आखिर उत्तर प्रदेश में अब कौन आया लखनऊ का गैंगस्टर?

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उत्तर प्रदेश में अब लखनऊ का गैंगस्टर एंट्री ले चुका है! उत्तर प्रदेश में सालों तक माफिया फलते-फूलते रहे। न माफियाओं पर कार्रवाई हुई और न ही शासन-प्रशासन सुधारने के कदम उठाए गए। नतीजा रहा कि राज्य के कोने-कोने में इन गैंगस्टरों और माफियाओं ने अपने पैर पसार लिए। कई छोटे तो कई बड़े। किसी पर हत्या के आरोप तो किसी पर किडनैपिंग, लूटपाट, वसूली के। योगी सरकार के आने के बाद खुलकर माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई शुरू हुई और ऐसे माफियाओं की लिस्ट तैयार हुई जिन्होंने राज्य में दहशत फैलाई हुई थी। यूपी पुलिस की इस मोस्ट वॉन्टेड लिस्ट में अब एक और मुख्तार का नाम जुड़ गया है। जी हां, यूपी पुलिस की मोस्ट वॉन्टेड लिस्ट में अब एक और मुख्तार की एंट्री हो चुकी है। चौंकिए मत, यहां बात बाहुबली मुख्तार अंसारी की नहीं हो रही है। मुख्तार अंसारी तो पहले ही इस लिस्ट में टॉप पर है और उसके काले कारनामों के लिए कोर्ट से एक-एक कर सजा मिल रही है। ये माना जा रहा है कि अब मुख्तार अंसारी का जेल से बाहर निकलना नामुमकिन है। खैर, यहां बात हम मुख्तार अंसारी की नहीं कर रहे हैं, यूपी पुलिस के अपराधियों की लिस्ट में शामिल ये दूसरा मुख्तार लखनऊ के आरामबाग का रहने वाला है।

साल 2002 में पहली बार इस मुख्तार का नाम सामने आया था। इसका सलीम उर्फ मुख्तार है। इसने एक बच्चे का अपहरण कर लिया था। अपहरण करने के बाद इस बदमाश ने बच्चे के परिवार से पांच लाख रुपये फिरौती मांगी थी। एक तरफ ये फिरौती मांग रहा था तो दूसरी तरफ इसने उस मासूम बच्चे की हत्या कर दी थी। जब ये मामला सामने आया तो इसे गिरफ्तार कर लिया गया। यहां तक की इसे सजा भी मिली। कई सालों तक ये वाराणसी जेल में रहा, लेकिन बाद में ये फरार हो गया। इसके बाद इसने अपना एक गैंग बनाया। इसके काम करने का अंदाज भी बिल्कुल मुख्तार अंसारी की तरह ही था। इसने भी अपने गैंग में अपने दो भाइयों सोहराब और रुस्तम को शामिल किया। इन तीनों भाइयों ने अपने अपराधों की शुरुआत अवैध वसूली से की थी और फिर कॉन्ट्रैक्ट किलिंग लूट, डकैती, रंगदारी वसूली हर काम को अंजाम देने लगे। लखनऊ इलाके में व्यापारियों के बीच इनका बड़ा खौफ था।इसके बाद इसने अपना एक गैंग बनाया। इसके काम करने का अंदाज भी बिल्कुल मुख्तार अंसारी की तरह ही था। इसने भी अपने गैंग में अपने दो भाइयों सोहराब और रुस्तम को शामिल किया। इन तीनों भाइयों ने अपने अपराधों की शुरुआत अवैध वसूली से की थी और फिर कॉन्ट्रैक्ट किलिंग लूट, डकैती, रंगदारी वसूली हर काम को अंजाम देने लगे। लखनऊ इलाके में व्यापारियों के बीच इनका बड़ासालों तक ये ऐसे ही अवैध कामों को करते रहे।

साल 2005 में लखनऊ में हुए एक ट्रिपल मर्डर में भी इन तीनों भाइयों का नाम सामने आया, लेकिन इनके खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। अपहरण करने के बाद इस बदमाश ने बच्चे के परिवार से पांच लाख रुपये फिरौती मांगी थी। एक तरफ ये फिरौती मांग रहा था तो दूसरी तरफ इसने उस मासूम बच्चे की हत्या कर दी थी। जब ये मामला सामने आया तो इसे गिरफ्तार कर लिया गया। यहां तक की इसे सजा भी मिली। कई सालों तक ये वाराणसी जेल में रहा, लेकिन बाद में ये फरार हो गया। इसके बाद इसने अपना एक गैंग बनाया। इसके काम करने का अंदाज भी बिल्कुल मुख्तार अंसारी की तरह ही था। इसने भी अपने गैंग में अपने दो भाइयों सोहराब और रुस्तम को शामिल किया। इन तीनों भाइयों ने अपने अपराधों की शुरुआत अवैध वसूली से की थी और फिर कॉन्ट्रैक्ट किलिंग लूट, डकैती, रंगदारी वसूली हर काम को अंजाम देने लगे।हालांकि साल 2013 में इन भाइयों के ऊपर 50 हजार का इनाम घोषित किया गया, लेकिन फिर भी ये पकड़ में नहीं आए। अपहरण करने के बाद इस बदमाश ने बच्चे के परिवार से पांच लाख रुपये फिरौती मांगी थी। एक तरफ ये फिरौती मांग रहा था तो दूसरी तरफ इसने उस मासूम बच्चे की हत्या कर दी थी। जब ये मामला सामने आया तो इसे गिरफ्तार कर लिया गया। यहां तक की इसे सजा भी मिली। कई सालों तक ये वाराणसी जेल में रहा, लेकिन बाद में ये फरार हो गया।

इसके बाद इसने अपना एक गैंग बनाया। इसके काम करने का अंदाज भी बिल्कुल मुख्तार अंसारी की तरह ही था। इसने भी अपने गैंग में अपने दो भाइयों सोहराब और रुस्तम को शामिल किया। इन तीनों भाइयों ने अपने अपराधों की शुरुआत अवैध वसूली से की थी और फिर कॉन्ट्रैक्ट किलिंग लूट, डकैती, रंगदारी वसूली हर काम को अंजाम देने लगे। उत्तर प्रदेश पुलिस की नई मोस्ट वांटेड अपराधियों की लिस्ट जारी हुई है उसमें सलीम उर्फ मुख्तार के अलावा इसके दोनों भाइयों का भी नाम शामिल है। माना जा रहा है कि मुख्तार अंसारी की तरह ही इनके ऊपर भी पुलिस जल्द कार्रवाई करेगी और ये पुलिस की गिरफ्त में आ जाएंगे।