क्या पाकिस्तान से लौटे परिवार का लक्ष्य उत्तर प्रदेश में फैलाना था आतंक?

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पाकिस्तान से वापस लौटे परिवार का लक्ष्य उत्तर प्रदेश में आतंक फैलाना था! उसके चेहरे पर मासूमियत थी, वो खुद को डरा हुआ दिखा रहा था, अपने परिवार के साथ जब वो पाकिस्तान का बॉर्डर पार करके भारत आया तो उसने पाकिस्तान के खौफ की कई कहानियां सुनाई। उसने बताया कि पाकिस्तान की जेल में कैसे बीते उसके दिन। वो भारत लौटने पर अपनी खुशी बयां कर रहा था, वो खुद को देशभक्त बता रहा था, लेकिन हकीकत तो एकदम उलटी थी। ये सब उसका एक नाटक था, वो था देश का गद्दार जिसे पाकिस्तान ने भारत भेजा था आतंकवाद फैलान के लिए। उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने पाकिस्तान की एक बेहद खतरनाक चाल को उलट कर रख दिया है। शामली से कलीम नाम का एक शख्स गिरफ्तार हुआ है। कलीम उत्तर प्रदेश का ही रहने वाला है, लेकिन वो पिछले कुछ समय से अपने परिवार के साथ पाकिस्तान की जेल में बंद था। 13 अगस्त के दिन पाकिस्तान ने कलीम और उसके पिता नफीस और मां आमना को जेल से रिहा कर दिया। जेल से रिहा होने के बाद वो कड़ी सुरक्षा के बीच वापस भारत आ गया, लेकिन कलीम और उसके परिवार को जेल में रखना पाकिस्तान की एक साजिश थी।

पाकिस्तान की जेल में रची गई थी भारत के खिलाफ एक खतरनाक साजिश। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने कलीम के साथ एक खतरनाक डील की। इस डील के मुताबिक कलीम को उत्तर प्रदेश लौटने के बाद यहां पर जिहाद फैलाने के लिए काम करना था। इसे यहां पर एक आतंकी संगठन तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई थी जो राज्य के लड़कों को अपने साथ जोड़कर हिंसा फैलाने काम करेगा। इसके अलावा उत्तर प्रदेश पुलिस और देश की आर्मी से जुड़े अहम दस्तावेज और तस्वीरें भी इसे पाकिस्तान भेजनी थी।

कलीम शामली का ही रहने वाला है तो पाकिस्तान को लगा कि इसपर किसी को शक भी नहीं होगा। वो खुद को देशभक्त बताता रहेगा और वहीं रहकर गद्दारी करता रहेगा। आप ये जानकर हैरान रह जाएंगे कि सिर्फ कलीम ही नहीं बल्कि इसका पूरा परिवार देश में रहकर देश के खिलाफ साजिश रच रहा था। दरअसल कलीम, इसका भाई तस्लीम और इनके माता पिता नफीस और आमना कई बार पाकिस्तान आते-जाते रहते थे। कलीम इस बार जब पाकिस्तान से भारत लौटा तो उसने बताया कि वो अपने माता पिता के साथ पाकिस्तान गया था। इसने बताया था कि इसकी बुआ पाकिस्तान में रहती है और उन्हीं से मिलने ये वहां गया था, लेकिन वहां जाकर पाकिस्तानी पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार कर लिया। जबकि ये कहानी वो थी जो इसे आईएसआई ने बताने के लिए कहा था। इस कहानी को बताने के बाद ये उत्तर प्रदेश के शामली में अपने घर लौट आया।

सुरक्षा एजेंसियां इस पर नजर बनाए हुए थी। 5 दिन तक ये श्यामली में रहा और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के अफसर दिलशाद मिर्जा उर्फ शेख खालिद हाफिज से संपर्क में रहा और यहां से जुड़ी जानकारी पाकिस्तान भिजवाता रहा। कलीम ने नकली पेपर्स के आधार पर एक सिम कार्ड खरीदा। इस नंबर से इसने पाकिस्तान में दिलशाद के मोबाइल में एक व्हाट्सएप अकाउंट एक्टिवेट किया और उसपर लगातार चैट करता रहा। इसी चैट के जरिए इसने कई आपत्तिजनक और सेना से जुड़ी कई खुफिया चीजें पाकिस्तान तक भिजवाई।

पाकिस्तानी एजेंसी का मकसद उत्तर प्रदेश में सेना के ठिकानों की जासूसी, राफेल विमान की जासूसी और जानकारी जुटाना था, लेकिन एसटीएफ को कलीम के इरादों का वक्त रहते पता चल गया। कलीम के पास से दो मोबाइल फोन, राफेल फाइटर जेट का स्केच, आर्मी जवानों की फोटो, उर्दू में लिखे हुए कुछ संदिग्ध मैसेज के साथ पेपर बरामद हुए हैं। व्हाट्सएप की चैट को लेकर भी पुख्ता सबूत उत्तर प्रदेश पुलिस के पास हैं। कलीम की चैट से ये भी साफ हुआ कि आईएसआई ने इसे उत्तर प्रदेश में हिंसा भड़काने के लिए जरूरी सामान जैसे हथियार, गोला-बारूद और पैसे देने की बात कही है।

कलीम को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उसने देश से गद्दारी की बात कबूल कर ली है। उसने बताया कि इस बार जब वो पाकिस्तान गया था तो वो आईएसआई के कुछ सदस्यों के संपर्क में आया। कलीम ने बताया कि उसे पैसों का लालच दिया गया और उत्तर प्रदेश में जिहादी संगठन तैयार करने का काम दिया। उनका कहना था कि वो उत्तर प्रदेश ही नहीं पूरे भारत को इस्लामिक राष्ट्र में तब्दील करना चाहते और इसके लिए मुजाहिदों की जरूरत होगी। इन मुजाहिदों का काम उत्तर प्रदेश में दंगे करवाना और हिंसा फैलाना होगा ताकि मुस्लिम एकजुट हो सके।