आज हम आपको बताएंगे कि ऑनलाइन चोरी आखिर कैसे हो रही है! हर आदमी अपनी मेहनत की कमाई का कुछ हिस्सा अपने सेविंग के रूप में रखना चाहता है। मिडिल क्लास आदमी के लिए बेहद मुश्किल होता है पैसा बचाना, लेकिन बावजूद इसके अपने खर्च में कमी करके वो कुछ सेविंग करता है। अगर हम कहें कि मिडिल क्लास की उसी सेविंग पर नजर गड़ाए हुए है देश में फैला साइबरों ठगों का गैंग तो कुछ भी गलत नहीं होगा। आपके बैंक अकाउंट में 50 हजार है या फिर पांच लाख, ये लुटेरे सिर्फ 10 मिनट में इन पैसों को गायब कर सकते हैं और वो भी सिर्फ एक फोन नंबर से। नोएडा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पुलिस ने ऐसे 900 फोन नंबरों की पहचान की है जो बैंक खाली करने वाले फोन नंबर थे। चौंकिए मत यह सच है और इससे भी बड़ा सच ये है कि ये सिर्फ 900 नंबर नहीं है बल्कि सैकड़ों और भी ऐसे नंबर मौजूद हैं जिनकी पहचान अभी नहीं हो पाई है। पुलिस सबसे पहले इन 900 नंबरों को ब्लॉक करने का प्लान कर रही है। जी हां अभी ये भी ब्लॉक नहीं हुए हैं, यानी लूट के इन नंबरों से भी अभी आपके पास कॉल आ सकती है।
ये एक लंबा नेटवर्क है जिसके तार झारखंड के जामताड़ा और राजस्थान के मेवात से जुड़े हुए हैं। जो 900 नंबर पुलिस को मिले है ये जामताड़ा गैंग के ही है। किसी एक नाम पर ये नंबर नहीं है, इन ठगों ने अलग-अलग रिश्तेदारों, दोस्तों, पड़ोसियों के नाम पर ये नंबर लिए हुए हैं जिनका इस्तेमाल ऑनलाइन लूट के लिए किया जाता है।ये एक लंबा नेटवर्क है जिसके तार झारखंड के जामताड़ा और राजस्थान के मेवात से जुड़े हुए हैं। जो 900 नंबर पुलिस को मिले है ये जामताड़ा गैंग के ही है। किसी एक नाम पर ये नंबर नहीं है, इन ठगों ने अलग-अलग रिश्तेदारों, दोस्तों, पड़ोसियों के नाम पर ये नंबर लिए हुए हैं जिनका इस्तेमाल ऑनलाइन लूट के लिए किया जाता है। साइबर क्राइम नोएडा दिल्ली एनसीआर में काफी तेजी से बढ़ा है। सिर्फ नोएडा में ही रोज 5-6 मामले साइबर क्राइम के आते हैं। सोचिए रोज पांच से 6 लोग अपनी मेहनत कमाई गंवा देते हैं। साइबर क्राइम नोएडा दिल्ली एनसीआर में काफी तेजी से बढ़ा है। सिर्फ नोएडा में ही रोज 5-6 मामले साइबर क्राइम के आते हैं। सोचिए रोज पांच से 6 लोग अपनी मेहनत कमाई गंवा देते हैं।
अब जान लीजिए इनके तरीके, क्योंकि हो सकता है कि आपके पास भी इनके नंबर से कॉल आ जाए। इसलिए ये जानना जरूरी है कि इनकी पहचान कैसे हो। पुलिस के मुताबिक ये फोन नंबर्स का इस्तेमाल अलग-अलग तरह से हो रहा था।साइबर क्राइम नोएडा दिल्ली एनसीआर में काफी तेजी से बढ़ा है। सिर्फ नोएडा में ही रोज 5-6 मामले साइबर क्राइम के आते हैं। सोचिए रोज पांच से 6 लोग अपनी मेहनत कमाई गंवा देते हैं। साइबर क्राइम नोएडा दिल्ली एनसीआर में काफी तेजी से बढ़ा है। सिर्फ नोएडा में ही रोज 5-6 मामले साइबर क्राइम के आते हैं। सोचिए रोज पांच से 6 लोग अपनी मेहनत कमाई गंवा देते हैं। ओएलएक्स वेबसाइट के नाम पर आपके पास फोन आ सकता है, बैंक कर्मी बनकर ये इन नंबर्स से फोन कर सकते हैं, केवाईसी अपडेट करने के नाम पर भी कॉल आ सकती है। इसके अलावा ये बुजुर्ग लोगों के पास अक्सर फोन करते हैं, कारण है उनकी पेंशन की प्रॉब्लम को लेकर उन्हें ठगना।
अभी ये सारे नंबर एक्टिव ही है, लेकिन कुछ ही दिनों में इन्हें ब्लॉक कर दिया जाएगा। ऐसे और नंबरों की भी पुलिस पहचान कर रही है ताकि साइबर फ्रॉड को रोका जा सके।साइबर क्राइम नोएडा दिल्ली एनसीआर में काफी तेजी से बढ़ा है। सिर्फ नोएडा में ही रोज 5-6 मामले साइबर क्राइम के आते हैं। सोचिए रोज पांच से 6 लोग अपनी मेहनत कमाई गंवा देते हैं। साइबर क्राइम नोएडा दिल्ली एनसीआर में काफी तेजी से बढ़ा है। सिर्फ नोएडा में ही रोज 5-6 मामले साइबर क्राइम के आते हैं। सोचिए रोज पांच से 6 लोग अपनी मेहनत कमाई गंवा देते हैं। अगर आपके पास ऐसी कोई भी कॉल आती है तो किसी भी कीमत उनके झांसे में ना आए। वो आपसे आपके डॉक्यूमेंट्स की डिटेल्स मांग सकते हैं, जैसे आधार कार्ड नंबर, पैन नंबर, बैंक अकाउंट नंबर या फिर आपके परिवार के किसी और सदस्य का आधार नंबर या पैन नंबर। इसके अलावा वो आपको कुछ लुभावने ऑफर भी दे सकते हैं, लेकिन आपको उनकी किसी बात पर यकीन नहीं करना। जब तक ये सभी नंबर ब्लॉक नहीं हो जाते तब तक बेहद सावधानी की जरूरत है।