हालांकि, उसकी बात पर न तो भारत को यकीन हुआ, न पश्चिमी देशों को। साजिद मीर की मौत के सबूत मांगे गए तो पाक आनाकानी करने लगा। पिछले साल FATF में साजिद मीर को लेकर पाकिस्तान बुरी तरह घिरा था जिसके बाद सच सामने आया।साजिद मीर की मौत के सबूत मांगे गए तो पाक आनाकानी करने लगा। पिछले साल FATF में साजिद मीर को लेकर पाकिस्तान बुरी तरह घिरा था जिसके बाद सच सामने आया।लश्कर-ए-तैयबा के मुखिया हाफिज सईद के बेटे तल्हा सईद को बैन करने के प्रस्ताव को भी चीन ने रोका था। जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को चीन लंबे समय से UNSC में बचाता आ रहा है। LeT के ही शाहिद महमूद और अब्दुल रहमान मक्की के अलावा अजहर के भाई अब्दुल रऊफ को भी चीन ने बचाया! चीन की ऐसी चालों के पीछे है लोकल जियोपॉलिटिक्स। चीन चाहता है कि भारत क्षेत्रीय लड़ाइयों में पाकिस्तान से उलझा रहे। पाकिस्तान और चीन में पर्दे के पीछे कुछ सांठगांठ है। चीन उसके आतंकियों को बचाता है और बदले में पाकिस्तान को इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स और कर्ज वगैरह मिलते हैं।
UNSC में साजिद मीर के खिलाफ प्रस्ताव पर चीन ने वीटो किया।पाकिस्तान ने पहले दावा किया था कि मीर की मौत हो चुकी है। हालांकि, उसकी बात पर न तो भारत को यकीन हुआ, न पश्चिमी देशों को। साजिद मीर की मौत के सबूत मांगे गए तो पाक आनाकानी करने लगा। पिछले साल FATF में साजिद मीर को लेकर पाकिस्तान बुरी तरह घिरा था जिसके बाद सच सामने आया।साजिद मीर की मौत के सबूत मांगे गए तो पाक आनाकानी करने लगा। पिछले साल FATF में साजिद मीर को लेकर पाकिस्तान बुरी तरह घिरा था जिसके बाद सच सामने आया। काउंटर-टेरर मीटिंग के दौरान जॉइंट सेक्रेटरी प्रकाश गुप्ता ने कहा कि ‘अगर हम छोटे भू-राजनीतिक हितों के चलते स्थापित आतंकवादियों को नहीं पकड़ सकते – जिन्हें संयुक्त राष्ट्र ने अलग-अलग वैश्विक परिदृश्यों में प्रतिबंधित कर रखा है – तो हमारे पास वास्तव में आतंकवाद की इस चुनौती से ईमानदारी से लड़ने के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति नहीं है।’ गुप्ता ने कहा कि आतंकवाद पर ‘दोहरे मापदंडों’ से बचना चाहिए और ‘अच्छे आतंकी बनाम बुरे आतंकवादी’ की बात कर अपने व्यवहार को न्यायोचित ठहराने से बचना चाहिए।