हाल ही में हुए क्रिकेट में अंग्रेज क्रिकेट का कानून नहीं मान रहे हैं! क्रिकेट के जनक कहे जाने वाले अंग्रेज 2019 में पहली बार विश्व विजेता बने। इस जीत के साथ ही क्रिकेट की दुनिया की सबसे बड़ी कॉन्ट्रोवर्सी भी हुई। डबल सुपर ओवर वाले खिताबी मुकाबले का निर्णय बाउंड्री काउंट से निकाला गया और इयान मोर्गन की कप्तानी वाली इंग्लैंड टीम पहली बार विश्व विजेता बनी। इस फैसले पर न केवल केन विलियमसन की कप्तानी वाली रनर अप टीम, बल्कि पूरी दुनिया यह कहती रह गई कि इससे बड़ा क्रिकेट में धोखा नहीं हो सकता है। दूसरी ओर, अंग्रेज नियम का हवाला देकर पतली गली से निकल लिए। अब द एशेज सीरीज 2023 के दूसरे टेस्ट में जब मेरिलबोन क्रिकेट क्लब एमसीसी के नियम के तहत ही ऑस्ट्रेलिया ने जॉनी बेयरस्टो को आउट किया और वे मैच हार गए तो छाती पीट-पीटकर खेल भावना की उलाहना दे रहे हैं।सदस्यों को कंगारू टीम को गालियां बकने के लिए सस्पेंड कर दिया है। हालांकि, जो कुछ भी हुआ वह बेहद शर्मनाक है। कम से कम खेल के मैदान पर तो ऐसा नहीं होना चाहिए। मैच में उनके बल्ले पर गेंद लगी थी, जबकि कन्फ्यूजन में अंपायर ने उनके कैच को नॉटआउट करार दिया तो वह मैदान पर ही डटे रहे। अगर इतनी ही खेल भावना होती तो वह मैदान छोड़ देते जैसा कि एडम गिलक्रिस्ट किया करते थे। यह भी हैरान करने वाली बात है कि खुद इंग्लैंड टीम आयरलैंड के खिलाफ बेन फोक्स ने एंडी बलबिरनी को स्टंपिंग आउट किया था ऐसे ही मामले में शामिल रह चुकी है। उस टीम में जो रूट, कप्तान इयान मोर्गन भी शामिल थे। अब यही इयान मोर्गन खेल भावना की बात करते हुए अच्छे नहीं लग रहे हैं। कॉमेंट्री कर रहे मोर्गन इस फैसले से खुश नहीं दिखे।
2022 में जब भारत की दीप्ति शर्मा ने बार-बार चेतावनी के बावजूद रन लेने के लिए गेंद फेंकने से पहले क्रीज छोड़ रही चार्ली को आउट किया तब भी इंग्लैंड के पुरुष क्रिकेटर गुस्से से पागल हुए जा रहे थे। खासकर युवराज सिंह से एक ओवर में 6 छक्के खाने वाले स्टुअर्ट ब्रॉड के तेवर देखते बन रहे थे, जबकि वह कुछ ही समय पहले ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ की गई अपनी करतूत को भूल गए थे। दूसरी ओर, जब ऑस्ट्रेलियाई टीम पवेलियन लौट रही थी तो क्रिकेट को जेंटलमैन खेल कहने वाले खुद MCC के मेंबर्स उस्मान ख्वाजा और डेविड वॉर्नर से मारपीट करने पर आमादा दिखाई दिए। MCC ने 3 सदस्यों को कंगारू टीम को गालियां बकने के लिए सस्पेंड कर दिया है। हालांकि, जो कुछ भी हुआ वह बेहद शर्मनाक है। कम से कम खेल के मैदान पर तो ऐसा नहीं होना चाहिए। मैच में उनके बल्ले पर गेंद लगी थी, जबकि कन्फ्यूजन में अंपायर ने उनके कैच को नॉटआउट करार दिया तो वह मैदान पर ही डटे रहे। अगर इतनी ही खेल भावना होती तो वह मैदान छोड़ देते जैसा कि एडम गिलक्रिस्ट किया करते थे।
अब बात करते हैं इंग्लैंड के टेस्ट कप्तान बेन स्टोक्स की। वनडे वर्ल्ड कप के फाइनल में जब 3 गेंदों में जीत के लिए 9 रनों की जरूरत थी और मार्टिन गुप्टिल का स्टंप्स की ओर बढ़ता थ्रो रन के लिए दौड़ रहे बेन स्टोक्स के बल्ले पर जा लगा। सदस्यों को कंगारू टीम को गालियां बकने के लिए सस्पेंड कर दिया है। हालांकि, जो कुछ भी हुआ वह बेहद शर्मनाक है। कम से कम खेल के मैदान पर तो ऐसा नहीं होना चाहिए। मैच में उनके बल्ले पर गेंद लगी थी, जबकि कन्फ्यूजन में अंपायर ने उनके कैच को नॉटआउट करार दिया तो वह मैदान पर ही डटे रहे। अगर इतनी ही खेल भावना होती तो वह मैदान छोड़ देते जैसा कि एडम गिलक्रिस्ट किया करते थे।इसके बाद गेंद बाउंड्री लाइन को पार कर गई और अंत में स्कोर बराबर हो गया। उस वक्त बेन स्टोक्स ने कुछ नहीं कहा। न किया। नियमों के तहत यह सही था और अंग्रेज इसे तकदीर मान रहे थे। अगर खेल भावना होती तो यहां स्टोक्स को 4 रन छोड़ देने चाहिए थे या फिर इंग्लैंड को डबल सुपर ओवर टाई होने पर ट्रॉफी शेयर करना चाहिए था।
दूसरी ओर, जब ऑस्ट्रेलियाई टीम पवेलियन लौट रही थी तो क्रिकेट को जेंटलमैन खेल कहने वाले खुद MCC के मेंबर्स उस्मान ख्वाजा और डेविड वॉर्नर से मारपीट करने पर आमादा दिखाई दिए। MCC ने 3 सदस्यों को कंगारू टीम को गालियां बकने के लिए सस्पेंड कर दिया है। हालांकि, जो कुछ भी हुआ वह बेहद शर्मनाक है। कम से कम खेल के मैदान पर तो ऐसा नहीं होना चाहिए।