चंद्रयान-3 की सफलता के लिए वैज्ञानिकों से क्या बोले प्रधानमंत्री मोदी?

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हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चंद्रयान-3 की सफलता के लिए वैज्ञानिकों को बधाइयां दी है! पीएम मोदी चंद्रयान-3 मिशन के जरिए दुनिया में इतिहास रचने वाले ISRO के वैज्ञानिकों को बधाई देने के लिए 26 अगस्त को बेंगलुरु पहुंचेंगे। भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री आर अशोक ने गुरुवार को कहा कि कर्नाटक भाजपा विशाल रोड शो आयोजित करके प्रधानमंत्री का भव्य स्वागत करने की योजना बना रही है। उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री मोदी 26 अगस्त को आ रहे हैं। हम बड़ी संख्या में उपस्थित होकर उनका स्वागत करेंगे और एचएएल हवाई अड्डा पर 6000 से अधिक लोग एकत्र होंगे। वह बेंगलुरु के लोगों को संबोधित भी कर सकते हैं। हमारे भाजपा राष्ट्रीय नेता संतोष जी महासचिव बी एल संतोष ने मुझे पिन्या में एक विशाल रोड शो आयोजित करने के लिए कहा है।’ अशोक ने कहा,’प्रधानमंत्री ने बेंगलुरु के लोगों को अवसर दिया है कि वे अपनी खुशियों को उनके साथ साझा करें।’ उन्होंने कहा, ‘हम बेंगलुरु के लोग मोदी का भव्य स्वागत करेंगे क्योंकि इसरो का मतलब बेंगलरु है और बेंगलुरु का मतलब इसरो है। वह यहां इसरो के वैज्ञानिकों को बधाई देने के लिए आ रहे हैं।’ हालांकि, प्रधानमंत्री की यात्रा का विवरण साझा नहीं किया गया है, लेकिन वैज्ञानिकों और अंतरिक्ष एजेंसी के अधिकारियों को बधाई देने के लिए उनके यहां इसरो परिसर में स्थित टेलीमेट्री, ट्रैकिंग और कमांड नेटवर्क आईएसटीआरएसी का दौरा करने की संभावना है।

प्रधानमंत्री मोदी ने बुधवार को इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ को चंद्रयान-3 मिशन की सफलता पर बधाई दी और कहा कि वह जल्द ही बेंगलुरु पहुंच कर पूरी टीम का स्वागत करेंगे। उन्होंने जोहानिसबर्ग से सोमनाथ से फोन पर बातचीत की थी, जहां वह ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग ले रहे हैं। प्रधानमंत्री ने फोन पर बातचीत से पहले वर्चुअल माध्यम से चांद पर चंद्रयान को उतरते देखा था। उन्होंने जोहानिसबर्ग से इसरो के वैज्ञानिकों को संबोधित भी किया था। अशोक ने कहा कि पिन्या के पास लगभग एक किलोमीटर का रोड शो आयोजित करने की योजना है और हवाई अड्डा पर भी प्रधानमंत्री के स्वागत के लिए लोगों का जमावड़ा होगा। इससे पहले चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के बाद बेंगलुरु में इसरो टेलीमेट्री, ट्रैकिंग और कमांड नेटवर्क आईएसटीआरएसी के मिशन ऑपरेशंस कॉम्प्लेक्स में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो के साइंटिस्ट खुशी से झूम उठे।इसके पहले आज दिन में इसरो ने ऐलान किया कि लैंडर से उतरकर रोवर ने अपना काम करना शुरू कर दिया है।

इसी बीच आपको बता दें कि भारत के चंद्रयान-3 ने चंद्रमा पर सफलतापूर्वक सॉफ्ट लैंडिंग कर इतिहास रच दिया। चंद्रयान-3 के लैंडर विक्रम ने अपने निर्धारित समय पर चंद्रमा के साउथ पोल पर लैंडिंग की। चंद्रमा पर सफल लैंडिंग के बाद लैंडर विक्रम सही तरीके से काम कर रहा है। लैंडर विक्रम ने चंद्रमा की सतह पर लैंडिंग के बाद पहली बार तस्वीरें भेजी है। इसरो ने चंद्रमा की सतह से भेजी गई चार तस्वीरों को ट्वीट किया। यह तस्वीरें लैंडर विक्रम के हॉरिजोन्टल वेलोसिटी कैमरा से ली गई हैं। इसके बाद लैंडर ने एक और तस्वीर भेजी है जिसमें वो लैंडिंग साइट दिख रही है। इस तस्वीर में जहां विक्रम चांद पर उतरा है उस साउथ पोल की सतह दिखाई दे रही है। लैंडिंग के बाद प्रज्ञान रोवर ने भी चांद पर चहलकदमी शुरू कर दी है।

तस्वीरों को ट्वीट करते हुए इसरो ने लिखा कि Ch-3 लैंडर और MOX-ISTRAC, बेंगलुरु के बीच संचार लिंक स्थापित किया गया है। नीचे उतरते समय ली गई लैंडर हॉरिजॉन्टल वेलोसिटी कैमरे की तस्वीरें यहां दी गई हैं। इससे पहले चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के बाद बेंगलुरु में इसरो टेलीमेट्री, ट्रैकिंग और कमांड नेटवर्क आईएसटीआरएसी के मिशन ऑपरेशंस कॉम्प्लेक्स में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो के साइंटिस्ट खुशी से झूम उठे।

चंद्रयान के चंद्रमा पर उतरने के बाद यू.आर. राव सैटेलाइट सेंटर के निदेशक एम. शंकरन ने कहा किलोग चाहते थे कि हम सफल हों। इसरो की चंद्रयान-3 परियोजना टीम ने जबरदस्त प्रयास किया है। वे पिछले चार वर्षों से चंद्रयान-3 पर काम कर रहे हैं। शंकरन ने यह भी कहा कि चंद्रयान-3 टीम को नेविगेशन, प्रोपल्शन और अन्य टीमों का भरपूर सहयोग मिला। उनके अनुसार, इस सफलता ने उन पर और जिम्मेदारी डाल दी है। उन्होंने कहा कि कि पूरा मिशन त्रुटिहीन और समय पर हुआ। चंद्रयान-3 के परियोजना निदेशक पी. वीरमुथुवेल ने कहा, भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के करीब जाने वाला दुनिया का पहला देश है।