क्या खाने के आर्डर में भी हो रहा है क्राइम?

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वर्तमान में खाने के आर्डर में भी क्राइम हो रहा है! बरसात का मौसम है कौन समोसे नहीं खाना चाहेगा, लेकिन घर में समोसे बनाना आसान थोड़े ही। बस फिर क्या है ऑनलाइन ऑर्डर है न। ऐसा कई बार होता है कि हम खाना ऑनलाइन ऑर्डर कर देते हैं। कभी समोसे, कभी नूडल्स, कभी बटर चिकन तो कभी मनपसंद टेस्टी आलू परांठे। शहरों में ये आम बात है। जोमैटो, स्विगी जैसी ऑनलाइन फूड डिलीवरी साइट्स के जरिए रोज सैकड़ों ऑर्डर होते हैं या कई बार सीधे रेस्टोरेंट को फोन करके भी ऑर्डर मंगा लिए जाते हैं। लेकिन अब इस ऑनलाइन ऑर्डर को करने से पहले सावधान होना जरूरी है क्योंकि इसमें हो रहा है सबसे बड़ा फ्रॉड। फूड डिलीवरी के नाम पर खाली हो रहे हैं बैंक अकाउंट। मुंबई के रहने वाले डॉक्टर को 25 समोसे ऑर्डर करने की कीमत डेढ़ लाख रुपये चुकानी पड़ी है। मुंबई के KEM अस्पताल में एक डॉक्टर अपने कुछ दोस्तों के साथ आउटिंग पर थे। इन सभी दोस्तों का समोसा खाने का मन हुआ। नेट से इन्होंने एक फोन नंबर निकाला और कॉल करके 25 समोसे और कुछ और खाने का सामान ऑर्डर कर दिआ। इनके पास बिल आया 1500 रुपये। व्हाट्सएप पर ये बिल भेजा गया।

डॉक्टर ने उस मैसेज पर बिल का ऑनलाइन भुगतान भी कर दिया। इस रेस्टोरेंट ने डॉक्टर से ऑनलाइन ट्रांजेक्शन की आईडी मांगी। इन दोस्तों ने जैसा लिंक में बताया गया वैसा ही किया, लेकिन चंद मिनटों एक अंदर इनके अकाउंट से 3 चार बार पैसा कटने लगा। पहले 28000, फिर 10000, फिर कुछ और। इन्हें समझ नहीं आया ये क्या हो रहा है। सिर्फ 1500 रुपये की पेमेंट होने थी और चंद मिनटों के अंदर ही डॉक्टर के अकाउंट से 1 लाख 40 हजार रुपये निकल चुके थे। बारिश और समोसे का मजा तो ये लोग क्या ही ले पाए उल्टा पैसे ही गंवा दिए। डॉक्टर ने मुंबई के भोलवाडा पुलिस स्टेशन में इसकी शिकायत दर्ज की।

अब समझिए इस जाल को। ये साइबर क्रिमिनल्स की एक चाल थी। पिछले कुछ समय में खाने के ऑनलाइन ऑर्डर काफी ज्यादा बढ़ चुके हैं। इसलिए साइबर क्रिमिनल्स ने रेस्टोरेंट के नाम पर ये जाल बिछाया है। लोग जब खाने का ऑर्डर करते हैं तो खाने की डिशेस पर ज्यादा ध्यान देते हैं और रेस्टोरेंट की जानकारी लेना भूल जातेअब समझिए इस जाल को। ये साइबर क्रिमिनल्स की एक चाल थी। पिछले कुछ समय में खाने के ऑनलाइन ऑर्डर काफी ज्यादा बढ़ चुके हैं। इसलिए साइबर क्रिमिनल्स ने रेस्टोरेंट के नाम पर ये जाल बिछाया है। लोग जब खाने का ऑर्डर करते हैं तो खाने की डिशेस पर ज्यादा ध्यान देते हैं और रेस्टोरेंट की जानकारी लेना भूल जाते हैं। इन ठगों ने इंटरनेट पर कई ऐसी फर्जी साइट्स डाली हुई है जो आपके रेस्टोरेंट का नाम दिखाएंगी, लेकिन असल में वो साइबर क्रिमिनल्स का जाल होगा। आप ऑर्डर करेंगे तो ये ऑनलाइन बिल पे करने के लिए कहेंगे और फिर आपके पास एक ऐसा लिंक आ जाएगा जिन्हें इन्होंने तैयार किया है। लिंक पर आपने क्लिक किया तो समझों आप इनके जाल में फंस गए। बिल्कुल वैसे ही जैसा मुंबई के डॉक्टर के साथ हुआ। हैं। इन ठगों ने इंटरनेट पर कई ऐसी फर्जी साइट्स डाली हुई है जो आपके रेस्टोरेंट का नाम दिखाएंगी, लेकिन असल में वो साइबर क्रिमिनल्स का जाल होगा। आप ऑर्डर करेंगे तो ये ऑनलाइन बिल पे करने के लिए कहेंगे और फिर आपके पास एक ऐसा लिंक आ जाएगा जिन्हें इन्होंने तैयार किया है। लिंक पर आपने क्लिक किया तो समझों आप इनके जाल में फंस गए। बिल्कुल वैसे ही जैसा मुंबई के डॉक्टर के साथ हुआ।

बता दे कि यह शातिर चोरों का गैंग चोरी की घटनाओं को इतने शातिर तरीके से अंजाम देते थे कि लोगों को भनक तक नहीं लगती थी. लोग समझते थे कि कोई फूड डिलीवरी ब्वॉय खाने के डिलीवरी करने के लिए घर के पास आया है. लेकिन वह उस समय उस घर की रेकी कर रहे होते थे. प्लानिंग कर रहे होते थे कि कहां-कहां सीसीटीवी कैमरे लगे हैं और कैसे उन्हें घर का दरवाजा खोलना है ? किस वक्त घर का मालिक घर में रहता है और किस वक्त लोग बाहर जाते हैं ?

पुलिस ने इस गैंग के छह शातिर सदस्यों को गिरफ्तार किया है. जिनमे से तीन नाबालिग है. यह लोग सोने और चांदी के आभूषण चोरी कर सुनार को बेचने का काम करते थे. पुलिस ने शातिर चोरों से सोने और चांदी के जेवरात सहित नगदी भी बरामद की है. पुलिस ने दो सुनार भी गिरफ्तार किए है, जो चोरी का माल की खरीददारी किया करते थे!