क्या फाइव स्टार होटलों में हो रहा है फ्री स्टे?

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हाल ही में एक खबर फैली थी कि फाइव स्टार होटलों में फ्री स्टे हो रहा है! फाइव स्टार होटल्स में अगर एक कॉफी भी पी जाए तो अच्छी खासी जेब खाली करनी पड़ती है। लंच या डिनर हो गया तो समझो गए हजारों रुपये। अब अगर होटल में 2 दिन रुकना पड़ जाए तो फिर कहां बजट लाख से कम जाने वाला है। फाइव स्टार होटल है तो फिर बिल तो आएगा ही, लेकिन बिल की चिंता तो उन्हें हो न जिसे बिल चुकाना हो। ऐसे लोगों का क्या जिनकी जेब में एक रुपया नहीं, लेकिन रहना है तो सिर्फ फाइव स्टार में और वो भी एक दो दिन नहीं महीनों, सालों। जाहिर सी बात है आपके मन में भी ये सवाल तो उठ ही रहा होगा कि आखिर कैसे सालों तक ये लोग होटल में रह लेते हैं और होटल स्टाफ इन्हें कुछ कहता भी नहीं। जिन फाइव स्टार होटल्स में लोगों को कॉफी पीने के लिए इतना सोचना पड़ता है वहां ये लोग महीनों सालों गुजार दे रहे और वो भी बिना पैसे के। कैसे ये लोग ठगी करते हैं, कैसे ये फाइव स्टार होटल्स के पढ़े लिखे स्टाफ को इतनी आसानी से चूना लगा देते हैं, ये हम आपको बाद में बताएंगे, पहले जान लीजिए वो केस जहां फ्री में ये लोग रुके हैं।

राजधानी दिल्ली में बना एक खूबसूरत फाइव स्टार होटल जिसमें रहना किसी का भी सपना हो सकता है। वहां एक शख्स ने बिना पैसे के 2 साल गुजार दिए। जी हां अंकुश दत्ता दिल्ली के एयरोसिटी में बने पांच सितारा होटल रोसेट हाउस में 603 दिन तक रहा और जब बिल देने की बारी आई तो फरार हो गया। अंकुश का बिल 58 लाख रुपये का बना था। उसके कमरे का बिल ही 45 लाख था। बाकी बिल खाना-पीना और दूसरी सुविधाओं का। अंकुश इस होटल में 30 मई 2019 को आया था और 22 जनवरी, 2021 तक होटल में रहा, लेकिन एक भी पैसे नहीं दिए।

दिल्ली का मौर्या होटल जहां देश-विदेश से आने वाले लोग रुकते हैं। इस होटल में पुष्कर गोयल नाम का एक शख्स भी पहुंच गया अपने परिवार के साथ। होटल का सबसे अच्छा वाला रूम बुक करवाया। चार दिन तक ये अपने परिवार के साथ यहां रुका। अच्छा खाना-पीना खाया, मिनी बार का मजा भी लिया। यानी पूरी मौज मस्ती की, लेकिन जब बिल देने की बारी आई तो बैंक के नाम फर्जी ट्रांजेक्शन कर दी। जब बैंक के पास पैसा नहीं आया तो स्टाफ ने पुष्कर से पेमेंट करने के लिए कहा लेकिन ये उल्टा लड़ने लगा।

अब जान लीजिए ये लोग कैसे होटल स्टाफ को ठगते हैं। फाइव स्टार होटल में ज्यादातर स्टाफ बेहद पढ़ा-लिखा और समझदार होता है लेकिन बावजूद इसके ये एक के बाद एक ये ठगी हो रही हैं। वजह कई हैं। होटल स्टाफ हमेशा ग्राहक का लेवल देखकर उन्हें ट्रीट करता है। अगर कोई ग्राहक होटल में पूरे कॉन्फिडेंस के साथ पहुंचता है और खुद को बड़े वर्ग से संबंधित बताता है तो होटल स्टाफ उसकी बातें आसानी से मान लेता है और इसी का फायदा उठाते हैं ऐसे ठग। ये ऐसे व्यवहार करते हैं कि जैसे ये काफी बड़े क्लास से ताल्लुक रखते हैं और होटल स्टाफ इनकी बात सच मान लेता है। कई बार होटल स्टाफ की मिलीभगत से भी ऐसी ठगी की जाती हैं। जो ग्राहक दिल्ली के होटल में दो साल रहा इस मामले में ऐसी ही खबरें आ रही हैं कि होटल के एक स्टाफ ने जानबूझकर इस शख्स को होटल में बिना पैसे के रहने दिया। हालांकि अभी इस मामले में जांच चल रही है, लेकिन अगर ऐसा है ठगी करना बेहद आसान हो जाता है।

ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के नाम पर भी कई बार ग्राहक होटल को चूना लगा देते हैं।अच्छा खाना-पीना खाया, मिनी बार का मजा भी लिया। यानी पूरी मौज मस्ती की, लेकिन जब बिल देने की बारी आई तो बैंक के नाम फर्जी ट्रांजेक्शन कर दी। जब बैंक के पास पैसा नहीं आया तो स्टाफ ने पुष्कर से पेमेंट करने के लिए कहा लेकिन ये उल्टा लड़ने लगा। वो कहते हैं कि पेमेंट ऑनलाइन कर दी है, थोड़ी देर में अकाउंट में क्रेडिट हो जाएंगे और फिर इस बीच फरार हो जाते हैं। चेक से पेमेंट करने के नाम पर भी ठगी होती हैं। जो ग्राहक लीला पैलेस में तीन महीने रुका था वो होटल को बाउंस चेक दे गया था। होटल स्टाफ ने उसपर भरोसा करके चेक एक्सेप्ट कर लिया, लेकिन पेमेंट नहीं हो पाई। तब जाकर ये पता चला कि पूरा मामला फ्रॉड का है।