भारत में स्थित मुसलमानों के लिए क्या बोले अजीत डोभाल?

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हाल ही में अजीत डोभाल ने भारत में स्थित मुसलमानों के लिए एक बयान दिया है! भारत में मुसलमानों की सुरक्षा को लेकर उठती आवाजों के बीच एनएसए अजित डोभाल ने बड़ा बयान दिया है। राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने कहा है कि भारत में किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं है। दुनिया में किसी भी देश के मुकाबले भारत में मुस्लिमों की आबादी दूसरे नंबर पर है। इस आबादी के पैमाने को समझाने के लिए डोभाल ने उदाहरण भी दिया। उन्‍होंने कहा कि मुस्लिमों की यह आबादी इस्‍लामिक को-ऑपरेशन के 33 सदस्‍य देशों की कुल आबादी के करीब-करीब बराबर है। अजित डोभाल ने यह बात सऊदी अरब के पूर्व न्‍याय मंत्री डॉ. मोहम्मद बिन अब्दुलकरीम अल-ईशा के सामने कही। अल-ईशा को दुनियाभर में नरमपंथी इस्‍लाम की आवाज माना जाता है। अल-ईशा भारत के पांच दिवसीय दौर पर हैं। राजधानी में इंडिया इस्‍लामिक कल्‍चरल सेंटर में आयोजित एक कार्यक्रम में मंगलवार को दोनों ने मंच साझा किया। पूर्व अमेरिकी राष्‍ट्रपति बराक ओबामा, उद्योगपति जॉर्ज सोरोस से लेकर आरबीआई के गवर्नर रह चुके रघुराम राजन भारत में मुस्लिमों की हालत पर चिंता जता चुके हैं। अजित डोभाल ने इस तरह की चिंता को सिरे से खारिज किया हैएनएसए बोले कि भारत में इस्‍लाम 7वीं सदी में आया। पैगंबमर मोहम्‍मद के वक्‍त यह आया था। भारत में गहरी समझ रखने वालों हिंदुओ के साथ मुस्लिमों का समागम हो गया। इसने एक नए समाज को गढ़ा और विकसित किया। इतिहासकार यह समझने में चूक गए कि इसके कारण लोग एकसाथ कैसे आए। उनका फोकस राजनीतिक घटनाक्रम तक सीमित रहा। अजित डोभाल ने पवित्र कुरान का जिक्र कर कहा कि यह सभी को एकसाथ रहने के लिए प्रेरित करती है। इस्‍लाम सहयोग की बात करता है। साथ ही ऐसी बातों को अफवाह करार दिया है। उन्‍होंने अल-ईशा के सामने भारत में मुस्लिमों की आबादी का जिक्र कर इस तरह की बातों की हवाइयां उड़ा दीं।

डोभाल ने कहा कि भारत में कोई भी बिना किसी जाति-धर्म और रंगभेद के पूरी आजादी के साथ रह सकता है। वह बोले कि भारत दुन‍िया में दूसरा सबसे बड़ा मुस्लिम आबादी वाला देश है। इस्‍लामिक को-ऑपरेशन के 33 सदस्‍य देशों की कुल आबादी के यह करीब-करीब बराबर है।

एनएसए बोले कि भारत में इस्‍लाम 7वीं सदी में आया। पैगंबमर मोहम्‍मद के वक्‍त यह आया था। भारत में गहरी समझ रखने वालों हिंदुओ के साथ मुस्लिमों का समागम हो गया। इसने एक नए समाज को गढ़ा और विकसित किया। इतिहासकार यह समझने में चूक गए कि इसके कारण लोग एकसाथ कैसे आए। उनका फोकस राजनीतिक घटनाक्रम तक सीमित रहा। अजित डोभाल ने पवित्र कुरान का जिक्र कर कहा कि यह सभी को एकसाथ रहने के लिए प्रेरित करती है। इस्‍लाम सहयोग की बात करता है।

इसके अलावा डोभाल ने आतंकवाद के बारे में भी बात की। उन्‍होंने कहा कि भारत कई दशकों से आतंकवाद का शिकार रहा है। देश ने 2008 मुंबई हमले सहित कई आतंकवादी हमलों का सामना किया है। भारत अपनी सुरक्षा को मजबूत करने सहित विभिन्न माध्यमों से आतंकवाद से निपटने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है। बता दें कि अजीत डोभाल हर बार मुस्लिम समाज को भरोसे में लेने के लिए उनसे सीधा संवाद कर उनका भरोसा बनाए रखने के कदम उठाते रहे हैं. ये सारे प्रयास राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के माध्यम से मोदी सरकार की उच्चतम स्तर पर मुस्लिम समुदाय का भरोसा जीतने के बड़े प्रयास भी दिखाता है. इसी दिशा में अब राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के न्योते पर मुस्लिम वर्ल्ड लीग के सेक्रेटरी जेनरल डॉ अल ईसा भारत आ रहे हैं!

अजीत डोभाल ने कहा, भारत एक बेहद जिम्मेदार शक्ति है लेकिन जब आतंक के पनाहगाहों के खिलाफ कदम उठाने की जरूरत महसूस होती है तो देशहित में आतंकवाद को खत्म करने के लिए हम किसी भी हद तक जाते हैं। गंभीर उकसावे के बावजूद, भारत कानून के शासन, मानवीय मूल्यों और मानवाधिकारों की रक्षा करता है। एनएसए ने कहा, हमारे देश में समान अवसर के कारण दुनिया के सभी धर्म यहां मौजूद हैं। भारत सभी मसलों के हल के लिए सहनशीलता, संवाद और सहयोग को बढ़ावा देता है। यही कारण है कि दूसरी सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी वाला देश होने के बावजूद वैश्विक आतंकवाद में हमारे नागरिकों की भूमिका लगभग नगण्य है। भारत और सऊदी अरब के बीच वर्षों से जारी मजबूत और बेहतर संबंधों की सराहना करते हुए डोभाल ने कहा कि यह संबंध साझा सांस्कृतिक विरासत, समान मूल्यों और आर्थिक संबंधों पर आधारित हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने कहा कि दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र भारत, अविश्वसनीय विविधता की भूमि है।