क्या पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा से नाराज है देश?

0
268

पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा अब भारत देश नाराज हैं! प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा पर जनता की राय जानने के लिए पूरे भारत में सीवोटर स्नैप पोल ने सर्वे किया। जिसमें खुलासा हुआ है कि भारतीयों का एक बड़ा हिस्सा सीएनएन इंटरव्यू के दौरान पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की ओर से की गई टिप्पणी से नाराज है। दरअसल इंटरव्यू के दौरान ओबामा ने कहा था, ‘अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपनी बैठक में भारतीय मुस्लिम अल्पसंख्यकों की सुरक्षा का मुद्दा उठाना चाहिए। अगर मैं राष्ट्रपति होता और प्रधानमंत्री मोदी के साथ बातचीत करता, जिन्हें मैं अच्छी तरह से जानता हूं, तो मैं कहता कि अगर आप भारत में अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा नहीं करते हैं, तो इस बात की प्रबल संभावना है कि भारत अलग-थलग पड़ सकता है।’ हालांकि राजकीय यात्रा के दौरान इस तरह की विवादास्पद टिप्पणियों पर कोई आधिकारिक भारतीय प्रतिक्रिया नहीं आई है। लेकिन इससे भारतीयों में गुस्सा है और इसे देश और पीएम मोदी पर अनावश्यक हमले के रूप में देखा जा रहा है। सीवोटर स्नैप पोल के दौरान सवाल पूछा गया गया था, क्या भारत सरकार को इस टिप्पणी की निंदा करनी चाहिए? इस सवाल के जवाब में प्रत्येक 10 उत्तरदाताओं में से पांच से अधिक की राय है कि भारत सरकार को ओबामा की ओर से की गई टिप्पणियों की कड़ी निंदा करनी चाहिए। इसके विपरीत एक तिहाई से कुछ अधिक उत्तरदाताओं की राय है कि केंद्र को टिप्पणी को नजरअंदाज करना चाहिए। दिलचस्प बात यह है कि विपक्षी दलों का समर्थन करने वाले 47 प्रतिशत उत्तरदाता बहुमत के दृष्टिकोण से सहमत दिखते हैं। जबकि 38 प्रतिशत चाहते हैं कि सरकार इसे नजरअंदाज करे। उधर राजकीय यात्रा के दौरान, मीडिया आउटलेट्स, राजनेताओं और कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रपति जो बाइडेन से मानवाधिकारों और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को लेकर पीएम मोदी पर दबाव बनाने का आग्रह किया था।

शुक्रवार रात प्रधानमंत्री मोदी ने अत्यधिक सफल राजकीय यात्रा संपन्न की। इस दौरान रक्षा, दूरसंचार, सेमी कंडक्टर, ऊर्जा, शिक्षा और अंतरिक्ष एक्सप्लोरेशन और क्वांटम कंप्यूटिंग सहित अन्य अग्रणी प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में कई अहम समझौते हुए।हालांकि राजकीय यात्रा के दौरान इस तरह की विवादास्पद टिप्पणियों पर कोई आधिकारिक भारतीय प्रतिक्रिया नहीं आई है। लेकिन इससे भारतीयों में गुस्सा है और इसे देश और पीएम मोदी पर अनावश्यक हमले के रूप में देखा जा रहा है। सीवोटर स्नैप पोल के दौरान सवाल पूछा गया गया था, क्या भारत सरकार को इस टिप्पणी की निंदा करनी चाहिए? इस सवाल के जवाब में प्रत्येक 10 उत्तरदाताओं में से पांच से अधिक की राय है कि भारत सरकार को ओबामा की ओर से की गई टिप्पणियों की कड़ी निंदा करनी चाहिए। इसके विपरीत एक तिहाई से कुछ अधिक उत्तरदाताओं की राय है कि केंद्र को टिप्पणी को नजरअंदाज करना चाहिए। दिलचस्प बात यह है कि विपक्षी दलों का समर्थन करने वाले 47 प्रतिशत उत्तरदाता बहुमत के दृष्टिकोण से सहमत दिखते हैं। जबकि 38 प्रतिशत चाहते हैं कि सरकार इसे नजरअंदाज करे। राजकीय यात्रा के दौरान इस तरह की विवादास्पद टिप्पणियों पर कोई आधिकारिक भारतीय प्रतिक्रिया नहीं आई है। लेकिन इससे भारतीयों में गुस्सा है और इसे देश और पीएम मोदी पर अनावश्यक हमले के रूप में देखा जा रहा है। सीवोटर स्नैप पोल के दौरान सवाल पूछा गया गया था, क्या भारत सरकार को इस टिप्पणी की निंदा करनी चाहिए? इस सवाल के जवाब में प्रत्येक 10 उत्तरदाताओं में से पांच से अधिक की राय है कि भारत सरकार को ओबामा की ओर से की गई टिप्पणियों की कड़ी निंदा करनी चाहिए।

इसके विपरीत एक तिहाई से कुछ अधिक उत्तरदाताओं की राय है कि केंद्र को टिप्पणी को नजरअंदाज करना चाहिए। दिलचस्प बात यह है कि विपक्षी दलों का समर्थन करने वाले 47 प्रतिशत उत्तरदाता बहुमत के दृष्टिकोण से सहमत दिखते हैं। जबकि 38 प्रतिशत चाहते हैं कि सरकार इसे नजरअंदाज करे।हालांकि राजकीय यात्रा के दौरान इस तरह की विवादास्पद टिप्पणियों पर कोई आधिकारिक भारतीय प्रतिक्रिया नहीं आई है। लेकिन इससे भारतीयों में गुस्सा है और इसे देश और पीएम मोदी पर अनावश्यक हमले के रूप में देखा जा रहा है। सीवोटर स्नैप पोल के दौरान सवाल पूछा गया गया था, क्या भारत सरकार को इस टिप्पणी की निंदा करनी चाहिए? इस सवाल के जवाब में प्रत्येक 10 उत्तरदाताओं में से पांच से अधिक की राय है कि भारत सरकार को ओबामा की ओर से की गई टिप्पणियों की कड़ी निंदा करनी चाहिए। इसके विपरीत एक तिहाई से कुछ अधिक उत्तरदाताओं की राय है कि केंद्र को टिप्पणी को नजरअंदाज करना चाहिए। दिलचस्प बात यह है कि विपक्षी दलों का समर्थन करने वाले 47 प्रतिशत उत्तरदाता बहुमत के दृष्टिकोण से सहमत दिखते हैं। जबकि 38 प्रतिशत चाहते हैं कि सरकार इसे नजरअंदाज करे। राष्ट्रपति जो बाइडेन ने औपचारिक स्वागत और आधिकारिक भोज के अलावा व्हाइट हाउस में एक निजी रात्रिभोज के लिए प्रधानमंत्री मोदी की मेजबानी की, जिसमें 500 से अधिक अतिथि शामिल हुए। राजकीय यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी दो अवसरों पर अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र को संबोधित करने वाले पहले भारतीय नेता बने। दर्जनों बहुराष्ट्रीय कंपनियों के सीईओ से मिलने के अलावा, प्रधानमंत्री ने न्यूयॉर्क और वाशिंगटन में दो बार भारतीय प्रवासियों को भी संबोधित किया।