आज हम आपको बताएंगे कि दिल्ली की G20 मीटिंग में आखिर क्या कुछ खास होगा! भारत में 8 से 10 सितंबर तक होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन में दिल्ली ट्रैफिक पुलिस को एक बड़ी ही अजीब मुश्किल का सामना करना पड़ेगा। दरअसल, इस बैठक में जी-20 के नेता अपने साथ 150 से ज्यादा लेफ्ट हैंड ड्राइव वाली गाड़ियां लेकर आएंगे। सबसे ज्यादा दिक्कत तो ये है कि भारत में लेफ्ट हैंड गाड़िया ड्राइव करना गैरकानूनी है। जी-20 सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग, कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो और फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैंक्रों सहित कई राष्ट्राध्यक्ष और राजनयिक हिस्सा लेंगे। सूत्रों के अनुसार, विदेशी राष्ट्राध्यक्षों के साथ लेफ्ट स्टेयरिंग सीट का 150 कारों काफिला भी दिल्ली उतरेगा। भारत में राइट हैंड ड्राइविंग होती है और यहां सड़क पर लगे साइनबोर्ड भी राइट हैंड गाड़ियों के लिए बनी हैं। कुछ गाड़ियां विदेशी मेहमान लाएंगे कुछ विदेश मंत्रालय ने भी मेहमानों के लिए बुलाया है।
मोटर वीइकल ऐक्ट के सेक्शन 120 के तहत राइट हैंड ड्राइविंग के लिए भारत में कानून बने हुए हैं। इस सेक्शन में कहा गया है कि किसी भी शख्स को किसी सार्वजनिक जगह पर किसी लेफ्ट हैंड ड्राइविंग वाली गाड़ी चलाने की इजाजत नहीं होगी। गौरतलब है कि जी-20 देशों में भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान, दक्षिण अफ्रीका में राइड हैंड ड्राइविंग हैं जबकि बाकी जी-20 देशों में लेफ्ट हैंड ड्राइविंग है। ट्रैफिक पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय सुरक्षा बलों CAPF के जवानों को लेफ्ट हैंड ड्राइविंग के लिए ट्रेंड किया गया है। उन्होंने बताया कि CAPF के करीब 50 प्रोफेशनल चालकों को लेफ्ट हैंड ड्राइविंग की ट्रेनिंग दी गई है। लेकिन एक ही सड़क पर एकसाथ लेफ्ट हैंड ड्राइव वाली कार और राइट हैंड ड्राइव वाली कारों के मूवमेंट को संभालना थोड़ा मुश्किल होगा।
एक अधिकारी ने नाम नहीं बताने की शर्त पर बताया कि भारत में लेफ्ट हैंड ड्राइविंग वाली कार चलाने की इजाजत नहीं है। इसके अलावा इन कारों को चलाने में दृश्यता की भी समस्या आ सकती है। ऐसे में चालक को किसी कार को ओवरटेक करना मुश्किल होगा। भारत में सभी गाड़ियां राइड हैंड ड्राइव वाली होती तो निशान से लेकर हर तरह के रोड साइन उसी के हिसाब से बनाए जाते हैं। इसके अलावा राइट हैंड कार चलाना भारतीय नियम कानून के तहत भी होता है। लेफ्ट साइड ड्राइविंग ब्रिटेन में चलन में है। ठीक वैसे ही जैसे घोड़े की सवारी करने के लिए लोग बायीं तरफ से उसपर चढ़ते हैं। इतिहासकारों का मानना है कि हो सकता है कि बायीं तरफ से गाड़ी चलाने का आइडिया इसलिए आया हो ताकि दांया हाथ फ्री रहे। 17वीं-18वीं सदी ज्यादातर देश ब्रिटिश उपनिवेश थे। जब 19वीं सदी में कार चलन में आया तो इसकी स्टेयरिंग बायीं तरफ ही था। हालांकि बाद में कई देश की दायीं तरफ वाली स्टेयरिंग की तरफ शिफ्ट हो गए। ये वो देश थे जो ब्रिटिश उपनिवेश थे और उससे आजाद होने के बाद राइड हैंड ड्राइविंग वाली गाड़िया चुनी।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अपनी स्टडी में पाया कि जिन देशों में राइट साइड ड्राइविंग हैं वहां लेफ्ट साइड ड्राइविंग वाले देशों की तुलना में सड़क पर दुर्घटनाएं की संख्या कम है। स्वीडन की नेशनल रोड एंड ट्रांसपोर्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट ने भी अपने स्टडी में पाया कि लेफ्ट से राइड हैंड ड्राइविंग की तरफ शिफ्ट होने से सड़क दुर्घटनाएं 40% तक कम हो सकती है!
यहि नहीं आपको बता दें कि दिल्ली पुलिस ने अपने उन अधिकारियों को तलब किया है, जिनके पास पुलिस की गाड़ियां काफी समय से लगी हुई हैं. दिल्ली पुलिस ने अधिकारियों को जल्द गाड़ियां वापस भेजने को कहा है. इसके साथ ही विभाग से ऐसी गाड़ियों को पेट्रोल-डीजल देना बंद करने को कहा गया है. दिल्ली पुलिस विभाग का ये आदेश उन गाड़ियों के लिए है जो जिस जिले या विभाग में अलॉट की गई थीं, वहां न चलकर कहीं और इस्तेमाल की जा रही हैं! राजधानी दिल्ली के प्रगति मैदान में सम्पन्न होने वाले इस सम्मेलन के लिए तैयारियां बीते साल से ही चल रही हैं. इनमें अधिकांश पूरी हो चुकी हैं और शेष जल्द ही पूरी होने वाली हैं. हाल ही में पीएम मोदी ने प्रगति मैदान के नए बने कॉम्प्लेक्स का लोकार्पण किया था.
सम्मेलन के लिए 8 सितम्बर तक सभी सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्ष और प्रतिनिधि मंडल एवं इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड आईएमएफ जैसी संस्थाओं के प्रतिनिधि दिल्ली पहुंच जाएंगे. इन खास मेहमानों के लिए सुरक्षा और उनकी आवाजाही को लेकर कड़े इंतजाम किए जाने हैं, जिसमें दिल्ली पुलिस की सबसे अहम भूमिका होगी!