आखिर क्यों धीरे-धीरे चल रहा है रोवर प्रज्ञान?

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रोवर प्रज्ञान धीरे-धीरे अपनी चाल चल रहा है! चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के बाद अब हर कोई यह जानना चाहता है कि रोवर प्रज्ञान क्या कर रहा। शनिवार भारतीय अंतरिक्ष अनुंसधान संगठन ने एक वीडियो जारी किया जिसमें प्रज्ञान को चांद पर चहलकदमी करते हुए देखा जा सकता है। इस नए वीडियो में प्रज्ञान शिव शक्ति पॉइंट के आसपास घूमता दिखाई दे रहा है। इसरो ने एक दिन पहले कहा था कि प्रज्ञान ने चांद की सतह सफलतापूर्वक आठ मीटर की दूरी तय कर ली है। शुक्रवार तक प्रज्ञान 1 सेमी प्रति सेकंड की रफ्तार से आठ मीटर तक आगे बढ़ चुका था। हालांकि प्रज्ञान को लेकर लोगों के मन में कई सवाल हैं। प्रज्ञान इतना हौले-हौले आगे क्यों बढ़ रहा है लोग इस बारे में भी जानना चाहते हैं। इसरो ने बताया कि प्रोपल्शन मॉड्यूल, लैंडर और रोवर के सभी पेलोड्स काम कर रहे हैं। तीनों का संपर्क बेंगलुरु सेंटर से बना हुआ है। रोवर को ऐसे डिजाइन किया गया है जिससे वह 15 मिनट में 8 मीटर की दूरी तय कर सकता है। इसरो ने हालांकि रोवर प्रज्ञान की स्पीड के बारे में विस्तार से नहीं बताया है। जैसे एक जगह पर रुकने से पहले यह एक बार में कितने मिनट तक चलता है। रुकने का समय क्या है इत्यादि।

इसरो ने विक्रम लैंडर से रोवर प्रज्ञान के निकलने और रोलडाउन करते हुए चांद की सतह पर उतरने का वीडियो भी जारी किया है। इसरो ने बताया कि रैंप से निकलकर बाहर चांद की सतह पर आने में रोवर को 8 से 10 सेकेंड का वक्त लगा। 6 पहियों वाला प्रज्ञान आहिस्ता-आहिस्ता चांद की सतह पर आगे बढ़ रहा है। शनिवार जो वीडियो जारी किया गया उसमें दिख रहा है कि कैसे प्रज्ञान चांद पर चहलकदमी कर रहा है और वहां अपनी छाप छोड़ रहा है।

इसरो की ओर से जारी अब तक के वीडियो और तस्वीरों में चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सतह काफी दिखने में काफी सख्त लग रही। कठोर रास्ते पर प्रज्ञान आगे बढ़ रहा है। 26 किलोग्राम वजन वाला प्रज्ञान जब आगे बढ़ रहा है तब वह अपनी छाप भी छोड़ रहा है। प्रज्ञान 500 मीटर के इलाके में चहलकदमी कर पानी और वहां के बारे वातावरण के बारे में इसरो को जानकारी भेजेगा।

रोवर के उपकरण एलआईबीएस और एपीएक्सएस चालू हैं। इसरो ने कहा कि प्रोपल्शन मॉड्यूल, लैंडर और रोवर पर सभी उपकरण सामान्य ढंग से काम कर रहे हैं। उपकरण अल्फा पार्टिकल एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर एपीएक्सएस का लक्ष्य चंद्र सतह की रासायनिक संरचना और खनिज संरचना का अध्ययन करना है। वहीं लेजर-इंड्यूस्ड ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोस्कोप एलआईबीएस चंद्रमा पर लैंडिंग स्थल के आसपास की मिट्टी और चट्टानों की संरचना की पड़ताल के लिए है।

चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के बाद अब हर कोई यह जानना चाहता है कि रोवर प्रज्ञान क्या कर रहा। शनिवार भारतीय अंतरिक्ष अनुंसधान संगठन ने एक वीडियो जारी किया जिसमें प्रज्ञान को चांद पर चहलकदमी करते हुए देखा जा सकता है। इस नए वीडियो में प्रज्ञान शिव शक्ति पॉइंट के आसपास घूमता दिखाई दे रहा है। इसरो ने एक दिन पहले कहा था कि प्रज्ञान ने चांद की सतह सफलतापूर्वक आठ मीटर की दूरी तय कर ली है। शुक्रवार तक प्रज्ञान 1 सेमी प्रति सेकंड की रफ्तार से आठ मीटर तक आगे बढ़ चुका था। हालांकि प्रज्ञान को लेकर लोगों के मन में कई सवाल हैं। प्रज्ञान इतना हौले-हौले आगे क्यों बढ़ रहा है लोग इस बारे में भी जानना चाहते हैं।

इसरो ने बताया कि प्रोपल्शन मॉड्यूल, लैंडर और रोवर के सभी पेलोड्स काम कर रहे हैं। तीनों का संपर्क बेंगलुरु सेंटर से बना हुआ है। रोवर को ऐसे डिजाइन किया गया है जिससे वह 15 मिनट में 8 मीटर की दूरी तय कर सकता है। इसरो ने हालांकि रोवर प्रज्ञान की स्पीड के बारे में विस्तार से नहीं बताया है। जैसे एक जगह पर रुकने से पहले यह एक बार में कितने मिनट तक चलता है। रुकने का समय क्या है इत्यादि।

इसरो ने विक्रम लैंडर से रोवर प्रज्ञान के निकलने और रोलडाउन करते हुए चांद की सतह पर उतरने का वीडियो भी जारी किया है। इसरो ने बताया कि रैंप से निकलकर बाहर चांद की सतह पर आने में रोवर को 8 से 10 सेकेंड का वक्त लगा। 6 पहियों वाला प्रज्ञान आहिस्ता-आहिस्ता चांद की सतह पर आगे बढ़ रहा है। शनिवार जो वीडियो जारी किया गया उसमें दिख रहा है कि कैसे प्रज्ञान चांद पर चहलकदमी कर रहा है और वहां अपनी छाप छोड़ रहा है। इसरो की ओर से जारी अब तक के वीडियो और तस्वीरों में चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सतह काफी दिखने में काफी सख्त लग रही। कठोर रास्ते पर प्रज्ञान आगे बढ़ रहा है। 26 किलोग्राम वजन वाला प्रज्ञान जब आगे बढ़ रहा है तब वह अपनी छाप भी छोड़ रहा है। प्रज्ञान 500 मीटर के इलाके में चहलकदमी कर पानी और वहां के बारे वातावरण के बारे में इसरो को जानकारी भेजेगा।