हाल ही में एस जयशंकर तंजानिया गए हुए थे! हिंद महासागर में चीन के बढ़ते दखल पर नकेल कसने के लिए भारत ने रणनीतिक तैयारियां शुरू कर दी हैं। ईरान, ओमान के पोर्ट पर मौजूदगी बढ़ाने के साथ ही अब पूर्वी अफ्रीकी देशों के साथ संबंधों को मजबूत किया जा रहा है। जी हां, विदेश मंत्री एस. जयशंकर अरब सागर से लगे देश तंजानिया पहुंच चुके हैं। खास बात यह है कि भारत का युद्धपोत आईएनएस त्रिशूल भी इस समय तंजानिया में खड़ा है। 2003 में इसे भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था। यह आधुनिक हथियारों, सेंसर और कई भूमिका निभाने में सक्षम हेलिकॉप्टरों के साथ चलता है। यहां के शहर दार-ए-सलाम का नाम शायद आपने सुना हो। 2016 में अफ्रीकी देशों की यात्रा पर निकले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तंजानिया के इसी शहर पहुंचे थे। वहां रेड कार्पेट वेलकम के साथ स्थानीय लोगों ने तिरंगा झंडा हाथों में लेकर पीएम का स्वागत किया था। परंपरा के तहत मोदी ने वहां ‘दोस्ती का ड्रम’ भी बजाया था। इससे पहले 2011 में तत्कालीन पीएम मनमोहन सिंह भी तंजानिया गए थे। ऐसे में यह जानना जरूरी हो जाता है कि जयशंकर किस मिशन पर तंजानिया में हैं। बुधवार को जंजीबार पहुंचे विदेश मंत्री वहां के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात करने वाले हैं। खास बात यह है कि भारतीय नौसेना का जहाज ‘त्रिशूल’ भी इस समय तंजानिया में है। उस पर आयोजित स्वागत समारोह में जयशंकर ने हिस्सा लिया। उन्होंने वहां की कई तस्वीरें भी ट्वीट की हैं। तंजानिया पहुंचते ही जयशंकर ने लिखा, ‘जंजीबार पहुंचा हूं। गर्मजोशी से स्वागत के लिए पर्यटन मंत्री सिमाई सईद को धन्यवाद। तंजानिया में अपने कार्यक्रम को लेकर उत्सुक हूं, जिससे हमारी ऐतिहासिक साझेदारी और गहरी होगी।’
दरअसल, दरअसल, जयशंकर विशेष मिशन पर तंजानिया में हैं। वह भारत सरकार से मिले कर्ज से बन रही जल आपूर्ति परियोजना की समीक्षा करेंगे। खास बात यह है कि भारतीय नौसेना का जहाज ‘त्रिशूल’ भी इस समय तंजानिया में है। उस पर आयोजित स्वागत समारोह में जयशंकर ने हिस्सा लिया। उन्होंने वहां की कई तस्वीरें भी ट्वीट की हैं। तंजानिया पहुंचते ही जयशंकर ने लिखा, ‘जंजीबार पहुंचा हूं। गर्मजोशी से स्वागत के लिए पर्यटन मंत्री सिमाई सईद को धन्यवाद। तंजानिया में अपने कार्यक्रम को लेकर उत्सुक हूं, जिससे हमारी ऐतिहासिक साझेदारी और गहरी होगी।’विदेश मंत्री दार-ए-सलाम भी जाएंगे, जहां वह अपने समकक्ष के साथ भारत-तंजानिया संयुक्त आयोग की 10वीं बैठक की सह-अध्यक्षता करेंगे। वह कई कैबिनेट मंत्रियों से भी मिलने वाले हैं। विशेष मिशन पर तंजानिया में हैं। वह भारत सरकार से मिले कर्ज से बन रही जल आपूर्ति परियोजना की समीक्षा करेंगे। विदेश मंत्री दार-ए-सलाम भी जाएंगे, जहां वह अपने समकक्ष के साथ भारत-तंजानिया संयुक्त आयोग की 10वीं बैठक की सह-अध्यक्षता करेंगे। वह कई कैबिनेट मंत्रियों से भी मिलने वाले हैं।
वह भारत के संसदीय मैत्री समूह के सदस्यों से मिलेंगे और भारत-तंजानिया व्यापार बैठक की शुरुआत करेंगे। खास बात यह है कि भारतीय नौसेना का जहाज ‘त्रिशूल’ भी इस समय तंजानिया में है। उस पर आयोजित स्वागत समारोह में जयशंकर ने हिस्सा लिया। उन्होंने वहां की कई तस्वीरें भी ट्वीट की हैं। तंजानिया पहुंचते ही जयशंकर ने लिखा, ‘जंजीबार पहुंचा हूं। गर्मजोशी से स्वागत के लिए पर्यटन मंत्री सिमाई सईद को धन्यवाद। तंजानिया में अपने कार्यक्रम को लेकर उत्सुक हूं, जिससे हमारी ऐतिहासिक साझेदारी और गहरी होगी।’ मंत्री दार-ए-सलाम में स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा का भी अनावरण करेंगे। भारत और तंजानिया के बीच पारंपरिक रूप से घनिष्ठ और मैत्रीपूर्ण संबंध रहे हैं।
तंजानिया के प्राकृतिक गैस क्षेत्र के विकास में भारत ने हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया है। दरअसल एक दशक पहले ही दुनिया को पता चला कि तंजानिया से लगे समंदर में प्राकृतिक गैस का विशाल भंडार मौजूद है। यह भारत के लिए अहम है क्योंकि तंजानिया की तेल कंपनी को खड़ा करने में भारत की विशेष भूमिका है। तंजानिया भी चाहता है कि उसके गैस भंडारों के दोहन में भारत सहयोग करे।
तंजानिया में भारतीयों की अच्छी-खासी संख्या है।खास बात यह है कि भारतीय नौसेना का जहाज ‘त्रिशूल’ भी इस समय तंजानिया में है। उस पर आयोजित स्वागत समारोह में जयशंकर ने हिस्सा लिया। उन्होंने वहां की कई तस्वीरें भी ट्वीट की हैं। तंजानिया पहुंचते ही जयशंकर ने लिखा, ‘जंजीबार पहुंचा हूं। गर्मजोशी से स्वागत के लिए पर्यटन मंत्री सिमाई सईद को धन्यवाद। तंजानिया में अपने कार्यक्रम को लेकर उत्सुक हूं, जिससे हमारी ऐतिहासिक साझेदारी और गहरी होगी।’ वे ज्यादातर कारोबारी हैं, जो वहां की अर्थव्यवस्था में काफी योगदान करते हैं। विशेष रूप से गुजराती कारोबारियों का तंजानिया से संपर्क का लंबा इतिहास रहा है।