हाल ही में एक ऐसी घटना हुई जिसमें एक इंसान आदिमानव बन गया! ड्रैकुला यानी खून चूसने वाला पिशाच। जो गला काटकर शरीर का पूरा खून चूस लेता है, लेकिन कई बार ऐसी घटनाएं हो जाती है जिनपर ये जानते हुए भी कि ये हकीकत है यकीन करना मुश्किल हो जाता है। खून पी जाऊंगा कहते लोगों को अक्सर आपने सुना होगा, लेकिन पुणे में एक ऐसी घटना सामने आई है जहां एक दोस्त ने दूसरे दोस्त के गले को काटकर खून पीना शुरू कर दिया। खून पीने से शुरू ये वारदात अंत भी हुई तो खून पर जाकर। महाराष्ट्र का पिंपरी-छिंदवाड़ा जिला। दो दोस्त राहुल लोहार और इश्तियाक खान के बीच अच्छी दोस्ती थी। दोनों का साथ-उठना बैठना भी था। मौज-मस्ती के लिए दोनों साथ में बैठकर ही शराब पीते थे। करीब एक हफ्ते पहले भी दोनों दोस्त एक साथ बैठकर दारू पी रहे थे। बातचीत का दौर भी चल रहा था और खाना-पीना भी। तभी अचानक इश्तियाक खान ने राहुल को एक अजब सी बात कही। दोनों पूरी तरह से नशे में थे। इश्तियाक ने कहा कि मैं तेरा खून पीना चाहता हूं। पहले तो राहुल को लगा कि ये कोई मजाक है, लेकिन इश्तियाक अचानक सीरियस होने लगा।
वो राहुल की तरफ लपका। राहुल पूरी तरह से नशे में था। इश्तियाक ने राहुल के गले पर हमला कर दिया। अपने दांत से उसने राहुल के गले को काट दिया और उसके गले से उसी तरह खून पीने लगा जैसे फिल्मों में ड्रैकुला पीता है। थोड़ी देर पहले तक जो दोनों के बीच दोस्ती थी वो खून पीने तक पहुंच चुकी थी। राहुल ने अपना बचाव करना शुरू किया। बड़ी मुश्किल से उसने इश्तियाक को दूसरी तरफ फेंका और वहां से चला गया।
ये कहानी यहां पर खत्म नहीं हुई। दोस्ती और बदले की कहानी आगे बढ़ी। राहुल उस खौफ की रात को अपने दिमाग से नहीं निकाल पा रहा था। उसके अंदर बदले की आग जल रही थी और वो किसी भी कीमत पर इश्तियाक से बदला लेना चाहता था। एक रात इश्तियाक सो रहा था, ये मौका पाकर उसके घर पहुंच गया। इसने पास से ही एक बड़ा पत्थर उठाया और इश्तियाक के सिर पर दे मारा। इश्तियाक की मौत हो गई। कभी दोनों अच्छे दोस्त रहे थे, लेकिन एक घटना ने सब कुछ खत्म कर दिया।
ऐसा ही खून पीने का एक भयानक मामला कर्नाटक के चिक्काबल्लापुर में सामने आया था। यहां एक पति को अपनी पत्नी और अपने एक दोस्त के बीच नाजायज संबंध होने का शक था। इसी शक के आधार विजय नाम के इस शख्स ने अपने दोस्त मारेश के कत्ल की योजना बनाई। विजय अपने एक अन्य दोस्त जॉन के साथ मारेश को बहला फुसलाकर जंगल में ले गया और वहां धारदार हथियार उसका गला काट दिया। गला काटने के बाद विजय ने उसका खून पिया और उसके दोस्त जॉन ने इसका खून पीते हुए वीडियो बनाया। इस खौफनाक घटना ने पूरे राज्य सनसनी मचा दी थी।
यहि नहीं आपको बता दें कि एक और सीरियल किलर डिओगो ऐल्वेस था तो स्पेन का, लेकिन उसने पुर्तगाल में ऐसा कहर मचाया था कि आज भी सालों बाद उसका नाम सुनकर पुर्तगाल के लोगों की सांसे थमने लगती हैं। डिओगो ऐल्वेस का जन्म 1818 में स्पेन के गैलेसिया में हुआ था। वो बेहद गरीब परिवार से था। पैसो की कमी की वजह वो छोटी ही उम्र में नौकरी की तलाश करने लगा, लेकिन उसे नौकरी नहीं मिली। नौकरी की तलाश उसे पुर्तगाल के लिस्बन तक ले गई। लंबे समय तक वो यहां नौकरी तलाशता रहा, लेकिन वहां जाकर भी उसे नौकरी नहीं मिली। पैसों की कमी और जॉब न होने की वजह से ऐल्वेस अपराध का ऐसा रास्ता चुना जिसने आगे चलकर उसे हैवान बनाया दिया। ऐल्वेस को पैसों की जरूरत थी और उसने इसके लिए लोगों को लूटना शुरू किया। वो लोगों को पकड़ता और फिर उनसे पैसे लूट लेता। धीरे-धीरे उसे इस काम में मज़ा आने लगा। उसने अब इस काम अंजाम देने के लिए और भी खतरनाक रास्ता चुना।
ऐल्वेस के निशाने पर होते थे सीधे-सादे किसान। अब उसने किसानों का कत्ल करना भी शुरू कर दिया था। दरअसल किसान अपनी खेती का सामान फल-सब्जी आनाज बेचने बाजार में जाते थे। वो रात को सामान बेचकर वापस लौटते थे। सामान बेचने की वजह से उनके पास पैसे होते थे जिसे ऐल्वेस ने लूटना शुरू कर दिया। इतना ही नहीं अब ऐल्वेस पैसा लूटने के बाद किसानों का कत्ल भी करने लगा। ऐल्वेस ने एक पुल को अपने अपराध का अड्डा बनाया था। ये पुल गांव को शहर से जोड़ता था। किसानों को रात में इस पुल से होकर गुजरना होता था। सीरियल किलर ऐल्वेस इस पुल में छुपकर बैठ जाता था। जब किसान इधर से गुजरते तो वो उनसे पहले पैसा लूटता और फिर बड़ी ही बेरहमी से उनको मौत देता। ये ऐल्वेस का रोज का काम था। नदी से एक के बाद एक किसानों की लाशें मिल रही थीं, लेकिन कत्ल कौन कर रहा है इस बात का कोई सुराग हाथ नहीं लग रहा था।
बता दे कि फांसी के बाद वैज्ञानिकों की मांग पर इस सीरियल किलर के सिर को संभालकर रखा गया। इस बात को 176 साल हो चुके हैं, लेकिन आज भी इस सीरियल किलर का सिर ज्यो का त्यो हैं। इसे लिक्विड सॉल्यूशन में डालकर लिस्बन यूनिवर्सिटी में रिसर्च के लिए रखा गया है। दरअसल उस दौरान पुर्तगाल में फ्रेनोलॉजी यानी ब्रेन स्टडी की पढ़ाई का काफी क्रेज था। वैज्ञानिकों का मानना था कि इस खुंखार सीरियल किलर की के ब्रेन की स्टडी से कई नई चीज़ें सामने आएंगी जो कि फ्रेनोलॉजी के छात्रों के लिए मददगार साबित होंगी।