जब मुलायम सिंह ने दिया सुषमा स्वराज का साथ!

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एक ऐसा समय जब मुलायम सिंह ने सुषमा स्वराज का साथ दिया था! आज ऐसी तस्‍वीर शायद ही दिखाई देती है। हंसते हुए मुलायम सिंह यादव, साथ में खिलखिलातीं सुषमा स्‍वराज और पीछे उन्‍हें देखते पवन कुमार बंसल। आप जरूर सोच रहे होंगे कि एक फ्रेम में तीन अलग-अलग प्रतिद्वंद्वी पार्टी के सदस्‍यों की यह तस्‍वीर कब की है? क्‍यों ये तीनों एक साथ दिख रहे हैं? मुलायम सिंह तो बीजेपी के धुर विरोधी थे तो सुषमा और मुलायम साथ में कैसे हैं? इनके आपसी रिश्‍ते कैसे थे? ‘तस्‍वीर की कहानी’ की तीसरी कड़ी में हम आपको इन सभी सवालों के जवाब देंगे। साथ में इस तस्‍वीर में दिख रहे दो प्रमुख किरदारों यानी मुलायम सिंह यादव और सुषमा स्‍वराज से जुड़ा एक और किस्‍सा भी बताएंगे। यह तब का है जब सुषमा बहुत टेंशन में थीं। मुलायम सिंह ने उनके पक्ष में कुछ ऐसा बयान दिया था कि लोग हैरान हो गए थे। एक प्रतिद्वंद्वी के लिए शायद ही दूसरे दल का कोई नेता ऐसा बोलता है। पहले बात करते हैं इस तस्‍वीर कर लेते हैं। यह 2010 की है। मॉनसून सत्र से पहले लोकसभा स्‍पीकर ने सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। उन दिनों सुषमा स्‍वराज विपक्ष की नेता हुआ करती थीं। उनके तीखें और तथ्‍य वाले भाषणों से सत्‍ता की चूलें हिल जाती थीं। उनके धारदार भाषणों का हर कोई कायल था। उन दिनों 2जी स्‍पेक्‍ट्रम घोटाले को लेकर विपक्ष ने सरकार को घेर रखा था। विपक्ष ने साफ कर दिया था कि जब तक घोटाले की संयुक्‍त संसदीय समिति से जांच नहीं कराई जाती है तब तक वह संसद नहीं चलने देगा।

गतिरोध को खत्‍म करने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई गई थी। संसद में इस दौरान यह तस्‍वीर खींची गई थी। तस्‍वीर में तत्‍कालीन समाजवादी पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव के साथ हंसते हुए सुषमा स्‍वराज और कांग्रेस के पवन कुमार बंसल दिखते हैं। सुषमा और मुलायम में बेशक विचारों की लड़ाई थी। लेकिन, आपसी रिश्‍ते बहुत अच्‍छे थे। सुषमा मुलायम का बहुत सम्‍मान करती थीं। मुलायम भी उनका उतना ही आदर करते थे। कई मौकों पर तो मुलायम ने सुषमा स्‍वराज के पक्ष में हैरान करने वाले बयान दिए। बात 2015 की है। सुषमा स्‍वराज पूर्व IPL कमिश्नर ललित मोदी की मदद करने के आरोपों का सामना कर रही थीं। तब मुलायम ने कहा था कि एक महिला के सौ खून माफ हैं। इस बयान को सुषमा के पक्ष में देखा गया था। उन दिनों सुषमा विदेश मंत्री थीं।

मुलायम की यह टिप्पणी उस दिन आई थी जब संसद के दोनों सदन विपक्षी पार्टियों के शोर शराबे के बाद स्थगित कर दिए गए थे। कांग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टियों की ओर से विदेश मंत्री के इस्तीफे की मांग पर जब पांच सांसदों वाली समाजवादी पार्टी के मुखिया से सवाल पूछा गया तो उनका जवाब था, ‘आप जानते हैं कि मेरी पार्टी महिलाओं के बारे में क्या सोचती है। औरतों के सौ खून माफ होते हैं।’ उन्होंने संवाददाताओं से पूछा था, ‘आप सभी एक महिला के पीछे क्यों पड़े हुए हैं।’ समाजवादी पार्टी ने यह भी साफ कर दिया था कि संसद सत्र में सुषमा स्वराज उनके निशाने पर नहीं होंगी। आपको बता दें कि पौराणिक चरित्र भीष्म पितामह और समाजवादी पार्टी सपा के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के बीच तुलना करते हुए, केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता सुषमा स्वराज ने सोमवार को फिल्म अभिनेता और रामपुर के खिलाफ उनकी पार्टी के नेता आजम खान द्वारा की गई ‘खाकी अंडरवियर’ टिप्पणी पर मुलायम से प्रतिक्रिया मांगी। यहि नहीं पंद्रहवीं लोकसभा के दौरान सत्तारूढ़ कांग्रेस और विपक्षी भाजपा के बीच अक्सर वाकयुद्ध होता रहता था लेकिन उसी दौरान सुषमा स्वराज और तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बीच हुयी शेरो-शायरी अब भी लोग याद करते हैं. सुषमा उस समय नेता प्रतिपक्ष थीं और कई यादगार उदाहरण हैं जिनमें दोनों नेताओं ने शेरो-शायरी के जरिए एक दूसरे पर निशाना साधा. पंद्रहवीं लोकसभा में ही एक बहस के दौरान सिंह ने भाजपा पर निशाना साधते हुए मिर्जा गालिब का मशहूर शेर पढ़ा, ‘हम को उनसे वफा की है उम्मीद, जो नहीं जानते वफा क्या है.’ इसके जवाब में सुषमा स्वराज ने कहा कि अगर शेर का जवाब दूसरे शेर से नहीं दिया जाए तो ऋण बाकी रह जाएगा. इसके बाद उन्होंने बशीर बद्र की मशहूर रचना पढ़ी, ‘कुछ तो मजबूरियां रही होंगी, यूं ही कोई बेवफा नहीं होता!