हाल ही में बीजेपी ने एक बार फिर से ऑपरेशन लोटस को अंजाम दे दिया है! महाराष्ट्र में पिछली बार की गलतियों से सीख लेते हुए BJP ने इस बार बहुत खामोशी और धैर्य से ‘ऑपरेशन लोटस’ का अंजाम दिया। सूत्रों के अनुसार पिछले कुछ दिनों में अजीत पवार को अपने पाले में करने की दिशा में कई दौर की मीटिंग हुई। BJP हड़बड़ी में कोई फैसला नहीं लेना चाहती थी। पार्टी ने अजीत पवार को संदेश दिया कि इस बार पहल और अंजाम तक पहुंचाने की जिम्मेदारी उनकी होगी जिसके बाद ही पार्टी उनके साथ होगी। अंतत: जब तीन दिन पहले अजीत पवार ने अपने समर्थक विधायकों की लिस्ट सौंपी, तब अंतिम प्रहार की रणनीति बननी शुरू हुई। महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस दोनों ने दिल्ली में अमित शाह और जे. पी. नड्डा से मुलाकात की और तय किया अब NCP के अंदर सर्जिकल स्ट्राइक करने का सही वक्त आ गया है। सूत्रों के अनुसार, जिस दिन शरद पवार ने सुप्रिया सुले को पार्टी की कमान सौंपी उस दिन से अजीत पवार ने मन बना लिया था और BJP नेतृत्व से संपर्क सूत्र स्थपित हो गया। महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी BJP के लिए अगले साल होने वाले आम चुनाव के हिसाब से खतरा बन रही थी। शिवसेना, NCP और कांग्रेस, BJP के लिए उस राज्य में बड़ी चुनौती थी जहां 2019 में पार्टी ने शिवसेना के साथ गठबंधन में राज्य की 48 लोकसभा सीट में 41 सीटें जीती थीं। 2024 में पार्टी को तगड़ी चुनौती मिली रही थी।
ऐसे में पहले एकनाथ शिंदे की मदद से शिवसेना को और अब अजीत पवार की मदद से NCP को पूरी हालांकि, पार्टी को पता है कि असली चुनौती अब शुरू होती है।जिस दिन शरद पवार ने सुप्रिया सुले को पार्टी की कमान सौंपी उस दिन से अजीत पवार ने मन बना लिया था और BJP नेतृत्व से संपर्क सूत्र स्थपित हो गया। महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी BJP के लिए अगले साल होने वाले आम चुनाव के हिसाब से खतरा बन रही थी। शिवसेना, NCP और कांग्रेस, BJP के लिए उस राज्य में बड़ी चुनौती थी जहां 2019 में पार्टी ने शिवसेना के साथ गठबंधन में राज्य की 48 लोकसभा सीट में 41 सीटें जीती थीं। 2024 में पार्टी को तगड़ी चुनौती मिली रही थी। अलग-अलग धड़े को अगले दस महीने तक साथ रखना, सत्ता का संतुलन बनाए रखना यह आसान नहीं होगा।जिस दिन शरद पवार ने सुप्रिया सुले को पार्टी की कमान सौंपी उस दिन से अजीत पवार ने मन बना लिया था और BJP नेतृत्व से संपर्क सूत्र स्थपित हो गया। महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी BJP के लिए अगले साल होने वाले आम चुनाव के हिसाब से खतरा बन रही थी। शिवसेना, NCP और कांग्रेस, BJP के लिए उस राज्य में बड़ी चुनौती थी जहां 2019 में पार्टी ने शिवसेना के साथ गठबंधन में राज्य की 48 लोकसभा सीट में 41 सीटें जीती थीं। 2024 में पार्टी को तगड़ी चुनौती मिली रही थी। ऐसे समय में जब विपक्षी एकता की गंभीर पहल हो रही थी और जिसके लिए महाराष्ट्र एक मॉडल राज्य के उभर रहा था, BJP ने उसी राज्य में NCP को तोड़कर विपक्ष के हौसले को पस्त करने की कोशिश की है। BJP नेतृत्व का दावा है कि आने वाले दिनों में पार्टी विपक्ष को कुछ और राज्यों में बड़ा झटका दे सकती है। तोड़कर अब राज्य में अपनी स्थिति फिर मजबूत करने की कोशिश की है।
हालांकि, पार्टी को पता है कि असली चुनौती अब शुरू होती है। अलग-अलग धड़े को अगले दस महीने तक साथ रखना, सत्ता का संतुलन बनाए रखना यह आसान नहीं होगा।हालांकि, पार्टी को पता है कि असली चुनौती अब शुरू होती है। अलग-अलग धड़े को अगले दस महीने तक साथ रखना, सत्ता का संतुलन बनाए रखना यह आसान नहीं होगा। ऐसे समय में जब विपक्षी एकता की गंभीर पहल हो रही थी और जिसके लिए महाराष्ट्र एक मॉडल राज्य के उभर रहा था, BJP ने उसी राज्य में NCP को तोड़कर विपक्ष के हौसले को पस्त करने की कोशिश की है। BJP नेतृत्व का दावा है कि आने वाले दिनों में पार्टी विपक्ष को कुछ और राज्यों में बड़ा झटका दे सकती है। ऐसे समय में जब विपक्षी एकता की गंभीर पहल हो रही थी और जिसके लिए महाराष्ट्र एक मॉडल राज्य के उभर रहा था, BJP ने उसी राज्य में NCP को तोड़कर विपक्ष के हौसले को पस्त करने की कोशिश की है। BJP नेतृत्व का दावा है कि आने वाले दिनों में पार्टी विपक्ष को कुछ और राज्यों में बड़ा झटका दे सकती है।