आज हम आपको डॉ. बिंदेश्वर पाठक और बिग बी की कहानी सुनाने जा रहे हैं! सुलभ इंटरनेशनल के संस्थान सामाजिक कार्यकर्ता और मानवतावादी चिंतक डॉ. बिंदेश्वर पाठक। स्टूडियो की चकाचौंध रोशनी में नहाया मंच। सामने पिंक कलर की सदरी में बैठे डॉ. बिंदेश्वर पाठक और सामने कौन बनेगा करोड़पति के होस्ट अमिताभ बच्चन। जी हां, कौन बनेगा करोड़पति के इतिहास में इस दिन को हमेशा याद रखा जाएगा। इस दिन शो में एक ऐसे व्यक्ति को मेहमान बनाया गया जिन्होंने मैला ढोने की अमानवीय प्रथा को अपनी कोशिशों से खत्म करने का काम किया। आपको बता दें कि सवाल पटना से संबंधित था। इस सवाल की जड़ में पटना का गांधी मैदान था। जहां गांधी जी की सबसे ऊंची कांस्य प्रतिमा लगी है। प्रश्न था कि देश में कहां गांधी जी की सबसे बड़ी कांस्य प्रतिमा लगी है। उसका जवाब पटना था। हालांकि, इस सवाल का जवाब दोनों नहीं दे सके। डॉ. बिंदेश्वर पाठक ने काफी देर सोचने के बाद ‘फ्लिप द क्वेश्चन’ नामक लाइफ लाइन का इस्तेमाल किया और सवाल बदल दिया। कौन बनेगा करोड़पति के हॉट सीट पर बैठे बिंदेश्वर पाठक ने अपने संघर्षों के साथ सुलभ इंटरनेशनल के सफलता की कहानी शेयर की। उन्होंने बताया कि इसकी शुरुआत कैसे की। हालांकि, इस दौरान गेम खेलने में वे पटना के ही एक सवाल का जवाब नहीं दे पाए। गांधी जयंती के अवसर पर कर्मवीर नाम के विशेष एपिसोड में आमंत्रित पद्मभूषण डॉ. बिंदेश्वर पाठक पहुंचे थे। इस दौरान अमिताभ बच्चन ने सबसे पहले उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। अमिताभ ने उनके लिए बोलते हुए कहा कि आपने यहां आकर लाखों लोगों के मनोबल को जागृत किया है। कार्यक्रम में आई एक महिला ने कहा कि हम लोग तो बचपन से मैला ढोते थे। उस महिला ने यहां तक कहा कि गांधी जी को मैने पाठक जी में देखा है।
इस दौरान अमिताभ बच्चन ने महात्मा गांधी के सिद्धांतों को मानने वाले डॉ. बिंदेश्वर पाठक को गेम के रूल समझाए। डॉ. बिंदेश्वर पाठक गेम शो में साढ़े बारह लाख रुपये की राशि जीते। उसके बाद अगला प्रश्न आते ही हूटर बज गया और खेल समाप्त हो गया। डॉ. बिंदेश्वर पाठक को सहयोग देने के लिए देश के दूसरे सबसे बड़े स्वच्छ शहर इंदौर के नगर निगम आयुक्त आशीष सिंह भी बैठे थे। सवाल पटना से संबंधित था। इस सवाल की जड़ में पटना का गांधी मैदान था। जहां गांधी जी की सबसे ऊंची कांस्य प्रतिमा लगी है। प्रश्न था कि देश में कहां गांधी जी की सबसे बड़ी कांस्य प्रतिमा लगी है। उसका जवाब पटना था। हालांकि, इस सवाल का जवाब दोनों नहीं दे सके। डॉ. बिंदेश्वर पाठक ने काफी देर सोचने के बाद ‘फ्लिप द क्वेश्चन’ नामक लाइफ लाइन का इस्तेमाल किया और सवाल बदल दिया।
इसी दौरान एक मौके पर बिंदेश्वर पाठक ने अमिताभ बच्चन को एक्यूप्रेशर के कुछ ऐसे टिप्स दिए कि अमिताभ के मुंह से निकला महाशय चरण स्पर्श। बिग बी ने जब एक हालात का जिक्र किया। उसके बाद डॉ. बिंदेश्वर पाठक ने कहा कि जल्दी से पेशाब रोकने का अजीब नुस्खा बता दिया। बिंदेश्वर पाठक के अनुसार हथेली में छोटी उंगली के पास दबाकर अगर वहां वर्गाकार आकार में घुमाया जाए तो पेशाब करीब दो घंटे तक रोका जा सकता है। ये तरीका जानने के बाद बिग बी हैरान रह गए। उन्होंने पहले तो अपने हाथों पर ऐसा कर के देखा। इसके बाद उन्होंने अपने हाथों को आगे बढ़ाते हुए बिंदेश्वर पाठक से कहा भाई साहब- चरण स्पर्श।
डॉ. बिंदेश्वर पाठक एक समाज सुधारक हैं। इन्होंने मानवता की चिंता करते हुए सुलभ इंटरनेशनल की स्थापना की। ये संस्था मानव अधिकारों, पर्यावरण स्वच्छता, ऊर्जा के गैर-पारंपरिक स्रोतों, अपशिष्ट प्रबंधन और सामाजिक सुधारों को बढ़ावा देने के लिए काम करती है। युवावस्था में उन्हें भारत में मैला ढोने वाले समुदाय की दुर्दशा के बारे में बताया गया।सवाल पटना से संबंधित था। इस सवाल की जड़ में पटना का गांधी मैदान था। जहां गांधी जी की सबसे ऊंची कांस्य प्रतिमा लगी है। प्रश्न था कि देश में कहां गांधी जी की सबसे बड़ी कांस्य प्रतिमा लगी है। उसका जवाब पटना था। हालांकि, इस सवाल का जवाब दोनों नहीं दे सके। डॉ. बिंदेश्वर पाठक ने काफी देर सोचने के बाद ‘फ्लिप द क्वेश्चन’ नामक लाइफ लाइन का इस्तेमाल किया और सवाल बदल दिया। उसके बाद उन्होंने सुलभ इंटरनेशनल की स्थापना की और लोगों को इस कलंक से मुक्ति दिलाई। वे हमेशा सिर पर मैला ढोने वाली प्रथा के खिलाफ रहे। उन्होंने इसे बदलने का संकल्प लिया। उसके बाद उन्होंने सुलभ इंटरनेशनल सोशल सर्विस ऑर्गेनाइजेशन बनाया। नागरिकों को स्वच्छ शौचालय की सुविधा देने की पहल की। डॉ. बिंदेश्वर पाठक के प्रयास के बाद देश से मैला ढोने की प्रथा कमोवेश खत्म हो गई।